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स्टार्स नहीं, पर सितारा टीम है इटली

ओंकार सिंह जनौटी (संपादनः ए जमाल)६ जून २०१०

इटली टीम के प्रशंसक कम हैं. यही इन लड़ाकों की खूबी है, बिना हल्ला मचाए दूसरी टीमों का काम तमाम कर देना. इटली अब तक चार वर्ल्ड कप जीत चुका है. फिर भी टीम के पास रोनाल्डो, मेसी, रूनी या पुडोलस्की जैसे सितारे नहीं.

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तस्वीर: AP

लेकिन टीम के पास हमेशा ऐसे 11 खिलाड़ी रहते हैं जो गजब के तालमेल से दूसरी टीमों छकाते और थकाते हुए मैच जीतते हैं. 2006 में टीम ने 24 साल का सूखा खत्म करते हुए वर्ल्ड कप जीता, अब तैयारी खिताब को बचाने की है.

इटली यूरोप की एक मात्र ऐसी टीम है जो अपने महाद्वीप से बाहर वर्ल्ड कप जीतने गौरव रखती है. नीले रंग की जर्सी में दौड़ते इटली के खिलाड़ी मैदान पर सागर की लहरों की तरह दिखते हैं और कई बार सामने वाली टीम पर सूनामी जैसी आपदा भी बनकर टूटते हैं. टीम अपनी मजबूत रक्षा पंक्ति के लिए भी जानी जाती है. बीते वर्ल्ड कप में इसका शानदार नमूना दिखा जब टीम ने फ्रांस के जिदान, ऑनरी और रिबेरी जैसे खिलाड़ियों को एक से ज़्यादा गोल नहीं करने दिया.

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तस्वीर: dpa

2006 विश्व कप फाइनल में इटली ने फ्रांस को हराया. पहले विजेता टीम के मैतराजी ने बड़ी चालाकी से विपक्षी कप्तान जिदान को भड़का कर मैच से बाहर कराया फिर पेनल्टी में दनादन गोल दाग दिए. फाइनल जैसे करो या मरो के मुकाबले में इतालवी टीम ने बेईमानी को छोड़ हर तरह के हथकंडे अपनाए. इससे पता चलता है टीम जीत के लिए किस जुनून से खेलती है.

लेकिन इस बार टीम के समीकरण बदले हुए हैं. फ्रांसिस्को टोटी समेत कई तेज तर्रार खिलाड़ी वर्ल्ड कप की स्वप्निल जीत के बाद संन्यास ले चुके हैं. डेल डिएयरो भी टीम से बाहर हैं. यही वजह थी कि टीम आयरलैंड से ड्रॉ खेलकर किसी तरह वर्ल्ड कप के लिए क्वालीफाई कर पाई. 2006 के फाइनल में फ्रांस के कई पेनल्टी हमलों को दीवार की तरह रोकने वाले इटली के कप्तान और गोलकीपर गियानलुइगी बुफों भी मानते हैं, इस वर्ल्ड कप में टीम को मुश्किल होगी. वर्ल्ड कप से ठीक पहले उन्होंने कहा, "इस बार हमारे पास खिताब बचाने का मौका कम है. 2006 की जीत को दोहराना मुश्किल है." हालांकि बुफों कहते हैं कि नए लड़के सरपट खेलने वाले हैं और टीम चौंकाने वाले नतीजे दे सकती है. उनका दावा है कि वह अब भी दुनिया के नंबर एक गोलकीपर हैं. ऐसे में अगर स्ट्राइकर टीम के लिए गोल कर दें, तो बाकी का काम वह संभाल लेंगे.

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तस्वीर: picture alliance / Pressefoto Ulmer

बुफों के अलावा टीम को 36 साल के सेंट्रल बैक प्लेयर फाबिया कनावारो पर भी पूरा भरोसा है. लीग में वह असरदार नहीं रहे लेकिन इसके बावजूद अंतरराष्ट्रीय मैचों में उनकी प्रतिभा पर किसी कोने में कोई सवाल नहीं उठ रहा है. टीम के युवा स्टार गिओरगिओ चिएलिनी शानदार फॉर्म में हैं. 24 साल के लेफ्ट आउट क्लाउडियो मारचिस्को भी कोच और कप्तान के फेवरिट हैं.

ये चारों खिलाड़ी एक ही क्लब के लिए खेलते हैं लिहाजा इनमें गजब का तालमेल है. टीम के हमलावर एंटोनियो डी नटाले 32 साल की उम्र के बावजूद अपना पैनापन बरकरार रखे हुए हैं. चिएलिनी के अलावा 25 साल के एक और युवा हमलावर गिआमपाउलो पाजिनी टीम का नया टैलेंट कहे जा रहे हैं. इन सब समीकरणों को देखने के बाद वाकई लगता है कि इतालवी टीम फिर चुपचाप काम तमाम करने को तैयार है.