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सचिन ने देखा था मुंबई में कप उठाने का सपना

५ अप्रैल २०११

मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर का कहना है जब वेस्ट इंडीज में खेले गए पिछले वर्ल्ड कप में टीम इंडिया पहले ही दौर में बाहर हो गई तो उसी वक्त से उन्होंने वर्ल्ड कप जीतने का सपना देखना शुरू कर दिया. इस बार सपना सच हुआ.

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सच हुआ सचिन का सपनातस्वीर: AP

मुंबई के अखबार मिड डे के साथ बातचीत में सचिन ने कहा, "2007 में हार के बाद वर्ल्ड कप जीतना मेरा सपना था. मैंने इस चुनौती को स्वीकार किया. जब हमें पता चला कि अगला वर्ल्ड कप भारत में और फाइनल मुंबई में होगा तो मैंने सोचा कि यही वह जगह जहां हमें ट्रॉफी अपने हाथों में उठानी है."

बीते शनिवार को सचिन का सपना उस वक्त सच हुआ जब भारत ने श्रीलंका को वर्ल्ड कप के फाइनल में छह विकेट से हरा दिया. यह सचिन का छठा और शायद अंतिम वर्ल्ड कप टूर्नामेंट था. वह कहते हैं, "मैं पूरी तरह इस बात को मानता हूं कि जिंदगी में कभी उम्मीद नहीं छोड़नी चाहिए. यही मेरे साथ हुआ. 21 साल बाद भी आप वर्ल्ड कप जीत सकते हैं." 38 वर्षीय सचिन 21 साल से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेल रहे हैं. वह टेस्ट और वनडे क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले क्रिकेटर हैं. टेस्ट में उन्होंने 14,692 और वनडे में 18,111 रन बनाए हैं. वह शतकों का शतक लगाने से सिर्फ एक कदम दूर हैं.

सचिन कहते हैं कि 2007 की हार के बाद उनके दोस्तों और रिश्तेदारों ने उनका भरपूर साथ दिया. वह कहते हैं, "बहुत मुश्किल दौर था. मेरे दोस्तों और परिवार वालों ने मेरा खूब साथ दिया. वह मेरे करियर का शायद सबसे मुश्किल वक्त था. मेरा मनोबल बहुत टूटा हुआ था." 2007 के वर्ल्ड कप के पहले मैच में बांग्लादेश ने भारत को हरा दिया. इस हार के बाद भारत पहले ही दौर में वर्ल्ड कप की रेस से बाहर हो गया. सचिन कहते हैं, "उस वक्त भारत में वर्ल्ड कप होने की बात ने मुझे बहुत प्रेरित किया. और मुंबई में फाइनल मैच होने की वजह से भी बहुत प्रेरणा मिली क्योंकि यहीं तो मैं क्रिकेट खेलते हुए बड़ा हुआ हूं. मैं इस मैदान पर भारत और मुंबई के लिए कुछ खास करना चाहता था."

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः उभ

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