शरीर बना कला का कैनवास
कई जीती जागती मॉडल कुछ दिनों से लिए कलाकारों का कैनवास बन जाती हैं. दक्षिण कोरिया में ऐसे जिंदा कैनवासों को रंगों से सजा कर बॉडी पेंटिग प्रतियोगिता में कुछ यादगार रचनाएं बनायीं दुनिया भर के कलाकारों ने. देखिए.
ठीक ठाक मेकअप
दक्षिण कोरिया के दाइगु बॉडीपेंटिंग फेस्टिवल के लिए पूरे शरीर पर पेंटिंग बनवा चुकी मॉडल. दस देशों से आये कलाकारों ने इस प्रतियोगिता में हिस्सा लिया.
चलते बोलते नमूने
प्रतियोगिता में पेंटिग को सबके सामने पेश करने से पहले स्टेज के पीछे एक दूसरे के शरीर पर रची गयी कला को देख उस पर चर्चा करती मॉडलें.
काम में लगे कलाकार
यहां जापानी आर्टिस्ट इवासाकी मासाकासु मॉडल रूपी अपने कैनवास पर स्प्रें पेंटिंग कर रहे हैं. तो कोई और पेंटिंग ब्रश के खूबसूरत स्ट्रोक से कुछ रच रहा है.
ऐसी बनी रचना
जापानी पेंटर मासाकासु रचित कला का प्रदर्शन करती मॉडल. अमेरिकी मॉडल नियोमी मुलेनबर्ग कहती है कि नग्न होते हुए भी पेंटिग के कारण उसे नग्नता का एहसास नहीं होता.
क्या होता है बैकस्टेज
एक मॉडल को कैनवास बनने और उस पर कलाकार को अपनी पेंटिंग पूरी करने में औसतन छह घंटे का समय लग जाता है. तब जाकर बनता है कला का चलता फिरता नमूना.
फ्लैश, कैमरा
कला का प्रदर्शन किसी फैशन शो की रैंप पर प्रस्तुति जैसा होता है. मॉडल ऊंची एड़ी वाले जूते पहने और कलात्मक हेयरस्टाइल बना कर अपनी बॉडी आर्ट को दिखाने कैमरे के सामने आती हैं.
कलाकार की छाया
इतावली पेंटर इमानुएल बोरेलो की रचना का मनमोहक अंदाज में प्रदर्शन करती मॉडल. इस अंतरराष्ट्रीय समारोह का लक्ष्य विश्व की बेहतरीन बॉडी पेंटिग आर्ट दिखाना है. (ब्रूस कॉनवीजर/आरपी)