हॉकी में भारत की बुरी हार
८ दिसम्बर २०१२लगातार चार बार से चैंपियंस ट्रॉफी जीतती आ रही ऑस्ट्रेलिया की टीम के सामने भारतीय खिलाड़ी बेबस नजर आए और मैच का नतीजा पहले हाफ में ही तय हो गया. मेजबान ऑस्ट्रेलिया ने भारत पर दो गोल बरसा कर उनका सारा उत्साह खत्म कर दिया.
भारत ने आखिरी बार 1982 में चैंपियंस ट्रॉफी हॉकी में कोई पदक जीता है. इसके बाद से वह कभी शीर्ष तीन टीमों में जगह नहीं बना पाया. इस बार के शानदार प्रदर्शन के बल पर भारत की टीम से फाइनल में पहुंचने की उम्मीद की जा रही थी. यहां तक कि पिछले मैच में उसने जर्मनी को भी पराजित कर दिया. लेकिन सेमीफाइनल में खिलाड़ी लय में नजर नहीं आए. ऊपर से कुछ चोटिल खिलाड़ियों की वजह से माहौल और बिगड़ गया.
खेल खत्म होने के बाद भारत के युवराज वाल्मीकि ने कहा, "यह एक मुश्किल खेल था. हम तैयार तो थे लेकिन हमने कुछ गलतियां कीं." ऑस्ट्रेलिया ने यह मैच 3-0 से जीता.
भारत की तरह पाकिस्तान की टीम को भी हार का सामना करना पड़ा. पहले खेले गए इस मैच में नीदरलैंड्स ने उसे भी तीन गोलों के अंतर से हराया. आखिरी स्कोर 5-2 रहा. अब भारत और पाकिस्तान को रविवार को तीसरे नंबर के लिए खेलना है और जीतने वाली टीम को कांस्य पदक मिलेगा.
पाकिस्तान के शकील अब्बासी का कहना है कि वे बहुत दुखी हैं लेकिन अभी एक और मैच बाकी है, "हम अभी भी पदक की रेस में हैं. इसलिए हम अपना सबसे अच्छा प्रदर्शन करेंगे. हॉलैंड बहुत अच्छा खेला और उसके खिलाफ हमारे पास ज्यादा मौके नहीं थे."
फाइनल मुकाबला भी रविवार को ही होगा, जिसमें हॉलैंड को मेजबान ऑस्ट्रेलिया से टकराना है. अगर ऑस्ट्रेलिया यह फाइनल जीतता है, तो वह लगातार पांच बार ट्रॉफी जीतने वाला पहला देश बन जाएगा. वह सबसे ज्यादा 12 बार यह ट्रॉफी जीत चुका है.
एजेए/एनआर (एएफपी, डीपीए)