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सेंचुरियन में दीवार ढही, लक्ष्मण रेखा भी टूटी

१९ दिसम्बर २०१०

दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले टेस्ट में भारत की दशा दयनीय हो गई है. चौथे दिन का खेल शुरू होते ही टीम इंडिया को दो असहनीय झटके लगे. मोर्केल राहुल द्रविड़ का विकेट ले उड़े और ट्सोट्सोबे ने लक्ष्मण रेखा मिटा दी.

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तस्वीर: UNI

ऐसी परिस्थितियों में भारत को सबसे ज्यादा जरूरत राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण की पड़ती है. लेकिन रविवार सुबह का सत्र इन दोनों पर भारी पड़ा. नाइट वाचमैन के रूप में भेजे गए ईशांत शर्मा सुबह पिच पर टिकी नमी झेल गए. उन्होंने 23 रन जोड़े लेकिन ईशांत का विकेट गिरने के बाद द्रविड़ और सचिन तेंदुलकर से जैसे तैसे पारी संभालने की अतिआशावादी उम्मीदें की जाने लगीं.

दक्षिण अफ्रीका भी राहुल द्रविड़ के विकेट का महत्व समझते हुए लगातार उसे गिराने की कोशिश में जुटा रहा और आखिरकार ड्रिंक्स से ठीक पहले मोर्केल ने दीवार को ढहा ही दिया. मोर्केल ने 46वें ओवर से ही द्रविड़ को लगातार परेशानी में डाल रखा था. उन्हें हल्का स्विंग भी मिला जिसकी मदद से 65वें ओवर में उन्होंने मिस्टर भरोसेमंद को पैवेलियन भेज दिया. ऑफ स्टंप पर गुड लेंथ पर टप्पा खाती हुई गेंद द्रविड़ के बल्ले का किनारा चूमती विकेटकीपर मार्क बाउचर के दस्तानों में समा गई. राहुल ने 43 रन बनाए.

इस तरह 242 के स्कोर पर भारत का चौथा विकेट गिरा. इसके बाद क्रीज पर मास्टर ब्लास्टर का साथ देने वेरी वेरी स्पेशल वीवीएस लक्ष्मण आए. भारत रनों के भारी बोझ के नीचे दबा था. मैच का चौथा दिन चल रहा था और किसी तरह हार टालने के लिए संघर्ष हो रहा था. यानी परिस्थियां बिल्कुल लक्ष्मण स्टाइल की हो चुकी थीं. लेकिन इस बार लक्ष्मण वह कमाल नहीं दिखा पाए. आठ रन के स्कोर पर उन्हें ट्सोट्सोबे ने वापस भेज दिया और टीम इंडिया की हार की पटकथा तैयार कर दी.

अब क्रीज पर तेंदुलकर और सुरेश रैना हैं. इसके बाद बल्लेबाज के तौर पर कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ही बचे हैं. फिर भज्जी और पुछल्ले बल्लेबाजों का नंबर हैं. पांच विकेट खोने के बाद भारत पर अब भी 200 से ज्यादा रन की लीड हैं. ऐसे में टीम इंडिया को भगवान या किन्हीं दो खिलाड़ियों से चत्मकार की उम्मीद है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह

संपादन: महेश झा