मंडेला शर्ट्स की धूम
१४ दिसम्बर २०१३दुनिया की इतनी मशहूर हस्ती होने के बाद भी मंडेला ने कभी भी यह छुपाने की कोशिश नहीं की कि उनकी जड़ें कहां की हैं. वह गहरे रंगों वाली कमीज पहनने में कभी नहीं हिचकिचाए.
आज वैसी ही कमीजें खरीदने के लिए उनके दर्जी की दुकान के बाहर लोगों की लाइन लगी है. मशीनों के शोर शराबे के बीच थोड़ा जोर से बोलते हुए उवेद्राओगो ने बताया, "दुकानों से लगातार मांग आ रही है." कारखाने में करीब 30 कारीगर कमीजें सिलने में व्यस्त हैं.
उन्होंने कहा, "हमारे पास स्टॉक पहले से तैयार था लेकिन पूरा खत्म हो चुका है, अब हम और बना रहे हैं." मंडेला स्टाइल में नीले और गुलाबी रंगों में बाटिक प्रिटंग वाली कमीज जिसकी आस्तीनें पीली हैं.
उनके ग्राहकों में सिर्फ आम लोग नहीं बल्कि बड़ी हस्तियां भी शामिल हैं. दुकान के बाहर उनके दूसरे मशहूर ग्राहकों निओमी कैंपबेल, आर्कबिशप डेस्मंड टुटु और पूर्व संयुक्त राष्ट्र महासचिव कोफी अन्नान और मंडेला की तस्वीर लगी हैं.
उवेद्राओगो ने कहा मंडेला ऐसे नेता थे जो अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी अलग थलग पोशाक में आने से हिचकिचाते नहीं थे. उनका हुलिया लगभग तय था, एक गहरे रंग का सूट और उसके भीतर अफ्रीकी डिजाइनों और रंगों वाली शर्ट. उन्होंने कहा, "वह दूसरों से यूं अलग थे कि उन्होंने कभी कपड़े पहन कर नहीं पूछा कि क्या यह मुझ पर अच्छा लग रहा है? मैं अजीब तो नहीं लग रहा? मुझे इस देश के प्रमुख या उस देश के प्रमुख की तरह तो कपड़े नहीं पहनने चाहिए?"
उन्होंने आगे बताया, "वह ऐसे व्यक्ति थे जिसने अपना जीवन वैसे जिया जैसे वह जीना चाहता था. वह बहुत हिम्मत वाले थे, कभी इस तरह के कपड़े पहनने में झिझकते नहीं थे. वह दूसरों की तरह नहीं थे."
मंडेला के साथ उनके इस रिश्ते की शुरुआत 1994 के आसपास हुई जब दक्षिण अफ्रीकी गायक मकेबा उनकी बनाई हुई कुछ शर्टें मंडेला के पास तोहफे के रूप में ले गए. बाद में उनके पास मंडेला की तरफ से एक खत आया जिसमें लिखा था, "अफ्रीका का भविष्य उसके कुशल कारीगरों के हाश में है."
1998 में पहली बार उनकी मंडेला से आमने सामने मुलाकात हुई. एक सम्मेलन के दौरान मंडेला ने उनके साथ करीब आधा घंटा बिताया. उवेद्राओगो ने कहा, "ज्यादातर राष्ट्राध्यक्षों से मिलने पर ऐसा होता है कि उनके और आपके बीच बहुत फासला होता है. लेकिन उनके साथ ऐसा नहीं था." उन्होंने बताया मंडेला ने उन्हें बाहों में भर लिया. "वह यह भी कह सकते थे कि यह कौन आदमी है, कोई डिजायनर या दर्जी है क्या? लेकिन उन्होंने मेरी बात सुनी. वह मेरे साथ कुछ देर तक बगीचे में टहलते रहे." इस घटना के बाद से उवेद्राओगो मंडेला के दर्जी के रूप में पहचाने जाने लगे.
अफ्रीकी देशों में उनकी कमीजों की खूब मांग है. वह इसके लिए मंडेला का शुक्रिया अदा करते हैं, उन्हीं की बदौलत आज उन्हें दुनिया भर के लोग जान रहे हैं. उन्होंने कहा, "हमारी ही तरह बहुत सारे लोगों को उनके नाम का फायदा हुआ है."
एसएफ/ओएसजे (डीपीए, एएफपी)