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हार की तरफ बढ़ रहा है नाटोः तालिबान

२१ नवम्बर २०१०

तालिबान ने कहा है कि अगले साल अफगानिस्तान से नाटो सेनाओं को हटने की शुरुआत बताती है कि पश्चिमी सैन्य गठबंधन हार की तरफ बढ़ रहा है. 2014 तक अफगानिस्तान में नाटो का युद्धक अभियान खत्म हो जाएगा.

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लिस्बन में नाटो की बैठकतस्वीर: AP

कट्टरपंथी संगठन तालिबान ने एक ईमेल संदेश में कहा, "नौ साल के कब्जे के बाद यह साफ हो गया है कि हमलावरों का भी वही हश्र होने जा रहा है जैसा इस रास्ते पर चलने वाले उनसे पहले लोगों का हुआ. सैनिकों की संख्या में वृद्धि और उनकी नई रणनीतियों का कोई फायदा नहीं हुआ."

लिस्बन में बैठक कर रहे नाटो देशों ने अगले साल से अफगानिस्तान में सुरक्षा की जिम्मेदारी वहां के सुरक्षा बलों को सौंपने की प्रक्रिया शुरू करने पर सहमति जताई है. नाटो के सदस्य 2014 तक अफगानिस्तान की पूरी जिम्मेदारी स्थानीय नेताओं और सुरक्षा बलों को सौप देना चाहते हैं. उसी साल वहां नाटो का युद्धक अभियान भी खत्म हो जाएगा.

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने शनिवार को कहा कि नाटो के नेतृत्व वाली सेना अतिरिक्त सैनिक और संसाधन मिलने के बाद तालिबान को कमजोर करने की अपने लक्ष्यों को हासिल कर रही हैं. लेकिन तालिबान का कहना है कि अफगानिस्तान से वापसी की योजना साबित करती हैं कि डेढ़ लाख विदेशी सैनिकों की मजबूत सेना अब थक चुकी हैं और सैनिकों की संख्या में वृद्धि के बावजूद दक्षिणी अफगानिस्तान में तालिबान से निपटने में कोई सफलता नहीं मिली.

NO FLASH Taliban in Pakistan
तस्वीर: picture alliance/dpa

अंग्रेजी में लिखे गए तालिबान के इस ईमेल में कहा गया है, "व्हाइट हाउस ने अपनी हारी हुई आक्रमणकारी सेना को अफगानिस्तान से हटाने

की प्रक्रिया शुरू करने के लिए जुलाई 2011 की समयसीमा तय की है. यह साफ है कि अमेरिकी अफगानिस्तान में हार को ज्यादा समय तक नहीं छिपा सकते. इसलिए व्हाइट हाउस को मारे जा रहे अपने सैनिकों की संख्या गिनने की बजाय वापसी की रणनीति को सही से तैयार करना चाहिए, ताकि कम से उन सैनिकों को बचाया जा सके जो अभी जिंदा हैं."

अमेरिका में 11 सितंबर 2001 के आतंकवादी हमले के बाद नाटो सेनाओं ने अफगानिस्तान में हमला किया. तब से यह साल विदेशी सैनिकों के लिए काफी घातक रहा है. इस साल अब तक 650 विदेशी सैनिक मारे जा चुके हैं. इनमें से ज्यादातर की मौत सड़क किनारे रखे गए बम के विस्फोटों में हुई.

पिछले हफ्ते तालिबान के प्रमुख मुल्ला उमर ने भी नाटो की हार का दावा किया. उसने संकट को समाप्त करने के लिए बातचीत की किसी भी संभावना से इनकार किया और इन खबरों को गलत बताया कि पर्दे के पीछे बातचीत हो रही है. समझा जाता है कि तालिबान को सत्ता से बाहर किए जाने के बाद उमर भाग कर पाकिस्तान चला गया.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः प्रिया एसेलबोर्न

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