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विवाद

सैन्य संबंध मजबूत करने पर सहमत हुए भारत और चीन

२४ अगस्त २०१८

भारत और चीन सैन्य संबंधों और सीमा विवाद से जुड़ी बातचीत को और ज्यादा बढ़ाने पर सहमत हुए हैं. दोनों देश साझा सैन्य अभ्यास के लिए भी तैयार हो रहे हैं.

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Indisch-Chinesische Grenze Grenzpass
तस्वीर: Getty Images

भारत और चीन के रक्षा मंत्रियों के बीच नई दिल्ली में बैठक के बाद यह एलान किया गया. भारतीय रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमन से लंबी बातचीत के बाद चीनी रक्षा मंत्री वाई फेंघे ने कहा, "यह तय हुआ है कि दोनों देशों ने सशस्त्र सेनाओं के बीच ट्रेनिंग, साझा अभ्यास और दूसरे पेशेवर संपर्क बढ़ाने का फैसला किया है." आपसी विश्वास को भी नए ऊंचाइयों पर ले जाने की वचनबद्धता जताई गई. दोनों देशों के बीच जल्द से जल्द हॉटलाइन सेवा भी शुरू की जाएगी.

वाई ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की. चीनी रक्षा मंत्री ने नई दिल्ली में कहा कि दोनों देशों की दोस्ती पौराणिक काल से है. लेकिन 1947 के बाद से दोनों देशों के संबंध काफी खराब रहे हैं. सीमा विवाद के कारण 1962 में जंग लड़ चुके भारत और चीन आज भी एक दूसरे के इलाके पर अपना दावा जताते हैं. दोनों देशों के बीच करीब 3,500 लंबी सीमा है.

Indien Ministerin Nirmala Sitaraman
भारतीय रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमणतस्वीर: Getty Images/AFP/M. Sharma

2017 में भारत, भूटान और चीन की सीमा के पास डोकलम में दोनों देशों की सेनाओं 73 दिन तक एक दूसरे के सामने डटे रहीं. उस दौरान सैनिकों के बीच धक्का मुक्की भी हुई. बाद में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात के बाद डोकलम विवाद ठंडा पड़ा.

लेकिन इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप भी तमाम देशों को आपसी मतभेद पीछे छोड़ साथ आने का मौका दे रहे हैं. ट्रंप की कारोबारियों नीतियों का सीधा असर यूरोप, चीन और भारत पर पड़ रहा है. अमेरिकी नीतियों की मार को कम करने के लिए भारत और चीन के शीर्ष नेता आपस में मिल भी चुके हैं.

(चीन और भारत में एक जैसा क्या है?)

ओएसजे/एनआर (रॉयटर्स)