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हादसे के बाद की अफरातफरी

१३ जुलाई २०१३

सैन फ्रांसिस्को में एशियाना एयर के विमान हादसे के बाद किए 911 आपात फोन कॉल्स की रिकॉर्डिंग से पता चला है कि किस तरह की उलझन की स्थिति रही. और कि मौके पर पहुंचने में आपात सेवाओं को किस तरह की दिक्कत से जूझना पड़ता है.

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तस्वीर: Reuters

शनिवार को बोइंग 777 विमान हादसे में दो लोगों की मौत हुई और कम से कम 180 यात्री घायल हुए. हादसे के बाद पुलिस या दमकल विभाग का पहला कर्मचारी मौके पर दो मिनट बाद पहुंच गया और स्थानीय अधिकारियों ने काफी बहादुरी और असरदार तरीके से काम किया जिस वजह से कई घायलों की जान बच गई. हालांकि इसके बाद भी 911 फोन कॉल्स में दर्ज 11 मिनट की बातचीत बताती है कि अफरातफरी और तनाव की स्थिति थी क्योंकि गंभीर रूप से घायल कई मरीज मदद का इंतजार करते रहे.

एक यात्री ने फोन पर कहा है, "गंभीर चोट और फूटे सिर के साथ कई यात्री रनवे पर बिना मदद के पड़े थे. एक महिला की तो जान जाने तक की नौबत आ गई थी." इस महिला यात्री के मुताबिक मदद के लिए उसे 20 से 30 मिनट तक इंतजार करना पड़ा. इन फोन कॉल्स से लोगों के इस दावे के पुष्टि हो गई है कि कई यात्री रनवे के सिरे पर पड़े हुए थे क्योंकि राहत कर्मचारियों का ध्यान विमान पर था. फोन कॉल्स में एक और यात्री को कहते सुना जा सकता है, "हमारे साथ कई लोग थे जिनका पता नहीं चल रहा था." विमान के तीन क्रू सदस्यों और एक चीनी छात्र विमान का पिछला हिस्सा टूट जाने के कारण विमान से छिटक कर दूर जा गिरे थे. इस चीनी छात्र की मौत हो गई. अधिकारी इस बात की भी जांच कर रहे हैं कि जिन दो चीनी छात्रों की जान गई है उनमें से एक कहीं दमकल के ट्रक के नीचे आने के कारण तो नहीं मरा.

विमान के रनवे पर रुकने के 90 सेकंड बाद उसे खाली करने के लिए कहा गया. क्रू सदस्यों ने पहले यात्रियों से अपनी सीट पर बैठे रहने को कहा लेकिन जैसे एक क्रू सदस्य ने जब विमान में आग लगते देखी तो तुरंत ही लोगों को बाहर निकाला जाने लगा. अमेरिका का नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड यह भी जांच कर रहा है कि विमान को खाली कराने में मानक प्रक्रिया का पालन किया गया या नहीं. फोन कॉल्स में कुछ यात्रियों ने एंबुलेंस और दमकल के ट्रक न देखने की भी बात कही है. हालांकि आपात सेवा के अधिकारियों का कहना है कि प्रक्रिया यह है कि अफरातफरी और टक्कर को टालने के लिए मानक प्रक्रिया यह है कि गाड़ियों को ज्यादा करीब न लाया जाए. इस मामले में यह चिंता भी थी कहीं विमान में धमाका न हो जाए. सैंन फ्रांसिस्को दमकल विभाग का कहना है, "वहां आग लगी हुई थी और ईंधन रिस रहा था इसके अलवा चारो तरफ मलबा था, ऐसे में आखिरी चीज जो अब बची थी वो विमान में धमाका होना ही था ऐसे में आप जोखिम नहीं ले सकते."

Flugzeugunglück in San Francisco ACHTUNG: NICHT FÜR OVERLAY GEEIGNET
तस्वीर: Reuters

राहत के कामों में भाषा की दिक्कत भी सामने आई. हादसे के बाद ज्यादा जख्मी यात्रियों को पहचान कर उनकी मदद करने की कोशिश का नतीजा यह हुआ कि कुछ अंग्रेजी न बोलने वाले पीड़ित यात्री अपने परिवार से अलग हो गए. यात्रियों में ज्यादातर चीन और कोरिया के थे और यह अभी साफ नहीं है कि राहत कर्मचारी यह भाषा बोल सकते थे या नहीं. एक यात्री यूजेने राह ने बताया कि उन्होंने एक अंग्रेजी न बोलने वाले यात्री की मदद की, "वह बहुत परेशान था" उसे नहीं पता था कि उसकी बीवी कहां और किस हालत में थी.

एनआर/एएम (रॉयटर्स,एपी)