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हाथियों की खातिर डॉक्टरों की हड़ताल

१८ अगस्त २०१०

श्रीलंका में वन्यजीव चिकित्सकों ने हड़ताल कर दी है. उनका कहना है कि हाथियों के संरक्षण की तरफ ध्यान नहीं दिया जा रहा है जिसकी वजह से हाथियों पर होने वाले हमलों में वृद्धि हो रही है और उनकी संख्या घटती जा रही है.

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हाथियों के लिए हड़तालतस्वीर: AP

वन्यजीव चिकित्सकों की यूनियन के सचिव विजिथा परेरा ने कहा, "जंगली हाथियों की देखरेख के लिए कोई व्यवस्था नहीं है. उनका बसेरा लगातार छोटा होता जा रहा है क्योंकि सरकार हाथियों की पारंपरिक जगहों के अतिक्रमण की अनुमित दे रही है."

परेरा ने बताया कि सोमवार को शुरू हुई पांच दिन की हड़ताल का मकसद इंसान और हाथियों के बीच बढ़ रहे टकराव की तरफ लोगों का ध्यान दिलाना है. इसकी वजह से पिछले साल 50 लोगों और 228 हाथियों की मौत हुई. तीन दिन पहले ही साइकल पर जा रहे एक 75 वर्षीय व्यक्ति पर हमला किया गया जबकि 67 साल के एक व्यक्ति को उसके घर के सामने कुचल कर मार दिया गया.

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तस्वीर: picture-alliance / © Evolve/Photoshot

परेरा बताते हैं, "इस टकराव की वजह से लगातार हाथी मर रहे हैं. हाथियों के लिए खाने और रहने की जगह की लगातार कमी हो रही है." वन्यजीव विभाग के महानिदेशक विजयसूर्या के अनुसार 1900 में श्रीलंका में हाथियों की संख्या 12,000 थी जो अब घटकर 4,000 रह गई है. वह बताते हैं, "हम कैबिनेट की तरफ मंजूर एक ऐसी योजना पर काम कर रहे हैं जिसके तहत हाथियों को प्राकृतिक अभयारण्यों में बसाया जाएगा. लेकिन समस्या यह है कि पर्याप्त जगह नहीं है. हम कुछ नहीं कर सकते."

परेरा कहते हैं कि उनकी हड़ताल का मकसद सरकार पर इस बात के लिए दबाव बनाना भी है कि खाली पड़े आठ वन्यजीव चिकित्सकों के पदों को भरा जाए. साथ ही उनके करियर को आगे बढ़ाने का एक खाका तैयार किया जाए. अभी श्रीलंका में 11 वन्यजीव विभाग पशु चिकित्सक हैं जो जंगली जानवरों के इलाज के लिए जिम्मेदार हैं.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः आभा एम

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