सूडान में शांति सैनिकों पर हमला
१० जुलाई २००८संयुक्त राष्ट्र की जानकारी के मुताबिक शांति सैनिकों पर हुए हमले में 22 सैनिक भी गंभीर रूप से घायल हुए हैं. सूडान के सरकारी मीडिया का कहना है कि यह हमला उस वक़्त हुआ जब शांति सैनिक उत्तर दारफूर इलाक़े में गश्त लगा रहे थे. तभी 40 गाड़ियों पर सवार बंदूकधारियों ने उन पर मॉर्टर और रॉकेट ग्रेनेडों से हमला किया.
यूनिमेड के अंतर्गत इस समय सूडान में 9000 सैनिक तैनात हैं. मृतकों में रुवैंडा के चार, घाना और यूगैंडा का एक-एक सैनिक शामिल है.
कड़ी प्रतिक्रिया
न्यू यॉर्क में संयुक्त राष्ट्र की प्रवक्ता मिशेल मोन्तास ने बताया कि "महासचिव (बान की मून) ने दारफूर में शांति सैनिकों के खिलाफ़ इस हिंसक घटना की सबसे कड़े शब्दों में निंदा की है. उन्होंने सूडान सरकार से अपील की है कि वो जल्द से जल्द इस मामले की जांच करे और अपराधियों को न्याय के समक्ष पेश करे."
अफ्रीकी संघ ने भी इस „आपराधिक” हमले की कड़े शब्दों में निंदा की है और कहा कि ऐसी घटनाओं से उनके शांति मिशन को नुकसान पहुंचाया नहीं जा सकता है.
जंजावीद मिलीशिया पर शक़
अभी यह साफ़ नहीं हो पाया है कि यह हमला किसने किया है. इस इलाक़े में कई गुट सक्रिय हैं जिनमें सरकार का समर्थन प्राप्त अरब जंजावीद मिलीशिया, और विद्रोही दल शामिल हैं. संयुक्त राष्ट्र को संदेह है कि यह हमला जंजावीद ने ही किया है. दारफूर में ही सक्रिय मुख्य विद्रोही दलों, जस्टिस ऐंड इक्वैलिटी मूवमेंट और सूडान लिबरेशन मूवमेंट यूनिटी ने इस हमले की निंदा की है और कहा है कि उनका इसमें उनका हाथ नहीं है.
सूडान में संकट
सूडान में लंबे समय से मानवीय संकट जारी है. हिंसा के चलते लोगों तक मदद सामग्री नहीं पहुंच पा रही है. दुनिया की सबसे बड़ी राहत संस्था विश्व खाद्य कार्यक्रम को मदद में 50 फीसदी की कटौती करनी पड़ी क्योंकि लूट-मार की वजह से वहां की सड़क के रास्ते खतरनाक बनते जा रहे हैं.
पिछले साल दिसंबर से अफ्रीकी संघ के केवल नौ हज़ार सैनिकों और पुलिसकर्मियों को देश में तैनात किया गया है हालांकि योजना थी कि वहां कुल 19500 सैनिक भेजे जाएंगे. इसके अलावा सुरक्षा बहाल करने के लिए सैनिकों के पास पर्याप्त हवाई यातायात भी नहीं है.
संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि फरवरी 2003 में संकट शुरू होने से लेकर अब तक तीन लाख लोग युद्ध, भुखमरी और बीमारियों के कारण मारे गए हैं और 22 लाख बेघर हो गए हैं. दूसरी ओर सरकार मृतकों की संख्या केवल 10 हज़ार बताती है.
देश में संकट तब शुरू हुआ जब सरकार का समर्थन प्राप्त अरब मिलीशिया के खिलाफ अल्पसंख्यक विद्रोहियों ने हथियार उठाए. तब से लेकर अब तक शांति समझौते के कई प्रयास विफल हो चुके हैं.