समुद्र को घर में घुसने से कैसे रोकता है जर्मनी
बाढ़ की समस्या जर्मनी में भी है. बांधों के बिना उत्तर जर्मनी के तटीय इलाके में शायद जीवन संभव न रहे. उत्तरी सागर पर बने बांध बाढ़ को दूर रखते हैं लोगों की तूफान से रक्षा करते हैं.
हर किसी की मदद
बांध बनाने का काम ऐसा है जिसमें हर किसी मदद जरूरी होती है. ये मूर्तियां अतीत के मानवीय प्रयासों को दिखा रही हैं. मध्ययुग में बांध पर काम करने से इंकार करने पर कड़ी सजा दी जाती थी. सदियों तक तटीय इलाकों के लोग खुद खेती के साथ बांध बनाने का काम भी करते थे.
1962 की बाढ़
फरवरी 1962 में उत्तरी सागर में भयानक बाढ़ आयी और दूसरे इलाकों के अलावा हैम्बर्ग शहर का इलाका 16 फरवरी की रात डूब गया. सिर्फ हैम्बर्ग में 60,000 मकान नष्ट हो गये और 315 लोगों की मौत हो गयी.
ओल्ड स्टाइल
पूर्वी फ्रीजिया में एक पंपिंग स्टेशन के पास पुराने स्टाइल की नहर. इसकी मदद से अंदर का पानी बाहर की तरफ पंप किया जाता है. यह सिस्टम तब भी काम करता है जब बांध के उस पार जलस्तर अंदर के मुकाबले ज्यादा होता है.
नाला और गेट
बांध इस तरह से बनाया गया है कि पानी अंदर से बाहर जा सके. उत्तर सागर तट में कई जगहों पर जमीन समुद्री जलस्तर से नीचे है, जमा हुए पानी को बाहर निकालना जरूरी होता है. यहां इस तरह का गेट महत्वपूर्ण होता है.
घुड़सवार निरीक्षक
पुराने समय में बांध का निर्माण सहकारी तरीके से होता था. इस लिए धन स्थानीय निवासी मिलकर इकट्ठा करते थे और काम के संचालन के लिए समिति और अध्यक्ष का चुनाव करते थे. 19वीं सदी में बांध का निरीक्षण घोड़े पर किया जाता था.
सौ साल पहले
सौ साल पहले बांध का निर्माण इस तरह होता था. यहां इस तस्वीर में बांध के आकार का पता चलता है. वह अनंत तक जाता दिखता है, इसलिए मजदूर दिखाई भी नहीं देते. यह तस्वीर फ्रीजिया केस क्लांक्सबुल की है.
पानी का टूटना
या यूं कहें बांध तोड़कर पानी का निकलना. 2013 में एल्बे नदी के लबालब पानी ने सैक्सनी अनहाल्ट के फिशबैक गांव में पानी रोकने के लिए बना बांध तोड़ दिया. आस पास के गांव डूब गये.
सेना की जरूरत
जर्मनी में आम तौर पर सेना को असैनिक ड्यूटी में नहीं लगाया जाता. हालांकि प्राकृतिक आपदा के समय ऐसा वक्त भी आता जब रेत की बोरी से पानी रोकने के लिए सेना को बुलाना पड़ता है. रिपोर्ट: डिर्क काउफमन