ब्लू स्टार में 'ब्रिटेन का हाथ'
४ फ़रवरी २०१४हेग ने संसद को बताया, "ब्रिटेन की मदद सिर्फ सलाहकार की थी और सीमित भी थी. इसने भारत सरकार को सिर्फ शुरुआती हालात का अंदाजा दिया था. तीन महीने बाद मंदिर में जो हुआ उस पर इस सलाह का बहुत ही सीमित प्रभाव था."
ब्रिटिश सरकार ने इस मामले की जांच करने का आदेश तब दिया जब एक अति गोपनीय दस्तावेज से पता चला कि ब्रिटेन की विशेष टुकड़ी ने नई दिल्ली के अनुरोध पर स्वर्ण मंदिर से आतंकियों को बाहर निकालने में सलाहकारी भूमिका निभाई थी. स्वर्ण मंदिर सिखों के सबसे पवित्र स्थलों में एक है. ब्रिटेन की तत्कालीन प्रधानमंत्री मार्गरेट थैचर की सहमति से स्पेशल एयर सर्विस (एसएएस) का एक अधिकारी भारत गया था और उसकी बनाई योजना को इंदिरा गांधी ने मंजूरी दी.
यह पता नहीं है कि फरवरी 1984 की यह योजना वास्तविक ब्लू स्टार से कितनी मिलती थी. इस कार्रवाई के बाद बदले का हिंसक चक्र लंबा चला. स्वर्ण मंदिर पर हुई सैन्य कार्रवाई में 500 लोग मारे गए. इसी के कारण इंदिरा गांधी की हत्या भी हुई. फिर सिख विरोधी दंगों का दौर शुरू हुआ जिसमें हजारों लोग मारे गए. जून 1984 की सैन्य कार्रवाई का नेतृत्व करने वाले सेवानिवृत्त जनरल के एस बरार ने हालांकि कहा कि उन्होंने ब्रिटिश मदद के बारे में पहली बार सुना है.
ब्रिटेन में गोपनीय दस्तावेज 30 साल बाद सार्वजनिक किए जाते हैं. इसी के तहत मिले पत्र में यह तथ्य सामने आया है. इसके बाद ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने मामले की जांच के आदेश दिए.
उधर ब्रिटेन के सिख नेताओं ने सोमवार को सरकार की समीक्षा की शर्तों की आलोचना की. सिख फेडरेशन के अध्यक्ष भाई अमरीक सिंह ने प्रधानमंत्री कैमरन को एक पत्र में लिखा है, "हम निराश हैं कि समीक्षा की शर्तें इसकी घोषणा के तीन हफ्ते बाद औपचारिक रूप से बताई गई और ऐसे समय जब रिव्यू का नतीजा संसद में पेश किए जाने में भी कुछ ही दिन बचे थे. ऐसा लगता है कि समीक्षा में सिर्फ सीमित समय को ही नजर में रखा गया है, 1984 के उत्तरार्ध को नहीं. वैसे तो आप पारदर्शिता की जरूरत की बात करते हैं लेकिन शर्तें बताने में देरी के अलावा ऐसा भी लगता है कि राजनीतिक कारणों से उनमें बदलाव किया गया है. इन सब तथ्यों के साथ यह दावा मेल नहीं खाता कि तेजी से पुनरावलोकन करने के लिए आपने यह किया."
टॉप सीक्रेट और पर्सनल के मार्क वाली दो चिट्ठियों में एसएएस की सर्विस के बारे में जानकारी है.
इनमें एक चिट्ठी विदेश सचिव जेफ्री हाव के निजी सचिव की है जो उन्होंने गृह मंत्रालय के सचिव को लिखी थी. इसमें उन्होंने चेतावनी दी थी कि इस ऑपरेशन से ब्रिटेन के भारतीय समुदाय में तनाव पैदा हो सकता है, खासकर अगर एसएएस की इसमें साझेदारी सार्वजनिक हो जाए." कैमरन ने कैबिनेट सचिव जेरेमी हेवुड से इस नई जानकारी की जांच करने के लिए कहा है.
ब्रिटेन में सिखों का बड़ा समुदाय है और यह पुनरावलोकन और बयान उनके लिए तो अहम है ही, लेकिन दुनिया भर में रहने वाले सिखों और भारतीय राजनीति के लिए अहम साबित हो सकता है.
एएम/एमजे (एएफपी)