1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

सोनिया फिर एनएसी की अध्यक्ष

३० मार्च २०१०

सोनिया गांधी को राष्ट्रीय सलाहकार परिषद का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. लाभ का पद पर उठे विवाद के कारण चार साल पहले सोनिया गांधी ने इस पद से इस्तीफ़ा दे दिया था. तत्काल प्रभाव से यह नियुक्ति लागू होगी.

https://p.dw.com/p/MhNO
तस्वीर: UNI

राष्ट्रीय सलाहकार परिषद की अध्यक्ष होने के साथ ही अब सोनिया गांधी को कैबिनेट मंत्री का दर्जा होगा. सोनिया सत्ताधारी गठबंधन यूपीए की भी वे अध्यक्ष हैं.

सोनिया परिषद के दूसरे सदस्यों को भी नामांकित करेंगी. सदस्यों का कार्यकाल नियुक्ति के दिन से एक साल का होगा जिसे बढ़ाया जा सकेगा. प्रवक्ता ने जानकारी दी कि विशेष प्रस्ताव के तहत नियुक्त किए जाने वाला सांसद परिषद से कोई वेतन या भत्ता नहीं ले सकता.

इस परिषद की शुरुआत कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के ही विचार के बाद हुई थी. 2004 में यूपीए सरकार बनने के बाद पहली बार इसका गठन हुआ था. लाभ के पद को पर विवाद के बाद सोनिया गांधी ने 23 मार्च 2006 को परिषद से और लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था.

विपक्ष का आरोप था कि उन्होंने लाभ के पद के सिद्धांत का उल्लंघन किया है. बाद में संसद ने लाभ के पद को लेकर एक विधेयक पारित किया जिसमें राष्ट्रीय सलाहकार परिषद के अध्यक्ष के पद सहित 56 पदों को लाभ के पद से मुक्त कर दिया गया.

परिषद ने पहली बार राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून और सूचना का अधिकार जैसे कानूनों के बनने में अहम भूमिका निभाई थी. अब सरकार के सामने जल संरक्षण, स्वास्थ के बारे में क़ानूनों के साथ ही सांप्रदायिक हिंसा विधेयक का सवाल है.

राष्ट्रीय सलाहकार परिषद सरकार को नीति निर्धारण और विधायी कार्रवाई में मदद करती है. इसकी शुरुआत सोनिया गांधी ने की थी लेकिन जैसे ही उन्होंने विवाद के बाद इस्तीफ़ा दिया परिषद की सलाह का कोई वज़न नहीं रहा और इसमें काम कर रहे कईं और लोगों ने भी इस्तीफ़ा दे दिया. सोनिया गांधी के बाद कोई चैयरमैन के पद पर आया ही नहीं.

बैठकें हुई, प्रस्ताव भी रखे गए लेकिन उसका कोई फ़ायदा नहीं हुआ क्योंकि कोई तुरुप का पत्ता परिषद में नहीं था.

रिपोर्टः एजेंसियां/आभा मोंढे

संपादनः एम गोपालकृष्णन