WEBVTT 1 00:00:02.900 --> 00:00:06.620 अफ्रीकी देश मलावी का एक प्रतिनिधिमंडल, बर्लिन से पास 2 00:00:06.620 --> 00:00:10.520 राथेनाउ कस्बे में एक कृषि प्रोजेक्ट को देखने आया है. 3 00:00:11.119 --> 00:00:14.990 यहां पर फसलें सौर पैनलों के नीचे उगाई जा रही हैं. 4 00:00:15.200 --> 00:00:19.880 अफ्रीका से आए मेहमान यही देखने आए हैं कि ये कैसे काम करता है. 5 00:00:23.373 --> 00:00:27.830 हमारे यहां बहुत से किसान कुदाली पर निर्भर हैं. 6 00:00:28.370 --> 00:00:33.260 हम ज्यादा कुछ कर नहीं सकते क्योंकि न हममें क्षमता है ना ही मशीनरी. 7 00:00:33.260 --> 00:00:41.893 तो मुझे लगता है कि हम सरकार के तौर पर इस तरह की खेती को बढ़ावा दे 8 00:00:41.930 --> 00:00:47.083 सकें, हमें फायदा होगा. 9 00:00:48.860 --> 00:00:54.020 एग्रीवोल्टेक कंपनी सनफार्मिंग दो साल से यहां फल, सब्जी, बेरी और 10 00:00:54.020 --> 00:00:55.930 जड़ी-बूटी उगा रही है. 11 00:00:55.940 --> 00:01:00.110 कमोबेश सभी चीजें सौर पैनलों के नीचे उगाई जा सकती हैं. 12 00:01:00.890 --> 00:01:05.090 मॉड्यूल्स को इस ऊंचाई पर खड़ा किया जाता है कि पौधों को पर्याप्त धूप 13 00:01:05.090 --> 00:01:09.770 मिलती रहे लेकिन नुकसान करने वाली सीधी धूप से भी बचे रहें. 14 00:01:09.770 --> 00:01:14.360 इस सिस्टम का दूसरा फायदा ये है कि ये सब चीजें रिसाइकिल हो सकती हैं. 15 00:01:15.160 --> 00:01:21.893 ये सौ फीसदी स्टील और कांच से बना है और अफ्रीका में 50 साल चल जाएगा. 16 00:01:22.120 --> 00:01:26.530 इसकी सारी चीजें रिसाइकिल हो सकती हैं, ढांचे को निकालकर फिर से बेच 17 00:01:26.530 --> 00:01:27.580 भी सकते हैं. 18 00:01:27.610 --> 00:01:31.510 सामग्री अच्छी कीमत में बिकती है और हमेशा उसकी मांग रहती है. 19 00:01:31.900 --> 00:01:33.780 स्टील की जरूरत हमेशा रहेगी. 20 00:01:33.790 --> 00:01:38.600 पैनलों में लगी सामग्री, मकान या शेड बनाने में काम आ सकती है. 21 00:01:40.060 --> 00:01:43.610 बारिश या फिर पैनलों की सफाई में इस्तेमाल होने वाला पानी जो 22 00:01:43.620 --> 00:01:48.130 मॉड्यूल्स के ऊपर से बहता है तो वो गटर सिस्टम में जमा हो जाता है. 23 00:01:48.130 --> 00:01:52.150 ज़मीन पर बराबर मात्रा में फैलने के अलावा पानी की बूंदों का आकार भी 24 00:01:52.150 --> 00:01:53.160 बढ़ जाता है. 25 00:01:53.170 --> 00:01:58.030 उससे मिट्टी गीली हो जाती है - सूखे के दौरान उसमें नमी बनी रहती है. 26 00:01:59.517 --> 00:02:05.710 अफ्रीका में हमें सब्जियों की फसल के लिए ड्रिप सिंचाई भी करनी पड़ती है. 27 00:02:05.980 --> 00:02:08.940 क्योंकि कुछ इलाके अब पूरी तरह से सूख चुके हैं. 28 00:02:08.950 --> 00:02:13.240 तो हम बारिश का पानी जमा करते हैं, और सौर ऊर्जा से चलने वाले पंप की 29 00:02:13.240 --> 00:02:16.583 मदद से थोड़ा थोड़ा पानी डालते हैं. 30 00:02:18.780 --> 00:02:21.860 जर्मनी में भी गर्मियां अब शुष्क रहने लगी हैं. 31 00:02:21.870 --> 00:02:26.210 यहां 90 फीसदी फसलें, ड्रिप सिंचाई प्रणाली से उगाई जाती हैं. 32 00:02:27.090 --> 00:02:31.430 इसमें पानी की बचत होती है और सौर ऊर्जा से तैयार बिजली भी 33 00:02:31.430 --> 00:02:32.740 खर्च नहीं होती. 34 00:02:32.750 --> 00:02:38.080 इस बिजली को नेशनल ग्रिड में भेज दिया जाता है या स्टोर कर लिया जाता है 35 00:02:40.323 --> 00:02:44.060 ब्रान्डेन्बुर्ग यूनिवर्स्टी ऑफ टेक्नोलजी के छात्र भी प्रोजेक्ट का 36 00:02:44.060 --> 00:02:45.160 मुआयना कर रहे हैं. 37 00:02:45.169 --> 00:02:49.639 मॉडयूल के नीचे के माइक्रोक्लाइमेट का अध्ययन करने के लिए वे सेंसरों का 38 00:02:49.639 --> 00:02:50.680 इस्तेमाल करते हैं. 39 00:02:50.690 --> 00:02:56.150 वे प्रकाश की तीव्रता, नमी और हवा और पौधों की जड़ों के आसपास मिट्टी के 40 00:02:56.150 --> 00:02:57.860 तापमान को मापते हैं. 