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सुप्रीम कोर्ट में महिला जज चाहती हैं राष्ट्रपति

२६ दिसम्बर २००९

भारत की राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल देश के सर्वोच्च न्यायालय में महिला जज की नियुक्ति के पक्ष में हैं. 2006 में जस्टिस रूमा पाल का कार्यकाल ख़त्म होने के बाद इस स्तर पर किसी भी और महिला जज को नियुक्त नहीं किया जा सका है.

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सुप्रीम कोर्ट में महिला जज की अपीलतस्वीर: Wikipedia/LegalEagle

राष्ट्रपति पाटिल के न्याय मंत्रालय को इस बारे में सुझाव देने के बाद न्याय मंत्री वीरप्पा मोइली ने कहा है कि वह इससे सहमत हैं. राष्ट्रपति भवन से एक सूत्र ने बताया कि मंत्रालय को सर्वोच्च न्यायालय में कम से कम एक महिला जज को नियुक्त करने के बारे में सोचना चाहिए.

इससे पहले 2006 तक जस्टिस रूमा पाल सर्वोच्च न्यायालय में एकमात्र महिला जज थीं. इस सिलसिले में झारखंड हाई कोर्ट की मुख्य न्यायाधीश सुधा मिश्रा को सुप्रीम कोर्ट में लाने की बात चल रही है. जस्टिस मिश्रा के बाद गुजरात हाई कोर्ट की रेखा दोषित, मुंबई हाई कोर्ट की रंजना पी देसाई और आंध्र प्रदेश की जस्टिस टी मीना कुमारी के नामों पर भी विचार किया जा रहा है.

जस्टिस फ़ातिमा बीवी सर्वोच्च न्यायालय में नियुक्त होने वाली भारत की पहली महिला जज थीं, जिनके बाद जस्टिस सुजाता मनोहर और जस्टिस रूमा पाल सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त की गईं. साल 2006 के बाद से अब तक भारत की सबसे ऊंची अदालत में कोई महिला जज नियुक्त नहीं की गई है.

रिपोर्टः पीटीआई/एम गोपालकृष्णन

संपादनः ए जमाल