ब्राजील को हैकरों की धमकी
२७ फ़रवरी २०१४पहले से जारी विरोध प्रदर्शनों और तैयारी में देरी के बीच आयोजकों के सामने यह एक और चुनौती खड़ी हो गई है. ब्राजील में ऑनलाइन क्राइम बड़ी समस्या है. आयोजक भरसक प्रयास कर रहे हैं कि सरकारी वेबसाइटों समेत फीफा की वेबसाइट को हैकरों से कैसे बचाया जाए. विश्व कप की तैयारियों पर 14 अरब डॉलर की भारी राशि खर्च होने की रिपोर्टों से नाराज ब्राजील के नागरिकों ने पिछले साल सड़कों पर उतर कर भारी प्रदर्शन किए. लोग बेहतर सामाजिक सेवाओं, पारदर्शिता और भ्रष्टाचार के खिलाफ कदम उठाए जाने की मांग कर रहे हैं.
लड़ाई में शामिल हैकर
खुद को हैकर बताने वाले संगठन एनॉनिमस के एरुआदा दिओरातो ने बताया, "हमारी योजना जारी है, मुझे नहीं लगता हमें रोकने के लिए वे ज्यादा कुछ कर सकते हैं.
रॉयटर्स समाचार एजेंसी ने जब एनॉनिमस के दिओरातो और अन्य हैकरों से संपर्क किया तो उन्होंने बताया कि उनकी नजर फीफा की वेबसाइट पर है. चे कोमोडोरे नाम के एक हैकर ने कहा, "हमला आधिकारिक वेबसाइटों और विश्व कप की प्रायोजक कंपनियों की वेबसाइटों पर होगा.""
इस साल 12 जून को खेलों का उद्धघाटन समारोह होना है. आयोजकों का ध्यान तैयारियां पूरी करने पर है. विशेषज्ञों का कहना है इस बीच कुछ तवज्जो ब्राजील के दूरसंचार ढांचे पर भी दी जाएगी. नेटवर्कों में भारी ट्रैफिक, पाइरेटेड सॉफ्टवेयर और ऑनलाइन सुरक्षा में कम निवेश भी ब्राजील की बड़ी समस्या है.
साइबर सुरक्षा के जानकार विलियम बियर ने कहा, "सवाल यह नहीं है कि क्या विश्व कप को निशाना बनाया जाएगा, सवाल है कि कब. इसलिए इस पर गौर करना बेहद जरूरी है."
कितना तैयार ब्राजील
आयोजकों का कहना है कि वे अपनी तरफ से तैयार हैं. ब्राजीलियाई सेना के साइबर कमांड प्रमुख जनरल खोसे कार्लोस दोस सांतोस का कहना है, "किसी भी राष्ट्र के लिए यह कहना मुश्किल होगा कि वे चेतावनी से निपटने के लिए शत प्रतिशत तैयार हैं. लेकिन ब्राजील ज्यादातर साइबर हमलों से निपटने के लिए तैयार है."
ब्राजील दुनिया के सबसे शातिर साइबर अपराधी समुदाय का गढ़ है. इसकी वजह से टिकट की ऑनलाइन बिक्री में पहले से ही समस्या आ रही है. 2012 में अमेरिका समेत कई देशों के बड़े बैंकों की वेबसाइटों पर हमले के लिए ब्राजील के हैकर पहले से जाने जाते हैं. इस हमले में हैकरों को वेबसाइटों को जैम करने में कामयाबी मिली थी. चे कोमोडोरे कहते हैं, "यह करने में आसान भी है और नुकसान पहुंचाने वाला भी."
उस हमले को ध्यान में रखते हुए सेना ने साइबर डिफेंस सेंटर तैयार किया जिसमें कई एजेंसियों की टास्क फोर्स शामिल हैं. जैमिंग के अलावा वेबसाइटों को डाटा की चोरी और बदनाम किए जाने का भी खतरा है. ब्राजील की पावर ग्रिड, दूरसंचार या एयर ट्रैफिक कंट्रोल पर हमला बड़ा खतरा हो सकता है. लेकिन जनरल सांतोस ने कहा, "वैसा कुछ होने की बहुत कम संभावना है."
एसएफ/एएम (रॉयटर्स)