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संयुक्त राष्ट्र ने किया 'यूएन वीमेन' संस्था का गठन

१० जुलाई २०१०

संयुक्त राष्ट्र ने कुछ ही दिन पहले महिलाओं के लिए एक नई संस्था का गठन किया. इस संस्था का नाम है यूएन वीमन यानी संयुक्त राष्ट्र महिलाएं. इसमें महिलाओँ के लिए काम कर रहीं संयुक्त राष्ट्र की सभी चार संस्थाएं शामिल की गई हैं

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तस्वीर: Courtesy Co-Production-Office

यूएन वीमेन के साथ संयुक्त राष्ट्र की उम्मीद जुड़ी हुई है कि महिलाओं और पुरूषों के बीच खाई को कम किया जा सकता है. आज भी दुनियाभर के अनपढ़ लोगों में से दो तिहाई महिलाएं हैं. मानव तस्करी का शिकार बने लोगों में तीन चौथाई महिलाएं हैं. इसके अलावा दुनियाभर में राजनीति में भी करीब एक चौथाई महिलाएं ही शामिल हैं. यानी ज्यादा महिलाएं अंधेरे कोनों में हैं. सामाजिक गतिविधियों पर अध्ययन कर रहीं शाहरा राजवी का कहना है कि 1995 में चीन की राजधानी पेईजिंग में हुए सफल सम्मेलन के बाद महिलाओं के लिए किए गए सभी वादों के पर बहुत कम काम किया गया.

वैसे महिलाओं को लेकर संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि पिछले सालों में बहुत सफलता भी देखने को मिली है. उदाहरण के लिए दुनियाभर में स्कूल जाने वाली लड़कियों की संख्या बढ़ती ही जा रही है. सांसदों में महिलाओं की संख्या बढ़ रही है. लेकिन संयुक्त राष्ट्र का यह भी मानना है कि दुनियाभर में गरीबी को कम करने के लिए महिलाओं को जागरूक बनाना बहुत जरूरी है. यह इसलिए भी जरूरी है क्योंकि पांच साल में संयुक्त राष्ट्र को जवाब देना होगा कि मिलेनियम गोल का लक्ष्य पाने में वह कितना सफल रहा है. वक्त बहुत ही कम है और महिलाओं के ज़रिए ही गरीबी और अन्य समस्याओं को कम करने के लिए तय किए गए महात्वकांक्षी लक्ष्य पाए जा सकते हैं.

Gaza Palästinenser Mädchen als Zuschauer bei Sport
तस्वीर: AP

कोरिन मोमाल वानियान जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र की प्रवक्ता हैं. वह कहती हैं, ''विशेषज्ञों ने यह स्पष्ट किया है कि मिलेनियम गोल को पूरा करने में विकास तभी हो सकता है जब महिला अधिकारों में विकास हो. वैसे, यूएन वीमन को स्थापित करने के प्रस्ताव को संयुक्त राष्ट्र में पूरी सहमति मिली थी, यानी संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों ने यह समझा है कि महिलाओं की मदद के बिना इस चुनौती से नहीं निपटा जा सकता है.

Protest gegen Gewalt an Frauen in der Türkei
तस्वीर: AP

यूएन वीमन संस्था को संयुक्त राष्ट्र के अंदर बहुत अधिकार दिए गए हैं, यह पहले चार संस्थाएं थी. आज यूएन वीमन का बजट दोगुना यानी 50 करोड़ डॉलर किया गया है. लेकिन इन मामलों की विशेषज्ञ शाहरा राज़वी के मुताबिक, ''यह एक अच्छी शुरूआत है और यह दर्शाता है कि इस संस्था को बड़े फैसले करने के अधिकार दिए गए है. वैसे यह देखना होगा कि संस्था का बजट पर्याप्त है या नहीं, और उसकी अध्यक्ष कौन बनेगी. साथ ही यह भी महत्वपूर्ण है कि सदस्य देश भी कितना मिल जुलकर संस्था के साथ काम करेंगे और उसे समर्थन देंगें.''

सितंबर में संयुक्त राष्ट्र के महासचिव बान की मून संस्था की अध्यक्ष की घोषणा करेंगे. उनके पद को उपमहासचिव का दर्जा दिया जाएगा. फिर 2011 से यह संस्था अपना काम शुरू करेगी.

रिपोर्ट: प्रिया एसेलबॉर्न

संपादन: ओ सिंह