हवाई यात्रा के बारे में वो सात बातें जो आपको पता होनी चाहिए
दुनिया के सभी लोगों की इच्छा होती है कि कम से कम एक बार हवाई यात्रा जरूर करें. विमान कंपनियां भी अक्सर नए-नए ऑफर देती है. लेकिन क्या आपको मालूम है कि हवाई उड़ानों की वजह से धरती गर्म होती है, जलवायु पर बुरा असर पड़ता है.
जलवायु पर बुरा असर
जर्मनी की पर्यावरण एजेंसी यूबीए के अनुसार, जर्मनी से मालदीव हवाई जहाज से आने-जाने के दौरान (एक तरफ की दूरी 8,000 किमी) प्रति व्यक्ति पांच टन से अधिक कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन होता है. एक सामान्य कार के 25 हजार किलोमीटर चलने पर इतनी मात्रा में कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन होता है.
धरती के तापमान पर असर
विमान 5000 फीट से 35,000 फीट की ऊंचाई पर उड़ते हैं. इस ऊंचाई पर उड़ने की वजह हवा के पतला होना है. इससे इंधन कम खर्च होता है. लेकिन विमान कार्बन डाइऑक्साइड के अलावा दूसरी चीजों का उत्सर्जन भी करती है. विमान से निकला धुंआ बादलों में बदल जाता है जिसकी वजह से धरती ठंडी या गर्म हो सकती है.
सॉसेज खाएं या हवाई यात्रा करें
हमारा दैनिक जीवन धरती को गर्म करता है. हीटिंग, बिजली, कपड़े और भोजन सभी से कार्बन का उत्सर्जन होता है. ग्लोबल वार्मिंग को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने के लिए यूबीए प्रत्येक नागरिकों से अधिकतम एक टन कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन की सिफारिश करता है, चाहे वह ऐसा हवाई यात्रा कर करें या सॉसेज खाकर.
स्थानीय स्तर पर वायु प्रदूषण
हवाई यातायात सिर्फ वैश्विक जलवायु को हीं नुकसान नहीं पहुंचाता, बल्कि स्थानीय स्तर पर भी प्रभावित करता है. हवाई जहाज के शोर से आमलोगों में हार्ट अटैक जैसी बीमारी का खतरा बढ़ जाता है. जो बच्चे एयरपोर्ट के समीप रहते हैं, वे अपना ध्यान केंद्रित नहीं कर पाते हैं. स्थानीय हवा प्रदूषित होती है. उसमें नाइट्रोजन ऑक्साइड जैसी हानिकारक गैसें मिली रहती है.
ईंधन कर पर छूट
हवाई यातायात को परिवहन के अन्य साधनों की तुलना में अधिक सब्सिडी दी जाती है. एविएशन केरोसीन का इस्तेमाल जेट ईंधन के रूप में किया जाता है. इस पर यूरोपीय संघ में टैक्स नहीं लगता है. जर्मनी में सीमा पार के उड़ानों को वैल्यू एडेड टैक्स से छूट दी गई है. यूबीए के आंकड़ों के अनुसार, इसके माध्यम से सरकार ने 2012 में 4.7 अरब यूरो से अधिक कर राजस्व माफ किया.
करदाताओं का पैसा खर्च
हवाई यात्रा से जुड़ी परियोजनाओं पर अक्सर सब्सिडी दी जाती है. करदाताओं का पैसा अक्सर नए हवाई अड्डों के निर्माण पर खर्च होता है, जो अप्रत्यक्ष सब्सिडी का एक रूप है. रायनएयर जैसी बजट एयरलाइंस अपने कर्मचारियों पर काम का दबाव बढ़ाकर पैसे बचाने को लेकर निशाने पर आ गई है.
एक छोटा समूह फैला रहा प्रदूषण
दुनिया की आबादी के केवल 20% लोगों ने हीं कभी न कभी हवाई यात्रा की है. क्लाइमेट जस्टिस मूवमेंट के अनुसार, समृद्ध और शिक्षित लोगों का छोटा समूह बहुत अधिक यात्रा करता है. यह समूह ही हवाई यात्रा की वजह से होने वाले ग्रीनहाउस गैस के उत्सर्जन के 70% हिस्से के लिए जिम्मेदार है.