सबसे बुरे सीरियल किलर
पिछले कुछ दशकों में दुनिया भर में ऐसे कई खतरनाक हत्यारे हुए हैं जिन्होंने एक दो नहीं कई लोगों की हत्या की है. देखिए कब और कहां से निकले ऐसे सीरियल किलर.
नील्स होएगेल
जर्मनी के एक पूर्व नर्स नील्स होएगेल को अपनी ड्यूटी के दौरान 85 लोगों की हत्या करने के दोष में उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. वह 2005 तक एक अस्पताल में काम करता था. शांतिकाल में वह जर्मनी का सबसे खतरनाक सीरियल किलर बन गया है. पुलिस को शक है कि 200 से अधिक लोग उसके शिकार बने होंगे.
मिखाएल पोपकोव
साइबेरिया के इस पूर्व पुलिसकर्मी को दिसंबर 2018 में दोषी पाया गया. 54 साल की उम्र में उस पर 56 हत्यारों का आरोप सिद्ध हुआ. 22 लोगों की हत्या के दोष में वह पहले से ही जेल में था. रात में पुलिस की नौकरी के दौरान वह महिलाओं का बलात्कार और हत्या करता था. वह रूस का सबसे खतरनाक सीरियल किलर है.
सैमुएल लिटिल
78 साल की उम्र में इसने 90 लोगों की हत्या का जुर्म कुबूला. नबंवर 2018 में उसने सन 1970 से 2005 के बीच की गई हत्याओं के बारे में बताया. इनमें से 40 से अधिक को साबित किया जा चुका है. अगर सब 90 हत्याएं साबित हो जाती हैं तो वह सबसे बुरा अमेरिकी सीरियल किलर माना जाएगा.
आंद्रेई रोमानोविच चिकात्सिओ
सन 1992 में रूस के इस पूर्व शिक्षक को 52 लोगों की हत्या का दोषी पाया गया. "बुचर ऑफ रोस्तोव" कहलाने वाले आंद्रेई ने सन 1978 से 1990 के बीच दक्षिणी रूस के रोस्तोव इलाके में इनमें से ज्यादातर हत्याएं की थीं. सन 1994 में उसे फांसी दे दी गई. आरपी/एनआर (एएफपी)
गैरी रिजवे
एक अमेरिकी ट्रक ड्राइवर ने 2003 में 48 लोगों की हत्या की बात मानी. उसके शिकार बने लोगों में ज्यादातर यौनकर्मी या फिर घर से भागे हुए लोग थे. उसे "ग्रीन रिवर किलर" का उपनाम मिला क्योंकि सिएटल की इसी नदी के पास उसका पहला पीड़ित पाया गया था. पुलिस को शक है कि उसने इससे ज्यादा लोगों को मारा.
अलेक्जांडर पिचुश्किन
48 लोगों की हत्या करने के जुर्म में इसे साल 2007 में मास्को में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई. यह हत्याएं उसने 2002 से 2006 के बीच में की थीं. केवल 33 साल की उम्र में मुकदमे की सुनवाई के दौरान उसने बताया कि शतरंज के 64 खानों के हिसाब से वो 64 लोगों को मारना चाहता था. हर हत्या के बाद वह एक खाने को क्रॉस करता इसीलिए "चेसबोर्ड किलर" कहलाया.
लुइस आलफ्रेदो गारावीतो
सन 2000 में गारावितो को 835 सालों की कैद की सजा सुनाई गई. उसके शिकार बने लोगों की लंबी फेहरिस्त में 189 लड़के थे, जिन्हें उसने मात्र पांच सालों के भीतर मार डाला था. अपने काले कृत्यों के कारण उसे कोलंबिया में उसके जन्मस्थान के नाम पर "मॉन्स्टर ऑफ जेनोवा" कहा गया. उसके सभी शिकार आठ से सोलह साल की उम्र के लड़के थे.
चार्ल्स शोभराज
बिकिनी किलर के नाम से कुख्यात चार्ल्स शोभराज को 1975 में एक अमेरिकी पर्यटक की हत्या के आरोप में 2004 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई. इसके अलावा भी थाईलैंड के पटाया में भी कई पर्यटकों की हत्या के पीछे फ्रांस में जन्मे शोभराज का हाथ माना जाता है. उसके माता-पिता भारतीय और वियतनामी मूल के थे.
हैरल्ड शिपमैन
मैनचेस्टर के पास रहने वाले एक डॉक्टर को सन 2000 में अपने 15 मरीजों को जान से मारने के जुर्म में आजीवन कारावास की सजा हुई. वह अपने बुजुर्ग मरीजों को मॉर्फीन के खतरनाक डोज देकर मारता था. सन 2004 में उसने जेल में ही खुद को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.