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हैम्बर्गः आज की ख़ास ख़बरों का शहर

२८ जुलाई २००९

बर्लिन के बाद जर्मनी का दूसरा सबसे बड़ा शहर हैं हैमबर्ग. पानी के जहाज़ों का अड्डा, कल कारखानों का शहर. विज्ञान के छात्रों के लिए यह सपनों का शहर है. बेहतरीन से बेहतरीन तकनीक और खोज को यहां बढ़ावा दिया जाता है.

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तस्वीर: Stephan Wallocha (WA)

हर शाम आठ बजे, लाखों जर्मन लोग अपने टीवी सेटों से चिपक जाते हैं. एआरडी नेटवर्क का कार्यक्रम टागेस्सचाऊ देखने के लिए. पिछले पचास साल से ये सिलसिला अनवरत जारी है. ये जर्मनी का सबसे लोकप्रिय सबसे कामयाब और सबसे पुराना टीवी कार्यक्रम है.

हैमबर्ग के लिए ये टीवी प्रोग्राम इसलिए ख़ास है क्योंकि इसे यहीं से तैयार किया जाता है.

20.06.2009 DW-TV Hin und Weg Hamburg 2

हैडलाइन कैपिटल

देश का उत्तरी बंदरगाह हैमबर्ग को जर्मनी की हैडलाइन कैपिटल भी कहा जाता है. यहां से हर रोज़ सुर्ख़ियां जो निकलती हैं. टीवी के ज़रिए और दैनिक अख़बारों के ज़रिए. टागेश्चाऊ जैसे टीवी शो के अलावा हैमबर्ग से जर्मनी का सबसे लोकप्रिय दैनिक टैबलॉयड 'बिल्ड' भी प्रकाशित किया जाता है. जर्मनी की समाचार एजेंसी डीपीए, साप्ताहिक पत्र- डी त्साईट और डेर श्पीगल और दर्जनों और अख़बारों और पत्रिकाओं के मुख्यालय भी यहीं हैं. प्रिटिंग प्रेस स्थापित होने से पहले और शहर का आकर्षक टीवी टॉवर खड़ा होने से पहले हैमबर्ग दुनिया के लिए एक गेट वे था. मध्य युगों में शहर अपने व्यापार और अपने बंदरगाह के लिए विख्यात था. आल्स्टर और एल्बे नदियों के संगम पर बसा हैमबर्ग सीधे उत्तर सागर से जुड़ता है.

Deutschland Hamburg Zweifel an Echtheit der chinesischen Terrakotta-Krieger
ARCHIV - Besucher betrachten im Museum für Völkerkunde in Hamburg in der Ausstellung "Macht im Tod - Die Terrakotta-Armee des Ersten Kaisers von China" einen Tonsoldaten (Archivfoto vom 21.11.2007). Erneuter Wirbel um die Ausstellung mit chinesischen Terrakotta-Kriegern in Hamburg: Nachdem die lebensgroßen Figuren erst mit sechs Wochen Verspätung im Museum für Völkerkunde eintrafen, sind jetzt Zweifel an der Echtheit der 2200 Jahre alten Figuren aufgekommen. Das Völkerkundemuseum prüft die Vorwürfe und hat das Leipziger Center of Chinese Arts and Culture (CCAC), das die Schau in Hamburg konzipiert hat, um Aufklärung gebeten. Foto: Ulrich Perrey dpa/lno +++(c) dpa - Bildfunk+++तस्वीर: picture-alliance/ dpa

विशाल जहाजों की बस्ती

फॉगहॉर्न और सी गल की चीखें, इस उत्तरी जर्मन शहर की हलचल हमेशा बनाए रखती हैं. बंदरगाह के आसपास विशाल कारखानों से उठती कॉफी और ज़ायकेदार मसालों की महक से शहर भरा भरा रहता है. हैमबर्ग के दो मुख्य आकर्षण इतने क़रीब हैं कि वे मानो एक दूसरे को स्पर्श ही कर लें अगर एल्बे नदी उन्हें जुदा न करती हो. शहर के मध्य में निर्मित सेंट मिशेल का चर्च बंदरगाह की विशाल क्रेनो और डॉक्स से चंद फासले पर है.

सौ साल से भी ज़्यादा समय से हैमबर्ग महासागर में उतरने वाले महाकाय जहाजों का बंदरगाह रहा है. ये जर्मनी का सबसे बड़ा मालढुलाई बंदरगाह है और सबसे व्यस्ततम भी यही है. हर साल यहां से क़रीब अस्सी लाख टन माल चढ़ता उतरता है. जहाजों के कैप्टन और ट्रांसपोर्ट के बादशाहों की बदौलत हैमबर्ग एक संपन्न और प्रसिद्ध शहर बन गया है. भव्य डिपार्टमेंटल स्टोरों से सड़कें भरी हुई हैं. और रिझाने वाले सफ़ेद रंग के क़िले शहर की संपदा में इज़ाफा करते हैं. यह यूरोप में ये सबसे धनी शहरों में है. इस लिहाज़ से ये छात्रों के लिए एक महंगा शहर भी है.

एक अलग हैमबर्ग

हैमबर्ग के अधिकांश निवासियों के लिए बंदरगाह का कोई रोमान नहीं है. वो मछलियों और डीज़ल की दुर्गंध से भरी जगह है. नाविकों और सैलानियों के लिए अलबत्ता उसका अपना एक आकर्षण हैं. हैमबर्ग का एक और पहलू भी है. ये है कंक्रीट और इस्पात की गगनचुंबी इमारतें और लाल ईंट के मकान. ये जगहें नामी गिरामी लोगों और उद्योगपतियों के लिए हैं.

हैमबर्ग में क़रीब 17 लाख लोग रहते हैं. बर्लिन के बाद ये जर्मनी का दूसरा सबसे बड़ा शहर है. तीसरे नंबर पर है म्युनिख. हैमबर्ग उन लोगों को सुहाता है जिन्हें लगता है कि बर्लिन बहुत बड़ा और आपाधापी वाला शहर है, उन्हें भी ये पसंद है जिन्हें म्युनिख कुछ ज़्यादा ही भड़कीला और बोरियत भरा शहर लगता है. हामबुर्ग में एक और चीज़ जो उसकी भव्य गहमागहमी में अक्सर नज़रअंदाज़ कर दी जाती है, वो ये है कि इसी शहर में चार विश्वविद्यालय हैं, एपलाइड साइंस की पांच यूनिवर्सिटियां हैं और दर्जनों जाने माने संस्थान हैं. हैमबर्ग में किताबों से टकराते उनमें सिर खपाते साठ हज़ार छात्रों के लिए हामबुर्ग वाकई एक गेटवे हैं. “विज्ञान की दुनिया का गेटवे!“

शिव प्रसाद जोशी