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समुद्र में 2050 तक मछली से ज्यादा प्लास्टिक होगी

९ जून २०१७

दुनिया के सबसे व्यस्त नौवहन मार्ग पर सात घंटे की कठिन समुद्री यात्रा से लौटीं लिजी कार एक मिशन पर हैं. वे हाल ही में वैश्विक प्लास्टिक संकट पर लोगों का ध्यान बंटाने के लिए इंगलिश चैनल पार करने वाली पहली महिला बनीं.

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Symbolbild Plastikmüll Strand Meer
तस्वीर: imago

2014 में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार दुनिया के समुद्र में मछुआरों के जाल से लेकर खिलौनों जैसे 5,000 अरब टुकड़े तैर रहे हैं. प्लास्टिक के टुकड़े समय बीतने के साथ अत्यंत छोटे छोटे टुकड़ों में टूट जाते हैं जिन्हें माइक्रो प्लास्टिक कहा जाता है. ये माइक्रो प्लास्टिक समुद्री जिंदगी में समा जाते हैं और इस तरह घरेलू सामानों के साथ फूड चेन और पर्यावरण में आ जाते हैं. लिजी कार कहती हैं, "जब आप माइक्रो प्लास्टिक या माइक्रो बीड्स के बारे में सुनते हैं तो लोगों के बीच बहुत ही उलझन है कि वे क्या हैं, उसे बनाने में हमारा क्या योगदान है."

इंगलैंड से फ्रांस जाते हुए उन्होंने हर चार मील पर पानी का सैंपल इकट्ठा किया ताकि प्लाईमाउथ यूनिवर्सिटी में उसका माइक्रो प्लास्टिक विश्लेषण हो सके.

लिजी कार ने प्लास्टिक पेट्रोल अभियान भी चलाया जिसका मकसद पैडल बोर्ड की ट्रेनिंग देने के साथ ब्रिटेन में जलमार्गों, नहरों और हार्बरों की सफाई का अभियान चलाना है ताकि लोगों को पैडल बोर्ड का इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके. अब वे एक फोन ऐप और क्राउड फंडिंग से बना एक नक्शा बना रही हैं जिस पर लोग प्लास्टिक प्रदूषण की तस्वीरें डाल सकेंगे. इससे प्रदूषण के ट्रेंड की शिनाख्त की जा सकेगी और हॉट स्पॉट का भी पता पता चल सकेगा. लिजी कार कहती हैं, "इसका मकसद ताकत लोगों के हाथों में देना है."

Plastikmüll am Strand
तस्वीर: CC BY 2.0 / Kevin Krejci

उत्तर से दक्षिणी ध्रुव तक हर कहीं समुद्र में प्लास्टिक का कचरा बहता दिखता है. यहां तक कि दूरदराज के प्रशांत द्वीपों के आसपास भी. नीदरलैंड्स की ऊटरेष्ट यूनिवर्सिटी के समुद्रविज्ञानी एरिक फान सेबिल कहते हैं कि समुद्र में मौजूद प्लास्टिक का सिर्फ 1 प्रतिशत हिस्सा पानी के ऊपर तैर रहा है जबकि 99 प्रतिशत हिस्सा समुद्र तल में है या समुद्री जीवों के पेट में है.

ब्रिटेन के एलन मैकआर्थर फाउंडेशन के अनुसार समुद्री विशेषज्ञों को आशंका है कि वजन के हिसाब से 2050 तक समुद्र में मछली से ज्यादा प्लास्टिक होगी. समुद्र में प्लास्टिक के बहाव पर काम करने वाले फान सेबिल का कहना है कि समुद्र में प्लास्टिक हर कहीं है. अंतरराष्ट्रीय पैमाने पर जल संसाधनों से प्लास्टिक हटाने के गंभीर प्रयास किये जा रहे हैं. इसका एक उदाहरण है द ओशन क्लीनअप संस्था जो एक चिंतित डच टीनएजर के  भाषण के बाद बनी. यह संस्था हवाई और कैलिफोर्निया के बीच स्थित ग्रेट पेसिफिक गारबेज पैट पर जमा प्लास्टिक कचरे में आधे कचरे को हटाने का प्रयास कर रही है.

इस बीच कई देशों में प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने के प्रयास हो रहे हैं. फ्रांस ने इसे पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया है तो ब्रिटेन और आयरलैंड में ग्राहकों को प्लास्टिक बैग के लिए कीमत देनी पड़ती है. सोशल मीडिया अभियान के बाद केन्या में भी प्लास्टिक पर रोक लगाने की प्रक्रिया चल रही है. प्लास्टिक उद्योग में हर साल 80 से 120 अरब डॉलर का प्लास्टिक बर्बाद हो जाता है जिसकी वजह से उद्यमों पर प्लास्टिक फिर से इस्तेमाल में लाने का दबाव है. यूनीलिवर जैसी कंपनियों ने प्लास्टिक की पैकेजिंग को फिर से इस्लेमाल करने की तकनीक विकसित की है ताकि उन्हें फिर से सप्लाई चेन में लाया जा सके.

पर्यावरण वैज्ञानिक श्टेफानी राइट के अनुसार 40 प्रतिशत प्लास्टिक का इस्तेमाल सिंगल यूज पैकेजिंग में होता है. वह कहती है कि यह ऐसा मैटीरियल है जो सदा के लिए रहता है, लेकिन हम उसे सिर्फ एक बार इस्तेमाल करते हैं. चिंता स्वाभाविक है. यदि जल्द ही कुछ नहीं किया गया तो प्लास्टिक इंसान का गला घोंट देगा.

एमजे/एके (रॉयटर्स थॉमसन फाउंडेशन)

Plastikmüll am Strand
तस्वीर: CC BY-SA 2.0 / Lucy Lambriex