हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों की हलचल
महाराष्ट्र विधानसभा की 288 और हरियाणा की 90 सीटों के लिए हुए चुनाव के नतीजों में भी 'मोदी इफेक्ट' नजर आया. बीजेपी का मानना है कि दोनों राज्यों में लोगों ने बदलाव के लिए वोट दिया.
दोनों राज्यों में 10 दिनों के अंदर खुद प्रधानमंत्री मोदी ने 38 रैलियां कीं. हरियाणा चुनाव में इस बार रिकॉर्ड 76 प्रतिशत मतदान दर्ज हुआ. जबकि महाराष्ट्र में भी 64 फीसदी लोगों ने अपने वोट का इस्तेमाल किया. युवा मतदाता बड़ी संख्या में अपना वोट डालने पहुंचे.
इन दो राज्यों के विधानसभा चुनावों को लोकसभा चुनाव के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता की सबसे बड़ी कसौटी माना जा रहा है. तमाम बड़े सुधारों के लिए आम लोगों की उम्मीदें लगी हैं.
महाराष्ट्र में चुनावों से ठीक पहले काफी लंबे समय से चले आ रहे गठबंधन टूट गए. जहां कांग्रेस और राष्ट्रीय क्रांति पार्टी का 15 साल पुराना साथ खत्म हुआ वहीं भाजपा और शिवसेना के 25 साल के रिश्ते भी. अब यह चारों पार्टियां अकेले चुनाव नैदान में हैं.
हरियाणा में भी बीजेपी अकेले चुनाव लड़ रही है और राज्य में कांग्रेस से सत्ता अपने हाथों में लेने की पुरजोर कोशिशें कर रही है. हरियाणा में पिछले 10 साल से कांग्रेस पार्टी ही सत्ता में है.
हरियाणा में कुल 1.63 करोड़ मतदाता हैं जिनमें करीब 90 लाख महिलाएं हैं. चुनाव प्रचार अभियान के दौरान दोनों राज्यों में कांग्रेस की कमान सोनिया गांधी ने जबकि शिवसेना के प्रचार का जिम्मा उद्धव और आदित्य ठाकरे संभाल रहे थे.
महाराष्ट्र में चुनाव के जरिये 13वीं विधानसभा के सदस्यों का चुनाव हुआ. कांग्रेस को लोगों के सतत समर्थन की उम्मीद लगी थी तो वहीं बीजेपी को बदलाव की.