संगीत की ताकत
१६ फ़रवरी २०१८ज्यूरिख की यूनिवर्सिटी में तय समय से तीन महीने पहले पैदा हुई एक बच्ची मथिल्डा पर रिसर्च चल रही हैं. रिसर्चर जानना चाहते हैं कि क्या संगीत उसके विकास में मदद कर सकता है. हफ्ते में तीन बार फ्रीडरिके हास्लेबेक मथिल्डा के कान में गुनगुनाती हैं. वह जानना चाहती हैं कि क्या समय से पहले जन्मे बच्चों के दिमाग के विकास पर संगीत का असर सकारात्मक होता है. फ्रीडरिके हास्लेबेक रिसर्च के बारे में बताती हैं, "हमारी थ्योरी बहुत से अध्ययनों पर आधारित हैं जो दिखाते हैं कि संगीत कैसे हमारे मस्तिष्क के कई हिस्सों को एक साथ उत्तेजित करता है. इसे म्यूजिकल लर्निंग कहा जाता है जो जन्म से पहले ही शुरू हो जाती है. इसलिए प्रीमैच्योर बच्चों पर इसका असर होना चाहिए."
जब फ्रीडरिके गुनगुनाती हैं तो दिखता है कि इससे बच्ची को सुकून मिलता है, वह हाथ उठाती है, और आंखें खोलती है. रिसर्चर अपनी थ्योरी को 60 बच्चों पर परख रहे हैं. 30 बच्चों के साथ म्यूजिक थेरेपी और 30 बच्चों के साथ बिना म्यूजिक वाली थेरेपी.
एक और बच्चे के सामने भी फ्रीडरिके हास्लेबेक नियमित रूप से गाती और गुनगुनाती हैं. एमआरटी स्कैन से रिसर्चर देख सकते हैं कि समय से पहले जन्मे बच्चे के मस्तिष्क का विकास कैसे हो रहा है. शुरुआती नतीजे दिखाते हैं कि शिशुओं के मस्तिष्क विकास पर संगीत का असर होता है. लेकिन यह काम कैसे करता है? न्यूरोसाइंटिस्ट लुत्स यैंके बीते 25 साल से इस विषय पर काम कर रहे हैं. वह बताते हैं, "मेरी दिलचस्पी इसमें है कि समय के साथ मस्तिष्क की गतिविधि इतनी तेजी से कैसे विकसित होती है और किस हद तक संगीत को लेकर हमारा निजी अनुभव इस गतिविधि को बदल देता है. उम्मीद है हमें कुछ ऐसी जानकारियां मिलेंगी जो आगे चल कर बीमारियों के इलाज में काम आएंगी."
रिसर्च के दौरान दिमाग में चलने वाली गतिविधि को मॉनी़टर पर देखा जा सकता है. साउंड प्रूफ कैबिन में एक महिला को संगीतकार विवाल्दी की धुन फोर सीजंस सुनाई गई. इस धुन को सुनकर लुत्स यैंके को बॉस्टन में गुजारे अपने पतझड़ के दिन याद आ गए. जंगल में लंबी सैर पर उन्हें यह धुन सुननी पसंद है. वह देखना चाहते हैं कि जिन लोगों का इस धुन के साथ भावनात्मक रिश्ता नहीं है, उन पर यह कैसा असर करती है. रिकॉर्ड किए गए इलेक्ट्रिक सिग्नल के आधार पर यैंके मॉनीटर में मस्तिष्क की गतिविधि को देख सकते हैं. यैंके ने बताया, "अगर मैं इसकी तुलना अपने दिमाग की गतिविधि से करूं तो कुछ समानताएं हैं, लेकिन कुछ अंतर भी हैं. मिसाल के तौर पर, दोनों ही मामलों में न सिर्फ ऑडिटोरी कॉरटेक्स यानी श्रवण संबंधी हिस्से सक्रिय हैं, बल्कि वे हिस्से भी सक्रिय हैं जिनकी आम तौर पर ध्वनि को समझने में भूमिका नहीं होती. लेकिन मेरे मामले में यह ज्यादा स्पष्ट है."
संगीत सुनने का हमारे दिमाग पर स्पष्ट असर होता है तो फिर संगीत बजाने का क्या असर होगा. यैंके संगीतकारों पर किए अपने एक शोध में इसका सवाल का जवाब तलाश चुके हैं और उन्होंने पाया कि साज बजाने से हमारी जानने समझने की क्षमता बेहतर होती है.
रिपोर्ट: हग अनातोल