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सदी का सबसे लंबा पूर्ण सूर्यग्रहण

२१ जुलाई २००९

सदी का सबसे लंबा सूर्य ग्रहण बुधवार तड़के शुरु हुआ. भारत के कई शहरों में पूर्ण सूर्य ग्रहण देखा गया. हालांकि गुजरात, मध्यप्रदेश में बादलों के कारण लोग इसे नहीं देख सके. जापान और चीन के कुछ हिस्सों में सूर्यग्रहण दिखा.

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चीन में दिखा ये अद्भुत नज़ारातस्वीर: AP

बिहार के तारेगना में सबसे ज़्यादा देर तक सूर्यग्रहण देखा जाना था लेकिन यहां बादलों के कारण लोगों को मायूस होना पड़ा. पटना में भी बारिश के समाचार हैं. वाराणसी, कुरुक्षेत्र, इलाहबाद में सूर्यग्रहण दिखाई दिया.

भारत में सबसे पहले गुजरात के शहर सूरत में सूर्यग्रहण हुआ हालांकि बादल होने के कारण इसे देखा नहीं जा सका. उसके बाद वड़ोदरा, इंदौर, भोपाल, वाराणसी, पटना दार्जिलिंग, और डिब्रूगढ़ होता हुआ भूटान बांग्लादेश में दिखाई दिया. अनुमान के मुताबिक़ ही कई शहरों में बारिश के कारण खग्रास सूर्यग्रहण नहीं देखा जा सका.

चीन और जापान के कुछ शहरों में सूर्यग्रहण दिखाई देने के समाचार हैं. चीन में कई शहरों में भारी बादल थे.

आम लोगों से लेकर विदेशी सैलानी और वैज्ञानिक, हर कोई बड़े कौतूहल और उत्सुकता के साथ उस पल का इंतज़ार कर रहा था, जब पूरी सृष्टि को प्रकाश से नहा देने वाला सूरज ख़ुद चांद के आंचल में छिप जाए. ऐसा नज़ारा अब 123 साल बाद दोबारा देखने को मिला.

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सभी लोगों को ख़ास चश्मे से सूर्यग्रहण देखने की हिदायत दी जाती हैतस्वीर: AP

सूरज और पृथ्वी के बीच से जब चांद गुज़रता है तो पृथ्वी पर सूरज की रोशनी रुक जाती है और इसे सूर्यग्रहण कहते हैं. यह वाक़ई चकाचौंध कर देने वाली घटना है क्योंकि पृथ्वी और चंद्रमा इस दौरान अपनी कक्षा में लगातार परिक्रमा कर रहे होते हैं.

दुनिया भर की नज़रें टिकी

दुनिया भर में भी इस सूर्यग्रहण को लेकर चर्चाएं तेज़ थीं. अमेरिकी वैज्ञानिकों ने इसे विशाल ग्रहण बताते हुए इसका नाम 'द मॉन्सटर' रख दिया. जर्मन ट्रैवल एजेंसी एक्लिप्स सिटी के फ़ेडेरिको बोर्गमायर का कहना है, "यह मील का पत्थर है. हममें से कोई भी ऐसी घटना दोबारा देखने के लिए ज़िन्दा नहीं होगा."

इस बार उत्साह की एक वजह सूर्यग्रहण की अवधि भी थी. आम तौर पर कुछ मिनटों में सूर्यग्रहण या चंद्रग्रहण ख़त्म हो जाया करता है लेकिन इस बार इसकी मियाद साढ़े तीन घंटे से भी ज़्यादा की बताई गई.

भारत और चीन जैसे देशों में सूर्यग्रहण को पारंपरिक मान्यताओं के साथ जोड़ कर देखा जाता है. भारत में जहां सूर्यग्रहण के दौरान स्नान करना अच्छा माना जाता है, वहीं चीन में ग्रहण को तबाही का संकेत समझा जाता है.

भारत और चीन में मीडिया से अपील की गई थी कि वह लोगों को सूर्यग्रहण से जुड़ी वैज्ञानिक बातों के बारे में बताए.

रिपोर्टः एजेंसियां/आभा मोंढे

संपादनः ए कुमार