श्रीलंका के जल में जलता जहाज
श्रीलंका पर्यावरण प्रदूषण की एक अभूतपूर्व घटनासे जूझ रहा है. प्लास्टिक कचरे से भरे जहाज के जलने के बाद उसके अवशेष बहकर उसके द्वीपों पर पहुंच रहे हैं और जल-जीवन के लिए खतरा बन गए हैं.
कोलंबो के पास हादसा
एमवी एक्स-प्रेस पर्ल नाम के एक मालवाहक जहाज में दस दिन पहले आग लग गई थी. कोलंबो हार्बर के पास हुए हादसे की चपेट में आया. जहाज सिंगापुर का था और कॉस्मेटिक्स व केमिकल्स से भरा था.
सेना का ऑपरेशन
जहाज में लगी आग बुझाने में अधिकारियों को अब तक संघर्ष करना पड़ रहा है. इसके लिए श्रीलंका की नौसेना और वायुसेना की मदद लेनी पड़ी है.
प्लास्टिक का मलबा
जहाज का अधजला कई टन मलबा बहकर देश के विभिन्न समुद्र तटों पर पहुंच रहा है. इस कचरे में प्लास्टिक के बारीक टुकड़े हैं जो जलवायु के लिए बेहद खतरनाक हैं और हिंद महासागर के जल जीवन को नुकसान पहुंचा सकते हैं.
सबसे बुरा हादसा
श्रीलंका की मरीन प्रोटेक्शन अथॉरिटी के चेयरमैन धर्शानी लहंदापुरा ने कहा कि संभवतया यह देश के इतिहास का सबसे बुरा समुद्री तटीय प्रदूषण है.
भारत से भी मदद
श्रीलंका की जल सेना के प्रवक्ता इंडिका डिसिल्वा ने कहा कि अब भी जहाज से धुआं और लपटें उठती देखी जा सकती हैं. भारत की नौसेना भी आग बुझाने में मदद कर रही है.
संकट का अंत नहीं
एक नौसैनिक मंजुला दुलन्जाला ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया कि उनकी टीम ने शुक्रवार को बीच को पूरी तरह साफ कर दिया था पर अगली सुबह वह स्तब्ध रह गए जब देखा कि बीच फिर से पूरी तरह कचरे से भर गया था.
ऐसा कभी नहीं देखा
एक अन्य जगह पर सफाई में लगी एक टीम के मुताबिक अधजला कचरे की परत 60 सेंटिमीटर तक मोटी है. एक स्थानीय मछुआरे, 68 साल के पीटर फर्नान्डो कहते हैं कि उन्होंने कभी ऐसा कुछ नहीं देखा.
मछुआरों पर संकट
घटना के बाद से तट से 80 किलोमीटर के दायरे में मछली पकड़ने पर रोक लगा दी गई है. मछुआरों के हजारों परिवारों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. एक रोमन कैथलिक चर्च में पादरी सुजीवा अथुकोराले कहते हैं कि उन्हीं के समुदाय में 4,500 मछुआरे परिवार हैं और उन्हें फौरन समुद्र में जाने की जरूरत है.
खतरे में मैंग्रोव
पर्यावरण कर्मियों को चिंता है कि यह कचरा मैंग्रोव और उथले पानी में पैदा होने वाली मछलियों को भी नुकसान पहुंचा सकता है. समुद्र तट के नजदीक कोरल भी खतरे में हैं. जहाज में 278 टन तेल और 50 टन डीजल था जिसके लीक होने से खतरा और बढ़ जाएगा.
सवा अरब का मुआवजा
मौजूदा हादसे के बाद श्रीलंका ने जहाज कंपनी के मालिकों से सफाई आदि के एवज में 17 मिलियन डॉलर यानी करीब सवा अरब रुपये का हर्जाना मांगा है.