स्टॉक मार्केट या चिड़ियाघर?
क्या आपको पता है कि दुनिया की बड़ी बड़ी कंपनियों के शेयर जिस स्टॉक मार्केट में खरीदे और बेचे जाते हैं, उस बाजार में मुर्गी. भालू, बैल या सूअरों की खूब बातें होती हैं. देखिए वित्तीय बाजार में इनके क्या मायने होते हैं.
'बुल' या बैल
बुल मार्केट तब होता है जब अर्थव्यवस्था में सब कुछ बढ़िया हो. लोगों के लिए रोजगार हो, सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) बढ़ रहा हो और स्टॉक ऊपर जा रहे हों. जब कोई निवेशक बाजार को लेकर आशावादी हो और उसे लगता हो कि स्टॉक ऊपर की ओर जाएगा, तो वह 'बुल' कहलाता है.
'बियर' या भालू
बियर मार्केट बुल की विपरीत स्थिति होती है. अर्थव्यवस्था का हाल खस्ता हो, आर्थिक मंदी छाई हो और स्टॉक की कीमत नीचे जा रही हो तो निवेशकों को फायदेमंद स्टॉक चुनने में परेशानी होती है. किसी स्टॉक के और नीचे जाने का विश्वास रखने वाले निवेशक 'बियर' कहलाते हैं.
'चिकेन' या मुर्गी
स्टॉक मार्केट में चिकेन यानि मुर्गियां वे लोग होते हैं जिन्हें हमेशा कुछ खोने का डर लगा रहता है. 'चिकेन' बाजार में पैसे खोने के डर से मुनाफा कमाने के कई मौकों का इस्तेमाल ही नहीं करते और केवल कम रिस्क वाली सेक्योरिटीज यानि प्रतिभूतियों में ही निवेश करते हैं.
'पिग्स' या सूअर
पिग्स वे निवेशक कहलाते हैं जो काफी ऊंचे जोखिम वाले स्टॉक चुनते हैं. वे कम समय में ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए भावनात्मक होकर फैसले लेते हैं. पेशेवर स्टॉक ट्रेडर्स को ऐसे निवेशकों की तलाश रहती है क्योंकि वे आवेग में आकर बाजार में पैसे लगाते हैं.
'डॉग एंड पोनी शो'
किसी रोड शो की तरह जब किसी सेमिनार या फोरम में संभावित निवेशकों के सामने नए उत्पाद और वित्तीय प्रतिभूतियां पेश की जाती हैं, तो वह 'डॉग एंड पोनी शो' कहलाता है. कंपनियां आईपीओ के जरिए राशि जुटाने के लिए भी इंवेस्टमेंट बैंकों की मदद से इस शो का आयोजन करती हैं.
'हाथी'
बड़े संस्थानों को हाथी कहकर बुलाया जाता है. इन एलिफेंट्स के पास काफी बड़े स्तर पर व्यापार करने के लिए बड़ी राशि उपलब्ध होती है. ये जिन स्टॉक्स में निवेश करते हैं, काफी हद तक बाजार में उनकी कीमत के ऊपर या नीचे होने में इनका सीधा हाथ होता है. बड़े पेशवर म्यूचुअल फंड, पेंशन योजना, बैंक और बीमा कंपनियां बाजार के 'हाथी' हैं.
'स्टॉकिंग हॉर्स' या आड़ का घोड़ा
किसी कंपनी के दिवालिया घोषित होने पर कई लोग उसे खरीदने में दिलचस्पी रखते हैं. ऐसे में वह कंपनी बोली लगाने वाली तमाम पार्टियों में से पहली बोली लगने के लिए जिस एक को चुनती है, वह 'स्टॉकिंग हॉर्स' यानि आड़ का घोड़ा कहलाता है. इससे दिवालिया कंपनी अपने लिए एक निम्नतम बोली तय कर पाती है और बाकी खरीददार उससे ऊपर ही कीमत लगा सकते हैं.
'डॉग'
किसी निवेशक के पोर्टफोलियो में वह स्टॉक 'डॉग' कहलाता है, जो काफी समय से अच्छा प्रदर्शन ना कर रहा हो. इस तरह वह पूरे पोर्टफोलियो के प्रदर्शन पर एक बुरा असर डालता है.
'कैट्स एंड डॉग्स'
वे स्टॉक जिनके बाजार में प्रदर्शन के बारे में काफी कम ऐतिहासिक तथ्य मौजूद हों उन्हें स्टॉक मार्केट की आम बोली में 'कैट्स एंड डॉग्स' कहते हैं. जब बाजार चढ़ाव की ओर हो, तो ऐसे 'कैट्स एंड डॉग्स' भी बड़े स्टॉक के साथ ही उस लहर में ऊपर उठ जाते हैं.
'मृत बिल्ली की छलांग'
लंबे समय से उतार देख रहे शेयर मार्केट में जब अचानक किसी कारण स्टॉक में एक अस्थाई सुधार दिखता है, तो वह 'डेड कैट बाउंस' कहलाता है. इस सुधार के तुरंत बाद बाजार फिर से नीचे की ओर जाने लगता है.