सीरिया में अब कहां कौन सी जंग है
सीरिया में सात साल से जंग चल रही है और कई मोर्चों पर यह आज भी उसी तरह से जारी है. लाखों की तादाद में आम लोग गोलीबारी के बीच फंसे हुए हैं और मानवीय सहायता के लिए तरस रहे हैं.
आफरीन
कुर्दों का यह इलाका पश्चिम और उत्तर में तुर्की और दक्षिण और पूरब में तुर्की समर्थक विद्रोहियों से घिरा है. 20 जनवरी को तुर्की ने कुर्दों के उत्तर पश्चिमी इलाके पर धावा बोला. तुर्की कुर्द लड़ाकों की संस्था वाईपीजी को आतंकवादी संगठन और प्रतिबंधित राजनीतिक गुट कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी (पीकेके) की शाखा मानता है.
अमेरिका समर्थित कुर्द
हालांकि वाईपीजी अमेरिका समर्थित कुर्द अरब गठबंधन का एक प्रमुख घटक है जिसने सीरिया में इस्लामिक स्टेट से जंग में प्रमुख भूमिका निभाई है. सीरिया में मानवाधिकारों पर नजर रखने वाली ब्रिटेन स्थित संस्था के मुताबिक तुर्की के नेतृत्व में हवाई हमलों और टैकों से गोलाबारी के बावजूद यह अभियान धीमी गति से ही बढ़ा है.
सिर्फ निंदा
कुर्दों ने कई बार राष्ट्रपति बशर अल असद से आफरीन को बचाने के लिए दखल देने की मांग की है लेकिन सीरिया ने अभी तक कोई सैन्य कार्रवाई नहीं की है. राष्ट्रपति ने तुर्की के हमले को "बर्बर" कह कर निंदा जरूर की है. 20 जनवरी से अब तक इस हमले में 77 सीरियाई आम नागरिक मारे गए हैं जिनमें 21 बच्चे भी शामिल है. संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक 15000 से ज्यादा लोग विस्थापित हुए हैं.
पूर्वी गूटा
राजधानी दमिश्क के बाहर पूर्वी गूटा विद्रोहियों का गढ़ है. बीते कुछ हफ्तों में इस इलाके पर असद की सेना ने हवाई और टैंकों से भारी हमले किए हैं. बीते हफ्ते केवल पांच दिनों में ही सेना की बमबारी में 250 से ज्यादा आम लोग मारे गए और 770 से ज्यादा घायल हुए.
शांत क्षेत्र!
असद के सहयोगियों ईरान और रूस के साथ ही विद्रोहियों के समर्थक तुर्की ने भी बीते साल इस इलाके को देश के उन चार इलाकों के रूप में मान्यता दी थी जहां युद्ध को नहीं भड़कने देना था. यह मान्यता इस मकसद से दी गई थी कि देश में युद्ध को रोका जाए.
जैश अल इस्लाम
जैश अल इस्लाम ने समझौते में हिस्सा लिया था और यह पूर्वी घूटा का सबसे ताकतवर गुट है. इलाके के सबसे बड़े शहर पर इसका कब्जा है हालांकि यह सत्ता में एक और इस्लामी विद्रोही गुट फयलाक अल रहमान के साथ भागीदार है. सरकारी सेना ने दमिश्क के आसपास वाले इलाकों को धीरे धीरे अपने कब्जे में ले लिया है और विद्रोहियों के पास अब महज 100 वर्ग किलोमीटर का ही इलाका बच गया है.
हमले और सेना की घेराबंदी
विद्रोही अपने इलाकों से सेना के कब्जे वाले इलाकों में रॉकेट हमले करते हैं. यहां 4 लाख से ज्यादा लोग रहते हैं और 2013 से यहां सेना की घेराबंदी है. आम लोग भोजन और दवाइयों की भारी किल्लत झेल रहे हैं. बच्चे कुपोषित हैं और संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक सीरिया की जंग का सबसे बड़ा खामियाजा उठा रहे हैं.
इदलीब
यह सीरिया का आखिरी प्रांत है जो अब तक असद की सेना के नियंत्रण से बाहर है. सीरिया की जंग में 2011 से अब तक करीब 340,000 लोगों की जान गई है और शांत क्षेत्रों पर हुए समझौते में इदलीब भी शामिल था. बीते 25 दिसंबर को रूसी विमानों के साए में असद की सेना ने यहां सैन्य अभियान शुरू किया.
अल कायदा के सहयोगी
हमले का मकसद इस प्रांत के हिस्सों को हयात तहरीर अल शाम के कब्जे से मुक्त करना था. यह अल कायदा के पूर्व सीरियाई सहयोगियों का गुट है. अलेप्पो से दमिश्क और आगे दक्षिण की ओर जाने का रास्ता साफ करने के लिए सेना काफी आगे बढ़ी है और उन्होंने सैन्य हवाई अड्डे अबु दुहुर पर नियंत्रण कर लिया है. इस प्रांत में 25 लाख से ज्यादा लोग रहते हैं जिनमें 10 लाख से ज्यादा विस्थापित हैं.
दियर इजोर
पूर्वी प्रांत दियर इजोर को इस्लामिक स्टेट के कब्जे से दो अलग अलग हमलों में लगभग पूरी तरह से मुक्त करा लिया गया. रूस समर्थित असद की सेना प्रांत के बीचोबीच गुजरने वाली फुरात नदी के पश्चिमी हिस्से की ओर काबिज है जबकि अमेरिका समर्थित सीरियन डेमोक्रैटिक फोर्स नदी के पूर्वी हिस्से में.
सीरियन डेमोक्रैटिक फोर्स
रूस और अमेरिका ने नदी के किनारे एक अविवादित क्षेत्र भी बनाया है ताकि टकराव को टाला जाए लेकिन पिछले हफ्ते अमेरिका समर्थित एसडीएफ के लड़ाकों ने 100 से ज्यादा सीरिया समर्थकों की हत्या कर दी. पेंटागन के प्रमुख का कहना है कि यह आत्मरक्षा के लिए उठाया गया कदम था. लुक छिप कर रह रहे इस्लामिक स्टेट के लड़ाके भी अपने दुश्मनों को निशाना बनाते रहते हैं.