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सेक्स, कॉफी और दूषित हवा से दिल के दौरे

२४ फ़रवरी २०११

दूषित हवा कोकीन जैसी जहरीली और नशीली दवा से भी खतरनाक होती है. वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि कोकीन के इस्तेमाल से जितने दिल के दौरे पड़ते हैं उससे कहीं ज्यादा दूषित हवा की वजह से पड़ते हैं.

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तस्वीर: picture-alliance/ ZB / Bilderbox

सेक्स, गुस्सा, मैरिजुआना का इस्तेमाल और सांस या छाती की तकलीफ भी दिल के दौरे की वजह बन सकती हैं. लेकिन सबसे ज्यादा खतरा वायु प्रदूषण से है, खासतौर पर तब, जबकि आप भारी ट्रैफिक के बीच से गुजर रहे हों.

Verkehr in Pakistan
तस्वीर: picture-alliance/ dpa

लान्सेट जर्नल में छपी एक रिसर्च के मुताबिक दिल के मरीजों को दूषित हवा को भी बेहद गंभीरता से लेना चाहिए. बेल्जियम की हैसेल्ट यूनिवर्सिटी के टिम नारोट ने यह रिसर्च की है. नारोट उम्मीद करते हैं कि उनका शोध डॉक्टरों को वायु प्रदूषण के खतरों के बारे में सोचने के लिए प्रभावित करेगा और इस बारे में वे एक मरीज के बारे में नहीं बल्कि पूरे समुदाय के लिहाज से सोचेंगे.

वह कहते हैं, "डॉक्टर हमेशा एक मरीज के बारे में सोचते हैं. तब वे कारक ज्यादा अहम नहीं लगते जिनसे खतरा कम होता है. लेकिन वही कारक जब पूरे समुदाय को प्रभावित करते हैं तो कहीं ज्यादा खतरनाक हो जाते हैं."

विश्व स्वास्थ्य संगठन वायु प्रदूषण को सेहत के लिए एक प्रमुख खतरा मानता है. संगठन के मुताबिक इसकी वजह से हर साल लगभग 20 लाख लोगों की मौत होती है.

सेक्स और कॉफी

नारोट की टीम ने अपने शोध के लिए 36 अलग अलग अध्ययनों के जरिए डेटा जुटाया और दिल के दौरों की वजह बनने वाले कारकों की गणना की. सबसे बड़ा खतरा ट्रैफिक में होना पाया गया. उसके बाद शारीरिक थकान, अल्कोहल, कॉफी और वायु प्रदूषण के खतरे का पता चला. इनके बाद सेक्स, कोकेन, मैरिजुआना और सांस की तकलीफ जैसे कारक बड़ी वजह बने.

इन कारकों के बारे में शोधकर्ता कहते हैं कि अगर एक व्यक्ति के लिए देखा जाए तो कोकीन सबसे बड़ी वजह हो सकती है लेकिन बात पूरे समुदाय की हो तो ट्रैफिक सबसे बड़ा कारक बन जाता है.

यह बात खतरनाक इसलिए है क्योंकि पिछले साल विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एक अध्ययन के आधार पर कहा था कि एशिया के कई बड़े शहरों में वायु प्रदूषण का स्तर तय सीमा से बहुत ज्यादा है. इसका नतीजा हर साल पांच लाख 30 हजार मौतों के रूप में सामने आता है.

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः एस गौड़

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