बैंकॉक में शटडाउन
१३ जनवरी २०१४प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री यिंगलक चिनावट के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं ताकि अंतरिम सरकार चुनाव सुधारों को आगे बढ़ा सके. चिनावट के विरोधियों का मानना है कि चुनाव में सुधारों से उनके और उनके भाई थकसिन चिनावट के परिवार के राजनीतिक वर्चस्व पर सीमाएं लगाई जा सकेंगी और थाइलैंड में पैसे से चल रही राजनीतिक संस्कृति को खत्म किया जा सकेगा.
'बैंकॉक शटडाउन'
बैंकॉक की मुख्य सड़कों पर हजारों प्रदर्शनकारी झंडे लहरा रहे हैं. कुछ विरोधियों ने "बैंकॉक शटडाउन" और "थाई अपराइजिंग" वाले टीशर्ट पहने है. प्रदर्शनकारियों ने एक बड़े शॉपिंग माल पर भी धावा बोला है जिसे 2010 में जला दिया गया था. पर्यटन से गुजारा करने वाले छोटे व्यापारियों को खास तौर से परेशानी हो रही है. सरकारी अधिकारियों का कहना है कि अगर दोबारा दंगे हुए तो इमर्जेंसी का एलान किया जाएगा. सड़कों पर लगभग 20,000 सैनिकों को भी तैनात करने की बात है. पुलिस के मुताबिक 12 अस्पताल, 28 होटल, 24 स्कूल और पांच दमकल केंद्र शटडाउन से प्रभावित हैं.
विरोधियों ने प्रण लिया है कि वे राजधानी के इलाकों का तब तक घेराव करेंगे जब तक वे अपनी लड़ाई में विजयी नहीं हो जाते. उन्होंने फरवरी के चुनावों को भी न होने देने का फैसला किया है, क्योंकि उनकी राय में बिना सुधारों के थकसिन के करीबी लोग ही सरकार में आएंगे. विरोधी नेता सुथेप थागसुबान ने कहा, "यह आम लोगों का आंदोलन है." पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारियों की नजरों में यिंगलक "अब प्रधानमंत्री नहीं रहीं."
सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों ने धमकी दी है कि वे थाइलैंड के शेयर बाजार पर भी धावा बोलेंगे और अगर यिंगलक चिनावट ने जल्द इस्तीफा नहीं दिया तो वे देश के वायु यातायात नियंत्रण पर भी नियंत्रण कर लेंगे. पूर्व थाई राजनयिक और क्योतो विश्वविद्यालय में विश्लेषक पविन चचवलपोंगपुन ने कहा है, "मामला बहुत ज्वलनशील होने वाला है. एक तरह से प्रदर्शनकारी अब पीछे नहीं हट सकते. वे सारी सीमाएं पार कर चुके हैं."
अस्थिरता जारी रहेगी
हाल के प्रदर्शन तब शुरू हुए जब एक ऐसे विधेयक को पारित करने की बात चली जिससे भ्रष्टाचार का आरोप झेल रहे पूर्व प्रधानमंत्री थकसिन बिना गिरफ्तारी के डर के वापस अपने देश आ पाते. लगभग दो महीने पहले शुरू हुए प्रदर्शनों में अब तक आठ लोग मारे गए हैं जिनमें एक पुलिसकर्मी भी शामिल है. सैंकड़ों लोगों के घायल होने की खबर है. इस बार स्थानीय सेना कमांडर ने कहा है कि वे लोगों को रोकने के लिए हिंसा का प्रयोग नहीं करेंगे, बल्कि उनके साथ खड़े रहेंगे.
2010 में विरोधियों और सैनिकों के बीच झड़प में 90 से ज्यादा लोग मारे गए थे. थाइलैंड में राजनीतिक अस्थिरता 2006 से बनी हुई है जब थकसिन चिनावट को राजा भूमिबोल के समर्थकों ने पद से हटा दिया और उन्हें भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते गिरफ्तारी के डर से देश छोड़कर जाना पड़ा. 86 साल के राजा भूमिबोल अतुल्यतेज की बढ़ती उम्र और बिगड़ते स्वास्थ्य ने देश के राजनीतिक भविष्य को और अनिश्चितता की ओर धकेल दिया है.
एमजी/एमजे(एपी, एएफपी)