WEBVTT 1 00:00:00.670 --> 00:00:04.230 चैट जीपीटी अब इंसानों जैसा इमोशनल होता जा रहा है. 2 00:00:04.309 --> 00:00:08.070 आपके स्मार्टफोन कैमरा से वो आपकी दुनिया को देख सकता है. 3 00:00:08.150 --> 00:00:12.470 रिसर्चर बताते हैं कि एआई अभी ही कई बार झूठ बोलता है और इंसानों को 4 00:00:12.470 --> 00:00:13.650 झांसा देता है. 5 00:00:13.670 --> 00:00:19.950 तो सोचिए ये नया और बेहतर जीपीटी-4o क्या और चालाकी से झूठ बोलने लगेगा? 6 00:00:20.150 --> 00:00:21.020 आइए समझते हैं. 7 00:00:21.030 --> 00:00:24.829 जीपीटी-4o ओपन एआई का सबसे नया मॉडल है. 8 00:00:24.910 --> 00:00:28.990 इस 'ओ' का मतलब है ऑम्निपोटेंट यानी सर्वशक्तिमान. 9 00:00:29.110 --> 00:00:31.940 जो कि अपने आप में एक दिलचस्प दावा है. 10 00:00:31.950 --> 00:00:36.270 इस मॉडल में टेक्स्ट, ऑडियो और वीडियो के बीच इंटरैक्शन इंसानों के 11 00:00:36.280 --> 00:00:38.500 बीच होने वाली बातचीत जैसा लगेगा. 12 00:00:38.510 --> 00:00:42.510 मिसाल देखिए. 13 00:00:46.420 --> 00:00:50.409 जीपीटी-4o बनाने वाले कहते हैं कि ये सिर्फ सुनने में इमोशनल नहीं लगता 14 00:01:01.000 --> 00:01:05.000 बल्कि केवल चेहरा देख कर आपकी भावनाएं पहचान सकता है ओके कूल. 15 00:01:10.709 --> 00:01:12.730 लेकिन इससे फायदा क्या होगा? 16 00:01:12.800 --> 00:01:17.060 असल में इन खूबियों के साथ चैट जीपीटी आपका रोजमर्रा का असिस्टेंट 17 00:01:17.069 --> 00:01:18.130 बन सकता है. 18 00:01:18.440 --> 00:01:22.790 जैसे आप किसी भी भाषा में कुछ कहें और ये उसी समय किसी और भाषा में उसे 19 00:01:22.790 --> 00:01:23.790 ट्रांसलेट कर दे. 20 00:01:35.680 --> 00:01:38.800 वैसे ये तो गूगल ट्रांसलेट कबसे करता आया है, नहीं? 21 00:01:39.440 --> 00:01:43.120 और अभी वाले एआई मॉडल इंग्लिश के अलावा दूसरी भाषाओं में उतने अच्छे 22 00:01:43.120 --> 00:01:43.980 हैं भी नहीं. 23 00:01:44.069 --> 00:01:47.190 शायद जीपीटी-4o कुछ बेहतर निकले. 24 00:01:47.190 --> 00:01:51.410 ओपन एआई के मुताबिक ये आपको जॉब इंटरव्यू के लिए तैयार करने में, आस 25 00:01:51.420 --> 00:01:56.750 पास की जानकारियां देने में और ऑउटफिट चुनने तक में मदद कर सकता है. 26 00:02:06.070 --> 00:02:09.750 लेकिन एआई में इंसानों जैसे ये सारे गुण डालने ही क्यों हैं? 27 00:02:09.950 --> 00:02:15.880 क्या एक दिन एआई को बिल्कुल इंसानों जैसा बनाना है? 28 00:02:15.880 --> 00:02:18.550 देखा गया है कि लोग कंप्यूटर में दिखने वाली चीजों पर 29 00:02:18.560 --> 00:02:19.710 विश्वास करते हैं. 30 00:02:19.720 --> 00:02:24.800 1999 में वैज्ञानिकों ने पाया कि हमारी मान्यताओं के खिलाफ हो तब भी 31 00:02:24.840 --> 00:02:27.340 लोग उसे सच मानते हैं. 32 00:02:27.400 --> 00:02:30.520 हाल की स्टडीज दिखाती हैं कि अब भी ऐसा ही है. 33 00:02:30.530 --> 00:02:33.880 चैटबॉट भी बातें लोग आसानी से मान लेते हैं. 