ह्यूमन राइट्स वॉच: चीन में मानवाधिकारों पर 'गंभीर खतरा'
१५ जनवरी २०२०ह्यूमन राइट्स वॉच, एचआरडब्ल्यू का कहना है कि चीन ऐसे कदम उठा रहा है जिससे दुनिया भर में मानवाधिकारों की सुरक्षा प्रणाली कमजोर होगी. गैरसरकारी संगठन एचआरडब्ल्यू की वार्षिक समीक्षा रिपोर्ट न्यू यॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में लॉन्च की गई. पिछले दिनों एनजीओ के निदेशक केनेथ रॉथ को हांगकांग में दाखिल नहीं होने दिया गया, जहां वह इस रिपोर्ट को न्यूज कॉन्फ्रेंस के दौरान लॉन्च करने वाले थे. रॉथ ने बताया कि उन्हें हांगकांग एयरपोर्ट से बाहर जाने से रोक दिया गया था. हालांकि चीन के विदेश मंत्री ने कहा था कि रॉथ को इसलिए रोका गया था क्योंकि एचआरडब्ल्यू हांगकांग में लोकतंत्र समर्थक आंदोलन का समर्थन करता है.
ह्यूमन राइट्स वॉच ने अपनी ‘वर्ल्ड रिपोर्ट 2020' में चीन के बारे में तीखा आकलन पेश किया है, जिसमें बीजिंग पर मानवाधिकारों की रक्षा के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रणाली पर "सबसे तीव्र हमले” कर आर्थिक और कूटनीतिक लाभ उठाने का आरोप लगाया गया है. एचआरडब्ल्यू के प्रमुथ रॉथ ने एक बयान में कहा, "चीन ने सार्वजनिक आलोचना की निगरानी और उसे दबाने के लिए उच्च तकनीक निगरानी स्टेट और परिष्कृत इंटरनेट सेंसरशिप प्रणाली को विकसित किया है."
उनके मुताबिक विदेश में आलोचकों की आवाज दबाने के लिए चीन आर्थिक रसूख का इस्तेमाल कर रहा है. ‘वर्ल्ड रिपोर्ट 2020' दुनियाभर में मानवाधिकार प्रथाओं पर एचआरडब्ल्यू की 30वीं वार्षिक समीक्षा है, जिसमें 2018 के अंत से नवंबर 2019 तक 100 से अधिक देशों के प्रमुख मुद्दों का सारांश है. चीन में मानवाधिकार उल्लंघन को लेकर 2019 में चर्चा तब तेज हो गई जब विशेष तौर पर ऐसे दस्तावेज जारी हुए जिनमें चीन के उत्तर पश्चिमी क्षेत्र शिनचियांग में उइगुर मुसलमानों की नजरबंदी और सख्त निगरानी का खुलासा हुआ.
एचआरडब्ल्यू ने साथ ही चेतावनी दी कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग के तहत चीनी सरकार घरेलू मानवाधिकार सक्रियता को "अस्तित्ववादी खतरे" के रूप में देखती है. एचआरडब्ल्यू का कहना है कि चीनी अधिकारी विदेशों में चीन की आलोचना को सेंसर करने और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर मानवाधिकार के मुद्दों से ध्यान हटाने और वैश्विक अधिकार तंत्र को कमजोर करने की कोशिश करते हैं. रॉथ के मुताबिक, "अगर चुनौती नहीं दी जाती है तो बीजिंग की कार्रवाइयां एक खराब भविष्य दर्शाती है, जिसमें कोई भी चीनी सेंसरशिप की पहुंच से दूर नहीं होगा और एक अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार प्रणाली इतनी कमजोर हो जाएगी कि वह सरकारी दमन पर जांच का काम नहीं कर पाएगी."
रॉथ का कहना है कि बीजिंग ने लंबे समय से घरेलू आलोचकों का दमन किया है. रॉथ के मुताबिक, "अब चीनी सरकार उस सेंसरशिप को दुनिया के बाकी हिस्सों तक पहुंचाने की कोशिश में है. अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार प्रणाली पर बीजिंग के हमले का विरोध करने के लिए सरकारों को एक साथ आकर काम करने की जरूरत है."
पिछले महीने ही चीन ने एचआरडब्ल्यू समेत अन्य अमेरिकी एनजीओ पर पर प्रतिबंध लगाया था. चीन का कहना है कि एनजीओ हांगकांग की स्थिति को बिगाड़ने के लिए जिम्मेदार हैं. दरअसल पिछले साल अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने हांगकांग में प्रदर्शनकारियों को समर्थन देने वाले हांगकांग मानवाधिकार और लोकतंत्र अधिनियम, 2019 कानून को पास करवा दिया था जिससे चीन खासा नाराज है.
चीन की प्रतिक्रिया
एचआरडब्ल्यू की रिपोर्ट पर यूएन में चीन के राजनयिक ने रॉथ की आलोचना की है. चीनी राजनयिक ने रिपोर्ट को "पूर्वाग्रहग्रस्त और मनगढ़ंत" करार दिया. साथ ही उन्होंने कहा कि बीजिंग ने रिपोर्ट की सामग्री को खारिज कर दिया है और कहा है कि एचआरडब्ल्यू ने इस बात का जिक्र नहीं किया है कि चीन ने कैसे 70 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकालने का काम किया है. रॉथ कहते हैं, "चीन में दशकों के प्रभावशाली आर्थिक विकास के बावजूद लाखों लोगों ने खुद को गरीबी से बाहर निकालने के लिए संघर्ष किया है. चीन की कम्युनिस्ट पार्टी अब अपनी ही जनता से डरकर भाग रही है."
एए/आरपी (रॉयटर्स, एएफपी)
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