41 00:02:59.720 --> 00:03:03.919 नियमित अंतरालों पर, वे इन कंटेनरों में जमा बारिश के पानी को 42 00:03:03.919 --> 00:03:04.780 भी मापते हैं. 43 00:03:04.790 --> 00:03:11.150 देखिए, सोलर पैनल के नीचे पानी जमा होने की कितनी जगह बन जाती है 44 00:03:13.337 --> 00:03:17.389 हमने गौर किया कि साल के ठंडे दिनों में, पैनलों के नीचे, खुली हवा के 45 00:03:17.389 --> 00:03:19.210 मुकाबले ज्यादा गर्मी रहती है. 46 00:03:19.220 --> 00:03:21.790 औसतन एक से दो डिग्री ज्यादा गरम. 47 00:03:21.800 --> 00:03:26.060 और हमने यह भी पाया कि सूखे की स्थितियों में पैनलों के नीचे नमी भी 48 00:03:26.060 --> 00:03:29.193 काफ़ी रहती है. 49 00:03:30.800 --> 00:03:34.280 सोलर मॉडयूल्स की छाया में जानवरों को भी अच्छा लगता है. 50 00:03:34.310 --> 00:03:37.060 यहां भूसे को जमीन पर बिछा दिया जाता है. 51 00:03:37.070 --> 00:03:39.850 ये बदलते मौसम के मुताबिक ढल जाता है. 52 00:03:39.860 --> 00:03:43.520 इसीलिए कंक्रीट के फर्श की जरूरत भी नहीं. 53 00:03:43.520 --> 00:03:48.200 यह जानवरों को रखने की अच्छी जगह है, जो खुली भी है और हवादार भी. 54 00:03:48.500 --> 00:03:54.200 इससे जानवर बारिश, आँधी, शिकारी परिंदो और तेज धूप से बचे रहते हैं. 55 00:03:54.680 --> 00:03:59.120 मलावी से आए मेहमान इस ईको फ्रेंडली सेट-अप से प्रभावित हैं. 56 00:04:02.283 --> 00:04:05.980 मलावी में सब जगह अच्छा साफ पानी मिलता है. 57 00:04:05.990 --> 00:04:08.330 देश के एक तिहाई हिस्से में पानी है. 58 00:04:08.390 --> 00:04:11.260 लेकिन पड़ोसी देशों में, जैसे बोत्स्वाना में तो एक झील 59 00:04:11.270 --> 00:04:12.250 तक नहीं है. 60 00:04:12.260 --> 00:04:15.860 तो अगर हम इस तरह की ज्यादा से ज्यादा खेती करें, तो अपने पड़ोसी 61 00:04:15.860 --> 00:04:17.529 देशों को पानी बेच पाएंगे. 62 00:04:17.550 --> 00:04:21.236 पैसे कमाकर अपनी अर्थव्यवस्था बढ़ाएंगे. 63 00:04:24.760 --> 00:04:29.320 दक्षिण अफ्रीका के पोचेस्ट्रूम में इस सुपरमार्केट में ग्राहक सनफार्मिग 64 00:04:29.320 --> 00:04:32.920 की सब्जियां और जड़ीबूटियां खरीद सकते हैं. 65 00:04:32.920 --> 00:04:34.770 हालांकि सामान कम ही है. 66 00:04:34.779 --> 00:04:39.130 यह ऐसी जगह से आता है जिसे रिसर्च के लिए बनाया गया है. 67 00:04:41.420 --> 00:04:43.589 और वो यहां से दूर नहीं है. 68 00:04:43.610 --> 00:04:49.060 यहां सनफार्मिंग को ऐसे तरीकों की तलाश है जो खाद्य पैदावार और सौर 69 00:04:49.060 --> 00:04:52.000 ऊर्जा उत्पादन को एक दूसरे से जोड़ें. 70 00:04:52.180 --> 00:04:56.890 शोधकर्ता पौधों के लिए अलग अलग तरह की मिट्टी पर प्रयोग कर रहे हैं. 71 00:04:59.100 --> 00:05:01.920 यहां फूड और एनर्जी सेंटर में हम बिल्कुल अलग ढंग 72 00:05:01.930 --> 00:05:02.830 से उगाते हैं. 73 00:05:02.920 --> 00:05:04.770 लोकेशन पर हम जमीन में उगाते हैं. 74 00:05:04.779 --> 00:05:07.440 यहां हम कोको के रेशों का इस्तेमाल करते हैं. 75 00:05:07.450 --> 00:05:09.630 फिर सौर ऊर्जा भी इस्तेमाल करते हैं. 76 00:05:09.640 --> 00:05:13.686 ऊर्जा और पौधे, दोनों बढ़िया कॉम्बिनेशन बनाते हैं. 77 00:05:15.170 --> 00:05:20.170 अपना दायरा बढ़ाने के लिए जर्मन कंपनी ने मैडागास्कर में करीब 30 लाख 78 00:05:20.170 --> 00:05:24.270 यूरो की लागत से एक बड़ा एग्रीवोल्टेक प्लांट खड़ा किया है. 79 00:05:24.670 --> 00:05:29.620 इस प्रोजेक्ट के तहत ट्रेनिंग भी दी जाती है जहां स्थानीय किसानों को इस 80 00:05:29.620 --> 00:05:33.760 तरह की खेती और सौर तकनीक के बारे में बताया जाता है. 81 00:05:34.089 --> 00:05:38.740 उम्मीद है, अफ्रीका में इस तरह के समाधानों से खाद्य सुरक्षा में सुधार 82 00:05:38.740 --> 00:05:42.640 होगा और लोगों के लिए नये, रोजगार पैदा होंगे.