सू ची की पार्टी करेगी चुनाव का बहिष्कार
३० मार्च २०१०पार्टी की कार्यकारिणी की एक लंबी बैठक के बाद एनएलडी के उपनेता टीन ऊ ने बताया कि उनकी पार्टी सैनिक तानाशाही द्वारा कराए जा रहे चुनाव में भाग नहीं लेगी. कहा जा रहा था कि चुनाव में भाग लेने के सवाल पर पार्टी के अंदर गहरे मतभेद हैं. टीन ऊ ने कहा कि बैठक में किसी ने इस फ़ैसले का विरोध नहीं किया.
1990 में हुए पिछले चुनाव में आउंग सान सू ची के नेतृत्व में एनएलडी को विजय मिली थी, लेकिन सैनिक तानाशाही ने चुनाव परिणामों को ठुकरा दिया था. इस बीच सू ची को 18 महीनों के लिए अपने ही घर में नज़रबंदी की सज़ा दी गई है. सैनिक तानाशाही की ओर से इस साल फिर चुनाव की घोषणा की गई है. चुनाव कानून के तहत तय किया गया है कि अगर कोई व्यक्ति सज़ा काट रहा है, तो वह किसी राजनीतिक दल का सदस्य नहीं हो सकता.
इसका मतलब यह है कि चुनाव में भाग लेने वाले एक राजनीतिक दल के रूप में खुद को दर्ज कराने के लिए एनएलडी को सू ची की सदस्यता ख़त्म करनी पड़ती. वे अभी भी पार्टी की अध्यक्ष हैं. चीन ऊ ने कहा कि उन्हें पार्टी से निकालने का सवाल ही नहीं उठता. अगर पार्टी आउंग सान सू ची के बिना चुनाव लड़ती है, तो उसे वोट नहीं मिलेंगे. उन्होंने कहा कि सू ची की रिहाई के बाद वे फिर से एक राजनीतिक दल के रूप में काम करेंगे.
पिछले हफ़्ते सू ची ने सुझाव दिया था कि एनएलडी चुनाव में भाग लेने के लिए एक राजनीतिक दल के रूप में अपने आपको दर्ज न कराए. पिछले 20 सालों में से 14 साल उन्हें नज़रबंद रखा गया है. इस बार उनकी नज़रबंदी की अवधि नवंबर में ख़त्म होने वाली है, तब तक संभवतः चुनाव संपन्न हो चुके होंगे.
रिपोर्ट: एजेंसियां/उज्ज्वल भट्टाचार्य
संपादन: महेश झा