1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

सबसे बड़ी गुरुत्व तरंगें दर्ज

ओंकार सिंह जनौटी
१८ जनवरी २०१७

वैज्ञानिकों ने पहली बार 10,000 किलोमीटर लंबी गुरुत्व तरंगों को कैमरे में कैद किया है. शुक्र ग्रह को अपनी आगोश में लेने वाली इन तरंगों को 359 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार वाला तूफान भी कुछ न कर सका.

https://p.dw.com/p/2VyKT
Forschung - Entdeckung von Riesenstruktur auf der Venus
तस्वीर: picture-alliance/Planet-C

जापान की एक मेट्रोलॉजिकल सैटेलाइट काफी समय से शुक्र ग्रह का चक्कर लगा रही है. इस दौरान हमारे सौर मंडल की सबसे बड़ी गुरुत्व तरंगें सामने आईं. तस्वीरों में 10,000 किलोमीटर लंबी तरंगें आगे बढ़ते दिखाई पड़ रही हैं.

उपग्रह से यह तस्वीर शुक्र की कक्षा में चक्कर लगाते समय ली गई. जापानी वैज्ञानिकों का यह शोध पत्र हाल ही में "नेचर जियोसाइंस" पत्रिका में छपा है. वैज्ञानिकों के मुताबिक शुक्र के बाहरी वायुमंडल में 359 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलती हैं. लेकिन इतनी तेज हवाओं के बावजूद इस लहर पर कोई असर नहीं पड़ा. वह लगातार आगे बढ़ती रही. इसी के आधार पर माना जा रहा है कि यह गुरुत्व तरंगें हैं.

टीम ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, "ताजा अध्ययन स्थायी गुरुत्व तरंगों के साफ सबूत दिखाता है और यह भी दिखाता है कि स्थायी गुरुत्व तरंगें बहुत बड़ी हो सकती हैं- यह शायद सौर मंडल में दर्ज सबसे बड़ी तरंग है."

Forschung - Entdeckung von Riesenstruktur auf der Venus
सैटेलाइट डाटा के आधार पर तैयार की गई तस्वीरतस्वीर: picture-alliance/Planet-C

गुरुत्व तरंगों में अंतर

वायुमंडलीय गुरुत्व तरंगें तब पैदा होती हैं जब कोई तरल गुणों वाला पदार्थ, जैसे गैस, द्रव या प्लाज्मा अपनी संतुलित अवस्था खो देता है. ऐसा शुक्र और पृथ्वी पर लगातार होता रहता है. लेकिन ब्रह्मांड की सफर करने वाली गुरुत्व तरंगें अलग होती हैं. ये तरंगें अनंतकाल से ब्रह्मांड में गतिशील हैं. यह लहरों की तरह सफर करती हैं.

वैज्ञानिकों का अनुमान है कि शुक्र की तेज हवाएं एक बड़े पहाड़ से टकरा रही हैं और इस टक्कर के चलते वायुमंडल का संतुलन गड़बड़ा रहा है. उबड़ खाबड़ सतह पर बहती तेज हवा से गुरुत्वबल और हवा के अणुओं के बीच तनाव पैदा होता है और ऐसी लहरें दिखाई पड़ती हैं. शोध में शामिल जापानी वैज्ञानिक माकोटो तागुची कहते हैं, "हम कह सकते हैं कि ऊंचे इलाके स्थायी गुरुत्व तरंगें पैदा करने में अहम भूमिका निभाती हैं."

(जानिये क्या है सौर तूफान)​​​​​​​