निजता के सम्मान के लिए कोर्ट में मोज्ले
११ जनवरी २०११मोज्ले की मांग है कि अखबार और पत्रिकाएं लोगों की निजी जिंदगी के बारे में कुछ भी छापते समय संबंधित लोगों को इसकी जानकारी दे. मोज्ले के मुताबिक लोगों के पास यह अधिकार होना चाहिए कि अगर वे चाहें तो निजता के हनन पर कोर्ट के आदेश के जरिए निजी जिंदगी से जुड़ी बातों के प्रकाशन पर रोक लगा दी जाए.
1930 के दशक में ब्रिटेन के फासीवादी नेता रहे सर ओस्वॉल्ड मोज्ले के पुत्र मैक्स मोज्ले ने जुलाई 2008 में लंदन हाई कोर्ट में एक अहम मुकदमे में जीत हासिल की. ब्रिटेन के एक अखबार ने आरोप लगाया था कि नाजी थीम पर आधारित एक सेक्स पार्टी में उन्होंने हिस्सा लिया. इस पार्टी में वेश्यायों को भी बुलाया गया था.
70 साल के मोज्ले ने पांच महिलाओं के साथ पैसे देकर सेक्स करने की बात तो स्वीकार की लेकिन पार्टी के नाजी थीम पर आधारित होने से इनकार कर दिया. मोज्ले का कहना है कि पार्टी की थीम जेल फंतासी पर बुनी गई.
अदालत ने फैसला मोज्ले के पक्ष में दिया और उन्हें न्यूज ग्रुप अखबार के मालिकों से 60 हजार पाउंड (करीब सवा चार करोड़ रुपये) हर्जाने के रूप में मिले. न्यूज ग्रुप ग्रुप ही ब्रिटेन में न्यूज ऑफ द वर्ल्ड अखबार चलाता है जिसने पार्टी पर रिपोर्ट छापी.
मोज्ले ने अब मानवाधिकार मामलों की यूरोपीय अदालत का रुख किया है. मोज्ले के वकील लॉर्ड पैनिक मानवाधिकार अदालत के सामने यह दलील देंगे कि हर्जाना मिलने के बावजूद उनके मुवक्किल की निजी जिंदगी को बदनाम किया गया है. मानवाधिकार संधि की धारा (8) के तहत ब्रिटेन का कानून उनकी निजता का सम्मान करने में विफल रहा.
मैक्स मोज्ले इंटरनेशनल ऑटोमोबाइल फेडरेशन के अध्यक्ष रह चुके हैं. एफआईए एक फार्मूला वन और अन्य अंतरराष्ट्रीय मोटरस्पोर्ट की प्रशासकीय परिषद है. मोज्ले एक बैरिस्टर के साथ साथ शौकिया रेस ड्राइवर रहे हैं.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: महेश झा