34 00:02:34.160 --> 00:02:38.360 और अब जब ये इंसानों की तरह फुल इमोशनल होकर बोलने लगेंगे तब तो उन 35 00:02:38.370 --> 00:02:41.510 पर विश्वास करना और भी आसान हो जाएगा, नहीं? 36 00:02:41.630 --> 00:02:44.500 लेकिन इससे बहुत बड़ी समस्या खड़ी हो सकती है. 37 00:02:44.510 --> 00:02:48.510 हैलुसिनेशन - देख गया है कि एआई कभी कभी ऐसी जानकारियां देता है जो पूरी 38 00:02:53.520 --> 00:02:55.310 तरह मनगढंत हैं. 39 00:02:55.320 --> 00:03:00.880 और कभी कभी तो सही जानकारी होते हुए भी एआई सीधे झूठ ही बताता है. 40 00:03:01.080 --> 00:03:05.720 बोर्ड गेम्स, पोकर या वीडियो गेम्स में एआई को परखा गया है जहां उसने 41 00:03:05.720 --> 00:03:08.880 जान बूझ कर दूसरों को ब्लफ किया ताकि वो जीत सके. 42 00:03:09.080 --> 00:03:13.680 तो बताइए ऐसा क्यों नहीं हो सकता कि एआई ऐसी ही किसी चाल से हमसे क्रेडिट 43 00:03:13.680 --> 00:03:16.540 कार्ड या कोई और ऐसी जरूरी जानकारी निकलवा ले. 44 00:03:16.669 --> 00:03:22.190 मुझे तो लगता है कि कई लोग चैट बॉट के झूठ पर भरोसा कर बैठेंगे खासकर जब 45 00:03:22.190 --> 00:03:24.889 वो एकदम आम लोगों की तरह बर्ताव करने लगेगा. 46 00:03:28.750 --> 00:03:32.230 हाल की एक स्टडी से पता चला कि बच्चों को लगता है कि अलेक्सा और 47 00:03:32.230 --> 00:03:35.790 सीरी जैसे एआई असिस्टेंट की भी भावनाएं होती हैं. 48 00:03:35.790 --> 00:03:39.550 कुछ बच्चों का मानना है कि अलेक्सा अगर काम करना बंद कर दे तो उसको 49 00:03:39.550 --> 00:03:40.970 फेंकना नहीं चाहिए. 50 00:03:41.310 --> 00:03:44.140 कुछ लोगों ने तो चैटबॉट से दोस्ती भी कर ली है. 51 00:03:44.150 --> 00:03:49.350 एक ऐप है जिसका नाम है रेप्लिका जो खुद को आपका ऐसा एआई साथी बताता है 52 00:03:49.390 --> 00:03:51.010 जिसको आपकी फिक्र है. 53 00:03:51.390 --> 00:03:55.510 इस तरह की नई टेक्नोलॉजी के साथ भावनात्मक संबंध और गहरे होते 54 00:03:55.510 --> 00:03:56.660 दिख रहे हैं. 55 00:03:56.670 --> 00:03:59.950 ये सब बहुत जल्दी एक बदसूरत शक्ल ले सकता है. 56 00:04:00.590 --> 00:04:05.750 जैसे 2021 में उसी रेप्लिका ऐप का एक यूजर सच में इंग्लैंड की महारानी की 57 00:04:05.750 --> 00:04:10.590 जान लेने बाहर निकल पड़ा था क्योंकि चैटबॉट ने उसको बार बार गुमराह किया. 58 00:04:11.590 --> 00:04:15.430 मैं खुद काफी सावधान रहती हूं कि मेरा कौन सा डाटा चैट जीपीटी में 59 00:04:15.430 --> 00:04:16.260 जा रहा है. 60 00:04:16.270 --> 00:04:20.110 जाहिर है कि अगर मैं अपनी सारी निजी जानकारी उसमें डाल दूं तो मेरे हाथ 61 00:04:20.110 --> 00:04:21.110 में कुछ नहीं रहेगा. 62 00:04:21.610 --> 00:04:22.820 आपको क्या लगता है? 63 00:04:22.830 --> 00:04:26.830 क्या आप अपने रोजमर्रा के जीवन में ऐसा असिस्टेंट चाहेंगे? 64 00:04:27.029 --> 00:04:27.870 कमेंट कीजिएगा.