सूखे की ऐसी तस्वीरें जैसे कोई पेंटिंग हो
आम तौर पर प्राकृतिक आपदाओं की तस्वीरें देखकर जी भर आता है. लेकिन इन तस्वीरों को देख कर ऐसा लगता है जैसे किसी पेंटर ने कैनवास पर रंग भर दिए हों. ये ऑस्ट्रेलिया के न्यू साउथ वेल्स की तस्वीरें हैं.
कैंसर जैसा
न्यू साउथ वेल्स का 95 फीसदी इलाका सूखे से प्रभावित है. यहां की एक किसान मार्गो वॉलेस्टन कहती हैं, "सूखा कुछ कुछ कैंसर जैसा होता है. वह आपको अंदर ही अंदर खाने लगता है. एक बार शुरू हो जाए तो और बुरा होता रहता है, आपकी ज़िन्दगी पर और असर करता है." तस्वीर उनके खेत पर पड़े एक पेड़ की है.
बूझो तो जानें
इस तस्वीर को समझने के लिए इसे बहुत ध्यान से देखना होगा. आसमान से ली गई इस तस्वीर में सूखी जमीन पर एक पेड़ और कुछ दूरी पर एक जल कुंड देखा जा सकता है. ऑस्ट्रेलिया में अगस्त का वक्त गर्मी का नहीं, बल्कि सर्दी का होता है और सर्दी के दौरान भी बरसात की कमी के चलते भीषण सूखा पड़ सकता है.
मंगल की तस्वीर?
जमीन लाल जरूर है लेकिन ये तस्वीर मंगल ग्रह की नहीं है. खेत के बीचोबीच एक पानी का कुंड और तीन टैंक. जिम्मी मैकक्वेन के इस खेत पर 2010 के बाद से बरसात नहीं हुई है. उनके दादा ने 1901 में यहां खेती शुरू की थी. लेकिन इस बार जैसा नुकसान अब तक कभी भी नहीं हुआ था.
कुएं के पास प्यासा
ये जमीन पर रखी अंगूठी की तस्वीर नहीं है, बल्कि पानी का टैंक है, जिसमें से कंगारू पानी पी रहा है. जानवरों पर सूखे का बेहद बुरा असर पड़ता है. सूखे के कारण जंगल में आग ना लग जाए, इस डर से युकलिप्टस के पेड़ों को काट दिया गया. लेकिन ये पेड़ ही कोआला भालुओं के घर होते हैं. अब वे कहां जाएं?
खेत के बीच हल
गुन्नेडाह इलाके के एक खेत की तस्वीर. बीचोबीच एक हल रखा है. सूखे के निशान यहां साफ देखे जा सकते हैं. ऐसा लगता है जैसे किसी कलाकार ने यहां लकीरें उकेरी हों. कुदरत का नजारा इंसान द्वारा बनाई गई किसी भी पेंटिंग से ज्यादा प्रभावशाली होता है.
खाने का इंतजाम
जो दो नीले बिंदु दिख रहे हैं, वे किसान हैं. एक पेड़ पर चढ़ कर गायों के लिए चारे का बंदोबस्त कर रहा है और आसपास भूरे रंग की गायें अपने खाने का इंतजार कर रही हैं. ऑस्ट्रेलिया में दिसंबर से फरवरी तक गर्मी का मौसम होता है, जो कि पिछले साल रिकॉर्डतोड़ रहा. इसके बाद पतझड़ में भी बरसात नहीं हुई.
थोड़ा सा खाना
सूखे के चलते फसल को भारी नुकसान हुआ है. एक किसान ने थोड़े बहुत अनाज को एक कतार में रख दिया है. यूं लगता है जैसे चींटियां एक दूसरे के पीछे चल रही हों. ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने एक अरब ऑस्ट्रेलियाई डॉलर की मदद का वादा किया है. किसानों के लिए ये बेहद जरूरी है. रिपोर्ट: डेविड एल