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पर्यावरण के लिए एकजुट यूरोप के छात्र

३१ जनवरी २०१९

बेल्जियम में दसियों हजार स्कूली छात्रों ने पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रदर्शन किया है. वे एक दिन स्कूल छोड़कर ये प्रदर्शन कर रहे हैं. अवज्ञा आंदोलन की तर्ज पर हो रहे छात्र प्रदर्शन यूरोप के दूसरे देशों में भी हो रहे हैं.

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Belgien Klimaschutzmarsch in Brüssel
तस्वीर: picture-alliance/dpa/BELGA/N. Maeterlinck

गुरुवार को फिर से बेल्जियम में हजारों स्कूली छात्रों ने पर्यावरण सुरक्षा को बेहतर बनाने के लिए प्रदर्शन किया. पुलिस के अनुसार कड़ाके की ठंड के बावजूद राजधानी ब्रसेल्स में 12,500 छात्र शहर के केंद्र में प्रदर्शन के लिए सड़कों पर उतरे. लिएज शहर में 15,000 छात्रों ने प्रदर्शन में हिस्सा लिया. उन्होंने नारों की तख्तियां हाथों में ले रखी थीं जिनमें से एक पर लिखा था, "नीला आसमान चाहते हो या खून टपकता आसमान?"

Belgien Klimaschutzmarsch in Brüssel
तस्वीर: picture-alliance/dpa/BELGA/N. Maeterlinck

बेल्जियम में यूथ फॉर क्लाइमेट संगठन द्वारा आयोदित प्रदर्शन लगातार चार हफ्ते से हो रहा है. पिछले हफ्ते करीब 35,000 किशोरों ने प्रदर्शन में हिस्सा लिया था. प्रदर्शनकारी तब तक डटे रहना चाहते हैं जब तक कि सरकार पर्यावरण संरक्षण के लिए ज्यादा सक्रिय नहीं होती. बेल्जियम में स्कूली शिक्षा अनिवार्य है. छोटे बच्चों को तो प्रदर्शन में जाने की अनुमति नहीं है लेकिन सेकंडरी स्कूल के बच्चे माता पिता की अनुमति से स्कूल बंक कर सकते हैं. बहुत से छात्र बिना अनुमति के भी प्रदर्शन में हिस्सा ले रहे हैं.

Belgien Protest gegen den Klimawandel in Brüssel
तस्वीर: Reuters/Y. Herman

यूरोप के दूसरे देशों की तरह बेल्जियम में भी स्कूली छात्र हर हफ्ते क्लास छोड़कर पर्यावरण सुरक्षा की मांग पर जोर देने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं. पिछले हफ्ते ब्रसेल्स में 32,000 छात्रों ने रैली निकाली थी. रविवार को पर्यावरण सुरक्षा रैली में 70,000 लोगों ने हिस्सा लिया था.

छात्रों के इस नियमित प्रदर्शन का विचार स्वीडन की स्कूली छात्र ग्रेटा थूनबर्ग से प्रभावित है. वह करीब छह महीने से संसद के सामने हर शुक्रवार को पर्यावरण संरक्षण के लिए धरना दे रही है. जर्मनी में भी स्कूली छात्रों और व्यावसायिक प्रशिक्षण पा रहे प्रशिक्षुओं ने प्रदर्शन के लिए शुक्रवार का ही दिन चुना है. पिछले हफ्ते शुक्रवार को जर्मनी के विभिन्न शहरों में हजारों किशोरों ने हिस्सा लिया था.

एमजे/आईबी (डीपीए, एएफपी)

धरती बचाने के लिए स्कूलों से बाहर निकले बच्चे