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सोची में नहीं लहराएगा तिरंगा

१० जनवरी २०१४

भारतीय ओलंपिक संघ के ढुलमुल रवैये के कारण सोची विंटर ओलंपिक में भारतीय ध्वज नहीं लहरा पाएगा. भारत के तीन खिलाड़ी सोची में हिस्सा तो लेंगे लेकिन ओलंपिक झंडे के तले.

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तस्वीर: dapd

सोची ओलंपिक के लिए तीन भारतीय खिलाड़ी क्वालिफाई कर पाए हैं. ये तीनों स्वतंत्र एथलीट के तौर पर हिस्सा लेंगे, वे किसी राष्ट्र का प्रतिनिधित्व नहीं करेंगे. अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक संघ ने भारतीय ओलंपिक संघ को निलंबित कर दिया है, जिसकी वजह से ये तीनों खिलाड़ी सोची खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व नहीं कर पाएंगे.

रूस के सोची शहर में सात फरवरी से शीत ओलंपिक होने जा रहा है. अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति, आईओसी ने एक साल पहले भारत की सदस्यता निलंबित की थी जब राष्ट्रीय समिति में दागी उम्मीदवार अहम पद पर चुने गए. इनमें भारतीय ओलंपिक संघ के महासचिव ललित भनोट भी हैं, जिन पर 2010 के कॉमनवेल्थ खेलों में भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे.

भनोट जेल की सजा भी काट चुके हैं. अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने पिछले महीने कहा था कि अगर भारतीय ओलंपिक संघ दोबारा चुनाव करा लेता है तो वह प्रतिबंध हटा लेगी. लेकिन भारतीय संघ ने सोची ओलंपिक के शुरू होने के दो दिन बाद यानी नौ फरवरी को चुनाव कराने का फैसला किया है. अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने एक बयान में कहा, "दिसंबर में कार्यकारी बोर्ड के फैसले के बाद आईओसी सोची में क्वालिफाई करने वाले सभी भारतीय खिलाड़ियों के लिए जरूरी इंतजाम करेगी जो बतौर स्वतंत्र खिलाड़ी ओलंपिक ध्वज के अधीन हिस्सा ले रहे हैं."

Shiva Keshavan
केशवन ल्यूज दौड़ में भारत के विश्वस्तरीय खिलाड़ी हैंतस्वीर: Bongarts/Getty Images

तीन भारतीय खिलाड़ियों में 32 साल के शिव केशवन भी शामिल हैं. केशवन ल्यूज रेस में हिस्सा लेंगे. यह उनका पांचवां विंटर ओलंपिक होगा. इस फैसले के बाद केशवन ने मीडिया से कहा यह "शर्मनाक और दयनीय है." केशवन कहते हैं, "पूरी दुनिया को हमारे सिस्टम की विफलता, भ्रष्टाचार और खेलों में खराब प्रशासन के बारे में पता है."

आईओसी के दबाव के बाद पिछले साल दिसंबर में भारतीय ओलंपिक संघ ने आपसी सहमति से संविधान में बदलाव लाने, सभी दागी अधिकारियों को बाहर करने और फिर से चुनाव कराने का फैसला किया था. अगर भारत आईओसी का पालन नहीं करता तो वह ओलंपिक से निष्कासित हो जाता. दक्षिण अफ्रीका के बाद भारत ओलंपिक से निष्कासित होने वाला पहला देश बन जाता. 40 साल पहले दक्षिण अफ्रीका को ओलंपिक से बाहर का रास्ता दिखाया गया था. आईओसी पिछले खेलों में खिलाड़ियों के लिए ओलंपिक ध्वज के अधीन भाग लेने का प्रावधान कर चुका है. दक्षिण सूडान के मैराथन रनर गुआर मारियल 2012 के लंदन ओलंपिक खेलों में स्वतंत्र खिलाड़ी के तौर पर हिस्सा ले चुके हैं. साल 2000 में हुए सिडनी ओलंपिक में पूर्वी तिमूर के खिलाड़ियों ने ओलंपिक ध्वज के अधीन हिस्सा लिया था.

एए/एजेए (एपी)

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