WEBVTT 1 00:00:02.150 --> 00:00:06.200 भारत के पूर्वोत्तर राज्य मिजोरम की सीमा म्यांमार के साथ लगती है. 2 00:00:07.280 --> 00:00:10.730 इस सीमा के पास बने कैंपों में म्यांमार के चिन राज्य से भागे 3 00:00:10.730 --> 00:00:12.369 शरणार्थी रह रहे हैं. 4 00:00:13.337 --> 00:00:17.406 सेन्हरेलिंग और उनके परिवार को म्यांमार में 2021 के सैन्य तख्तापलट 5 00:00:17.440 --> 00:00:20.180 के बाद देश छोड़ना पड़ा था. 6 00:00:20.540 --> 00:00:24.980 घने जंगलों के बीच सैकडों किलोमीटर मोटरसाइकिल चलाकर वे इन कैंपों 7 00:00:24.980 --> 00:00:26.060 तक पहुंचे हैं. 8 00:00:29.360 --> 00:00:30.880 घर की बहुत याद आती है. 9 00:00:30.890 --> 00:00:32.020 मैं घर जाना चाहता हूं. 10 00:00:32.030 --> 00:00:36.650 सेन्हरेलिंग अपने खेत-खलिहान और शांति में गुजरे बीते दिन 11 00:00:36.920 --> 00:00:38.200 वापस चाहते हैं. 12 00:00:39.140 --> 00:00:43.220 जब मैंने देखा कि हमारा गांव जला दिया गया है तो मेरा दिल टूट गया. 13 00:00:43.250 --> 00:00:44.890 मैं कई दिन तक रोया था. 14 00:00:44.900 --> 00:00:48.920 यह सोचकर कि अब कोई घर नहीं बचा जहां मैं लौटकर जा सकूं. 15 00:00:50.387 --> 00:00:53.090 सेन्हरेलिंग के पास रोजगार नहीं है. 16 00:00:53.600 --> 00:00:55.880 उनका परिवार तंगी में जी रहा है. 17 00:00:56.030 --> 00:00:59.390 देश छोड़ने के बाद से ही उनकी पत्नी की तबीयत खराब है. 18 00:01:00.770 --> 00:01:02.890 मेरी दिल की बीमारी और बढ़ गई है. 19 00:01:02.900 --> 00:01:06.260 जब मैं अपने गांव और हमारी हालत के बारे में सोचती हूं तो मेरी सांसें 20 00:01:06.270 --> 00:01:07.140 अटक जाती हैं. 21 00:01:07.160 --> 00:01:10.970 उन्होंने मुझे कहा है कि चिंता न किया करें, लेकिन क्या करूं, मुझे 22 00:01:10.970 --> 00:01:13.110 पता है कि शरणार्थी होना क्या होता है. 23 00:01:14.640 --> 00:01:17.600 सेन्हरेलिंग काम की तलाश में निकले हैं. 24 00:01:18.834 --> 00:01:21.400 वह एक बार फिर बाजार आए हैं, 25 00:01:23.967 --> 00:01:25.889 लेकिन इस बार भी कोई काम नहीं मिला. 26 00:01:27.873 --> 00:01:31.846 वे कहते हैं कि मेरे लिए काम नहीं है, मैं काम के लिए बहुत बूढ़ा हूं. 27 00:01:32.647 --> 00:01:36.510 यह मिजोरम की सीमा के पास बने शरणार्थी कैंपों में से एक है. 28 00:01:38.380 --> 00:01:42.790 हर बार जब भी चिन विद्रोही गुटों और म्यांमार की सैन्य सरकार के जवानों 29 00:01:42.790 --> 00:01:46.390 में टकराव होता है, यहां प्रवासियों की आमद बढ़ जाती है. 30 00:01:47.140 --> 00:01:49.593 यहां प्रवासियों का स्वागत किया जाता है 31 00:01:49.593 --> 00:01:51.880 क्योंकि वे एक ही समुदाय का हिस्सा हैं. 32 00:01:53.060 --> 00:01:56.150 फिर भी, बहुत से लोग खुद को उलझन में पाते हैं. 33 00:01:56.150 --> 00:01:59.516 वे जिंदगी का कोई सिरा तलाशने में लगे हैं 34 00:02:01.839 --> 00:02:04.230 आज एक एनजीओ- यंग मिजो असोसिएशन 35 00:02:04.497 --> 00:02:08.180 शरणार्थी कैंप में खाना और जरूरत का दूसरा सामान 36 00:02:08.180 --> 00:02:09.200 पहुंचाने जा रहा है. 37 00:02:12.500 --> 00:02:15.880 यह प्रवासियों को मिलने वाली मदद का सबसे प्रमुख जरिया है. 38 00:02:19.840 --> 00:02:24.510 एनजीओ प्रमुख लालसांगजुआला के नेतृत्व में टीम घर-घर जाकर जरूरतमंद 39 00:02:24.510 --> 00:02:26.395 परिवारों से मिल रही है. 40 00:02:30.450 --> 00:02:34.970 हमारे जैसे स्थानीय एनजीओ मदद कर रहे हैं क्योंकि यह लोग हमारे भाई हैं और 41 00:02:34.980 --> 00:02:38.383 हम एक ही कबीले से आते हैं, खासतौर पर जो मिजोरम-म्यांमार सीमा 42 00:02:38.383 --> 00:02:39.860 के पास रहते हैं. 43 00:02:39.870 --> 00:02:41.639 कुछ तो हमारे रिश्तेदार हैं. 44 00:02:42.600 --> 00:02:45.389 म्यांमार से आए ज्यादातर प्रवासी ईसाई हैं. 45 00:02:50.940 --> 00:02:54.223 हर रविवार, वे इस अस्थायी चर्च में अपनों की हिफाजत और 46 00:02:54.223 --> 00:02:57.210 बेहतर भविष्य के लिए प्रार्थना करते हैं. 47 00:03:00.780 --> 00:03:03.510 ऐसा मेलजोल सुकून देने वाला है. 48 00:03:06.000 --> 00:03:10.800 हम प्रार्थना करते हैं कि हमारा देश सुरक्षित हो, हम शरणार्थी बनकर ना रह 49 00:03:10.800 --> 00:03:13.370 जाएं, हमारा देश लोकतांत्रिक बने. 50 00:03:13.380 --> 00:03:15.710 हम घर लौटें और आजाद जिंदगी जिएं. 51 00:03:18.752 --> 00:03:22.752 सेन्हरेलिंग और म्यांमार से आए अन्य प्रवासी जानते हैं कि जब तक हालात 52 00:03:23.280 --> 00:03:25.980 नहीं बदलते, वे घर नहीं लौट पाएंगे. 53 00:03:26.310 --> 00:03:30.436 शरणार्थी उस दिन की उम्मीद में हैं जब उन्हें अपना घर, अपना गांव, 54 00:03:30.436 --> 00:03:33.060 अपना वतन फिर से नसीब होगा.