सूनामी से टकराएंगी विशाल दीवारें
जापान ने सूनामी लहरों से बचने के लिए तटीय इलाकों में विशाल और मजबूत दीवारें बनाने का काम शुरू किया है.
नए इंतजाम
2011 के विनाशकारी सूनामी ने जापान में करीब 18,000 लोगों की जान ली. तब 30 मीटर ऊंची समुद्री लहरों के सामने चार मीटर ऊंचे तटबंध नाकाम साबित हुए. अब तट के बगल में ऊंचे इलाके में 12 मीटर ऊंची कंक्रीट की दीवारें बनाई जा रही हैं.
समय की कीमत
जापानी वैज्ञानिकों के मुताबिक 12 मीटर ऊंची दीवारें पानी के अंधाधुंध बहाव को रोक लेंगी. अगर लहरें बहुत ही ऊंची हुईं तो भी दीवारें सारे पानी को रिहाइशी इलाके में आने से रोकेंगी. इस समय का इस्तेमाल लोगों को सुरक्षित जगहों पर ले जाने के लिए किया जा सकता है.
आलोचना भी
दीवार निर्माण शुरू होते समय ज्यादातर लोगों ने योजना का स्वागत किया, लेकिन अब इन दीवारों की आलोचना भी हो रही है. कुछ लोगों का कहना है कि दीवार को देखकर ऐसा लगता है जैसे वो किसी जेल में हैं.
निराश मछुआरे
तट पर रहने वाले मछुआरों का कहना है कि दीवार ने उन्हें समंदर से अलग कर दिया है. लोग अब खुलकर समुद्र का दीदार भी नहीं कर सकते.
आर्थिक नुकसान
दीवार वाले तटीय इलाकों में अब पर्यटक नहीं आ रहे हैं. कई इलाकों में मछली बेचने का कारोबार भी लड़खड़ा चुका है.
जान है तो जहान है
सूनामी में अपना होटल खोने वाले कातसुहीरो हटकयामा कहते हैं कि दीवार की वजह से अब लोग चैन से सो सकते हैं. किसी भी पल सब कुछ खोने जैसी चिंता कम हुई है.
दीवार पर खिड़की
दीवारों में बीच बीच में खिड़कीनुमा खाली जगह भी रखी गई है. इसके जरिए समंदर पर नजर रखी जा सकती है. सूनामी की स्थिति में ये छेद पानी के दबाव को कम करने का काम भी करेंगे.
सूनामी की याद
2011 के सूनामी ने इंसानों को काफी नुकसान पहुंचाया, लेकिन पर्यावरण के लिहाज से सूनामी बड़ा फायदेमंद साबित हुआ. समुद्र विज्ञानी फुजिता के मुताबिक सूनामी के चलते समुद्र के तटीय इलाके साफ हो गए और लुप्त हो चुका इकोसिस्टम फिर से जीवित हो उठा. यह पेड़ भी सूनामी में बच गया. अब ये स्मारक है.