1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

सैनिक अदालत में चलेगा 9/11 का मुकदमा

५ अप्रैल २०१२

खालिद शेख मोहम्मद सहित संदिग्ध आतंकियों के खिलाफ यह अब तक का सबसे बड़ा मुकदमा होगा. अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने 9/11 की साजिश रचने वाले पांच मुख्य संदिग्धों पर मुकदमा चलाने की इजाजत दे दी है. उन्हें मौत की सजा हो सकती है.

https://p.dw.com/p/14Y1A
तस्वीर: AP

11 सितंबर 2001 में अमेरिका में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हमला की योजना बनाने वाले आरोपियों पर सैनिक अदालत में मुकदमा चलेगा. अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि खालिद शेख मोहम्मद और चार सह अभियुक्तों को 30 दिन के अंदर ग्वांतानामो बे में अमेरिकी सैनिक अदालत के सामने पेश किया जाएगा. उन पर आतंकवाद, हमले की साजिश और विमानों के अपहरण के आरोप हैं. न्यू यॉर्क, वाशिंगटन और पेंसिल्वानिया प्रांतों में हुए हमलों में 3000 से ज्यादा लोग मारे गए थे.

पेंटागन ने कहा है कि यदि आरोप साबित हो जाते हैं तो इन लोगों को मौत की सजा दी जा सकती है. खालिद शेख मोहम्मद और उसके चार साथियों रमजी बिनालशिभ, अली अब्देल अजीज अली, मुस्तफा अहमद अल हौसावी और वलीद बिन अताश पर एक साथ मुकदमा चलाया जाएगा. बिनालशिभ जर्मन शहर हैम्बर्ग के एक घर में मोहम्मद अता के साथ रहता था, जिसने ट्रेड सेंटर से टकराने वाले पहले जहाज का अपहरण किया था. अगले 30 दिन के अंदर सैनिक अदालत के सामने आरोप तय किए जाएंगे लेकिन जानकारों का कहना है कि मुकदमा शुरू होने में और कई महीने लग सकते हैं.

फैसले पर विवाद

सैनिक अदालत में मुकदमा चलाने के फैसले की अमेरिकी नागरिक अधिकार गुटों ने आलोचना की है. उन्होंने इसे राष्ट्रपति बराक ओबामा की सरकार की गलती बताया है. ओबामा ने पहले आतंकी हमलों के लिए जिम्मेदार लोगों पर आम नागरिक अदालत में मुकदमा चलाने की बात कही थी. लेकिन एक साल पहले क्यूबा पर स्थित अमेरिकी सैनिक अड्डे की अदालत को ही इसके लिए जिम्मेदार माना गया. कानून मंत्री एरिक होल्डर ने इसकी जिम्मेदारी संसद पर डालते हुए कहा है कि सांसदों ने न्यू यॉर्क में मुकदमा चलाने के लिए पैसे देने से मना कर दिया.

AP Iconic Images 11. September World Trade Center
तस्वीर: AP

शेख मोहम्मद और उसके चार साथियों पर पहली बार 2008 में ग्वांतानामो बे के सैनिक अड्डे पर विशेष अदालत में मुकदमा किया गया था. लेकिन बराक ओबामा के राष्ट्रपति बनने के बाद मुकदमे को रोक दिया गया. उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान एक साल के अंदर ग्वांतानामो बे की जेल बंद करने का वादा किया था. लेकिन संसद में भारी विरोध के कारण वे इस वादे को पूरा नहीं कर पाए. सिविल अदालत में मुकदमा चलाने की उनकी योजना भी विरोध के कारण विफल हो गई. उसके बाद पिछले साल फिर से कार्रवाई शुरू की गई और सबूत की जांच के बाद अब मुकदमा चलाने का फैसला लिया गया है.

चुनाव और मुकदमा

इस साल अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव हो रहे हैं. बराक ओबामा चुनाव से पहले संदिग्धों पर मुकदमा चलाने का अपना वादा किसी न किसी रूप में पूरा करना चाहते हैं. ओबामा सरकार के प्रवक्ता जे कार्नी ने कहा है कि हमलों के 10 साल से ज्यादा गुजर जाने के बाद राष्ट्रपति ओबामा इस बात को सुनिश्चित करना चाहते हैं कि उसके लिए जिम्मेदार लोगों को सजा मिले. कार्नी ने जोर देकर कहा है कि सरकार का अभी भी ग्वांतानामो की जेल को बंद करने का इरादा है.

इसके विपरीत नागरिक अधिकारों के लिए लड़ने वाली संस्था एसीएलयू ने कहा है कि हमारे समय के सबसे बड़े आतंकी मामलों की सुनवाई दूसरे स्तर की न्याय प्रणाली में करवा कर अमेरिकी सरकार बहुत बड़ी गलती कर रही है. संस्था का कहना है कि अमेरिका की अदालतों को सैकड़ों आतंकवादी मुकदमों की सुनवाई और फैसले का अनुभव है.

एमजे/एजेए (रॉयटर्स, डीपीए)