हत्यारी व्हेल को एम्यूजमेंट पार्क में भेजने की अनुमति
२२ नवम्बर २०११संरक्षणकर्ता चाहते थे कि मॉर्गन नाम की हत्यारी व्हेल को नॉर्वे के समुद्र में जंगली इलाके में फिर से वापस कर दिया जाए. लेकिन जज एम दे रुइज का कहना था कि मादा व्हेल के जंगली समुद्र में बचने की की निश्चितता नहीं है.
जज रुइज ने एक लिखित फैसले में कहा, "मॉर्गन को जानवरों की सुरक्षा और जीवनयापन के बारे में अध्ययन और प्रशिक्षण के लिए लोरो पार्क भेजा जा सकता है." नीदरलैंड्स में हार्डरविक के व्यावसायिक डॉल्फिनेरियम में जमा विशेषज्ञों ने कहा कि सामाजिक जानवर समझी जाने वाली व्हेल को छोड़ना उसके लिए मृत्यु दंड जैसा होगा. उनका कहना था कि टेनेरिफा के लोरो पार्क में उसकी स्थिति बेहतर होगी जहां और चार व्हेल भी हैं.
फ्री मॉर्गन दल के विशेषज्ञों का कहना था कि डॉल्फिनेरियम जानवर की भलाई से अधिक व्यावसायिक हितों से प्रभावित हो रहा है. उन्होंने कहा कि वे मॉर्गन की रिहाई के लिए संघर्ष करते रहेंगे. जज रुइज के फैसले को समुद्र वैज्ञानिक इंग्रीड विशर ने क्षोभजनक बताया. न्यूजीलैंड से आई विसर ने मॉर्गन को नॉर्वे के शहर श्टो भेजने के लिए तैयारियां भी की थीं.
डॉल्फिनेरियम के प्रवक्ता बैर्ट फान प्लाटरिंगेन ने फैसले पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि वह मॉर्गन के लिए अच्छा है. उन्होंने कहा कि मॉर्गन को बचाने, उसके रखरखाव और उसे भेजने का खर्च लाखों यूरो से ऊपर है और डॉल्फिनेरियम को उसके होने से लाभ नहीं हुआ है.
मॉर्गन 2010 में नीदरलैंड्स के समुद्र तट पर भूखी और कमजोर मिली थी. अनुमान से वह दो साल की थी जबकि उसका वजन सिर्फ 400 किलो था. इस जुलाई तक उसकी हालत सुधर गई थी और उसका वजन दुगुना हो गया है. अंतरराष्ट्रीय संधियों के तहत हत्यारी व्हेल का कारोबार प्रतिबंधित है. डॉल्फिन की ओर्का प्रजाति की 50 से कम व्हेल विश्वभर में लोगों के कब्जे में हैं. उनमें से अधिकांश अमेरिकी कंपनी सीवर्ल्ड के पास है.
रिपोर्टः एपी/महेश झा
संपादनः एन रंजन