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'सबसे पहले सहवाग को आउट करना जरूरी'

२१ जुलाई २०१०

श्रीलंका को भारत के खिलाफ टेस्ट जीतना है तो चौथे दिन सबसे पहले 'डेंजरमैन' वीरेंद्र सहवाग को आउट करना होगा. अपने बल्ले से नाबाद 80 रन बनाने वाले श्रीलंका के फिरकी गेंदबाज़ रंगाना हेरथ को जीत की और कोई सूरत नज़र नहीं आती.

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हेरथ की 80 रनों की रिकॉर्ड पारीतस्वीर: AP

हेरथ का कहना है कि भारत के खिलाफ पहले टेस्ट का नतीजा आ सकता है. इसके लिए श्रीलंका को चौथे दिन यानी बुधवार को जल्दी ही सहवाग को आउट करना होगा. आखिरी खिलाड़ी के रूप में बल्लेबाज़ी करने उतरे हेरथ के नाबाद 80 रनों की मदद से श्रीलंका ने भारत के सामने पहली पारी में 520 रनों का विशाल लक्ष्य रखा है. मेजबान खिलाड़ियों ने भारत को बल्लेबाजी करने के लिए बुलाया और सिर्फ 140 रन देकर तीन विकेट चटका दिए. जाहिर है कि टीम इंडिया की सांस फूली हुई है.

हेरथ ने सहवाग और लक्ष्मण की तारीफ की और साथ ही कहा कि सहवाग श्रीलंका की टेस्ट में जीतने की उम्मीदों पर पानी फेर सकते हैं. भारत को 250-300 रन पर रोकने के लिए जल्दी-जल्दी 2-3 विकेट गिराने होंगे. हेरथ टेस्ट में 80 रन बनाने के बाद बेहद खुश थे. हेरथ ने कहा कि उन्होंने कभी शतक बनाने का सपना नहीं देखा लेकिन मंगलवार को उनके सामने ये मौका था. फर्स्ट क्लास क्रिकेट में ये हेरथ का सबसे बड़ा स्कोर है.

Sri Lanka Sport Cricket Cricketspieler Muttiah Muralitharan
मुरली को सम्मानतस्वीर: AP

उधर 18 साल के टेस्ट करियर का आखिरी मैच खेल रहे मुरलीधरन के लिए भी मंगलवार का दिन खास साबित हुआ. मुरलीधरन जब बल्लेबाजी करने आए तो पूरा स्टेडियम आतिशबाजी के शोर और रोशनी से नहा उठा. दोनों टीमों के खिलाड़ियों ने मुरली का मैदान पर इस्तकबाल किया. भारतीय खिलाड़ियों ने एक साथ इकट्ठा होकर उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर जैसा सम्मान दिया. क्रिकेट के मैदान पर ऐसा नजारा कम ही दिखता है जब 10 नंबर पर आए बल्लेबाज को इस तरह का सम्मान मिले. बाद में जब वो भारतीय पारी के दौरान गेंदबाजी करने आए तो श्रीलंकाई खिलाड़ियों ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया. मुरलीधरन के लिए ये एक भावुक लम्हा था. हालांकि सचिन तेंदुलकर का विकेट लेकर मुरली ने साबित कर दिया कि वो भावनाओं के जाल में फंसने वाले नहीं. मुरली ने सचिन के विकेट को अपने आखिरी मैच के लिए शानदार उपलब्धि करार दिया. मुरली टेस्ट क्रिकेट में आठ सौ विकेटों के रिकॉर्ड से बस कुछ ही विकेट दूर हैं. बारिश ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है. अब उनके पास ये लक्ष्य हासिल करने के लिए बस एक दिन का समय है.

रिपोर्टः एजेंसियां/ एन रंजन

संपादनः महेश झा