सौ रानियों के साथ ऐसे रहता था ईरान का शाह कजर
19वीं सदी के ईरान के नासिर अल-दिन शाह कजर के हरम में ली गईं इन दुर्लभ तस्वीरों को देख कर पता चलता है कि उस समय नारीत्व और खूबसूरती के मायने आज से कितने अलग थे. उनके हरम में 100 से भी ज्यादा रानियां थीं.
शाह कजर ने 47 सालों तक ईरानी राज्य पर शासन किया. करीब 3,000 साल लंबी ईरानी राजशाही में यह पहली बार हुआ कि किसी शाह ने हरम में फोटोग्राफर नियुक्त किया हो. जाहिर है शाह फोटोग्राफी के बड़े शौकीन थे.
शाह को अपनी दो पत्नियां अनिस अल-दोलेह और ताज अल-दोलेह बहुत ज्यादा प्रिय थीं. इनकी तस्वीरों में रानियों के चेहरे पर मूंछें नजर आती हैं, क्योंकि उस समय चेहरे के बालों को हटाने का चलन नहीं था.
शाह नासिर के शासन काल (1848-1895) में उनके हरम में खींची गई तस्वीरों में दिखने वाली महिलाएं सुंदरता के आज के मानदंडों से काफी अलग दिखती हैं. रानियों की घनी भंवें और मूंछें खूबसूरत मानी जाती थीं. महिलाएं मेकअप कर इन लक्षणों को उभारती थीं.
खास तरह की 'शालितेह' स्कर्ट जैसी पोशाक पहने दिखती अनिस अल-दोलेह जैसी रानियों के चेहरों की तस्वीरें लेना उस समय की शिया परंपरा के उलट था. उनके धर्म में लोगों के चेहरे खासकर महिलाओं के चेहरे दिखाने पर पाबंदी थी. जाहिर है देश का सबसे शक्तिशाली शाह ही ऐसा करने की हिम्मत कर सकता था.
रूसी फोटोग्राफर शाह और उनके पुरुष संबंधियों की तस्वीरें ले सकता था लेकिन हरम में फोटोग्राफी केवल शाह खुद करते थे. वे इन तस्वीरों को डेवलप भी खुद करते थे और फिर फोटो को बड़े एलबमों में गुलिस्तां महल में सजा कर रखते थे. यहां आज संग्रहालय है.
19वीं सदी की इन तस्वीरों में शाह के बचपन से लेकर जवानी तक की छवियां हैं. अपने दरबार में उन्होंने दुनिया का पहला ऑफिशियल फोटो स्टूडियो स्थापित करवाया. 1870 के दशक में शाह ने रूसी फोटोग्राफर आंतोन सेवरीउगिन को अपने दरबार का आधिकारिक फोटोग्राफर नियुक्त कर लिया.
हरम के बारे में जो भी सोचा जाता हो लेकिन तस्वीरों से लगता है कि महिलाएं मिलजुल कर रहती थीं. पिकनिक जैसे आयोजन करती थीं और तस्वीरें खिंचवाने में कोई शर्म वाली बात नहीं समझती थीं.
ज्यादातर औरतों के भारी भरकम शरीर को देखकर लगता है कि इसे ही सुंदर माना जाता था. महिलाएं छोटी और खूब सजी हुई स्कर्ट पहनती थीं जो आजकल बैले डांस में पहने जाने वाले टूटू स्कर्ट जैसी दिखती थीं. इसके अलावा लंबी कढ़ाईदार पोशाकें भी दिखती हैं.
शाह की तमाम रानियों से उनकी कई सारी संतानें थीं. उनकी पत्नी ताज अल-दोलेह की बेटी इस्मत अल-दोलेह (तस्वीर में) ईरान में पियानो बजाने वाली पहली महिला थीं. शाह ने अपने यूरोप के दौरे पर पियानो देखा था और फिर उसे अपने यहां मंगवा लिया.
इस्मत अल-दोलेह अनार चुनती हुई. शाही एलबम में ऐसी कई तस्वीरें हैं जो उस समय रानियों की रोजाना की जिंदगी के हर छोटे बड़े पल को कैद करती हैं.
उस काल में मलेरिया बहुत जानें लेता था. 1905 में राजकुमारी एस्मा उल-दोलेह की मलेरिया से मौत होने के बाद की इस तस्वीर में सभी संबंधी गहरे रंग के कपड़ों में शोक मनाते हुए. .