शरणार्थियों से फायदा उठाते कारोबारी
बाल्कान में शरणार्थियों की जरूरतें स्थानीय लोगों को पैसे बनाने का भी जरिया दे रही हैं. जरूरतमंदों के साथ लूटपाट और रिश्वतखोरी के मामले भी जोर पकड़ रहे हैं.
परिवहन सेवा
बाल्कान में परिवहन सबसे बड़ा कारोबार बन गया है. लिरिडोन बिजाजली अल्बानियाई हैं जो कोसोवो में रहते हैं. वह प्रेसेवो शरणार्थी शिवर के बाहर 35 यूरो में क्रोएशिया का टिकट बेचते हैं. बजाजली बताते हैं कि बारटेंडिग की नौकरी में उन्हें दिन में 8 यूरो ही मिलते हैं जबकि टिकट बेचकर वह 50-70 यूरो कमा लेते हैं.
हमदर्दी है, लेकिन मुनाफा जरूरी
हालांकि बजाजली शरणार्थियों के परिवार के साथ मोल भाव करते हैं जिनमें बच्चे भी होते हैं. उनके पास अक्सर पैसे नहीं होते. उन्होंने बताया, "मैं भी कभी शरणार्थी था इसलिए मैं समझ सकता हूं. ये सेवा मुफ्त होनी चाहिए. यूरोप सर्बिया को शरणाथियों की मदद के लिए पैसे देता है लेकिन हमारी सरकार ज्यादा कुछ नहीं करती."
सप्लाई और डिमांड
प्रेसेवों के शरणार्थी शिविरों में 8,000 से 10,000 के करीब लोगों के लिए नजदीकी व्यवसायों को भी बढ़ावा मिला है ताकि उनकी मांगें पूरी की जा सकें. आसपास के रेस्तरां और दुकानें लगातार ग्राहकों से भरी रहती हैं. बिजाजली ने बताया, "इससे पहले मैंने कभी नहीं देखा कि सर्बिया में हैंबर्गर इतना महंगा बिक रहा हो."
सिम कार्ड
खाने पीने के अलावा जो पहली चीज शरणार्थी खरीदना चाहते हैं वह है सिम कार्ड, ताकि वे अपने परिजनों से संपर्क कर सकें. इसके अलावा उम्र दराज लोगों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने के लिए ठेला गाड़ियों की भी खूब मांग है.
जूतों की जरूरत
जैसे जैसे ठंड बढ़ रही है गर्म जूतों की मांग भी बढ़ती जा रही है. कई शरणार्थी पैरों में इंफेक्शन और ठंड से होने वाली अन्य समस्याओं की शिकायत कर रहे हैं. शरणार्थी स्थलों के आसपास जूतों और जुराबों के स्टॉल भी बढ़ रहे हैं.
दस्तावेज संबंधी काम
शरणार्थी संकट ने निपटने की कोशिश में इन्हें पनाह देने वाले देशों के सामने काजगी कार्रवाई भी बड़ी चुनौती है. प्रेसेवों में स्वतंत्र रूप से काम करने वाली डानिएला गाब्रिएल के मुताबिक कुछ बस ड्राइवरों ने क्रोएशिया जाने वाले आप्रवासियों से रजिस्ट्रेशन पेपर जमा करने शुरू कर दिए हैं. वे इन कागजों को सीमा पार करने के इच्छुक अन्य लोगों को बेच देते हैं.
जाली जानकारी के शिकार
गाब्रिएल ने बताया कि कुछ बस ड्राइवर शरणार्थियों को क्रोएशिया ले जाने के लिए बसों में सवार करते हैं लेकिन वे उन्हें रास्ते में सर्बियाई शहरों के आस पास उतार देते हैं. गाब्रिएल मानती हैं कि इस तरह की जालसाजी से बचने के लिए प्रेसेवों के कैंपों के बाहर पूरी जानकारी को कई भाषाओं में अनुवाद करके लगाया गया है.
हाईवे पर लूट
नाम गुप्त रखने की शर्त पर अन्य स्वयंसेवियों ने बताया उन्हें शरणार्थियों को सही बस की दिशा बताने पर धमकी मिलती है. वे चाहते हैं कि शरणार्थियों को टैक्सी ड्राइवरों का पता बताया जाए, जो कि असल में असुरक्षित विकल्प है. प्रेसेवो के स्वयंसेवी आलेक्जांडर ट्रावेले ने बताया कि 6 सदस्यों के एक परिवार को टैक्सी ड्राइवर ने 80 यूरो वसूलने के बाद बंदूक की नोंक पर लूट लिया. वे क्रोएशिया जा रहे थे.
मौके का फायदा
बिजाजली ने बताया वह स्थानीय पुलिस को हफ्ते के 100 यूरो देते हैं ताकि वे बसों के टिकट बेचने का काम जारी रख सकें, "वे जो चाहते हैं उन्हें दे दो, फिर वे आपको अकेला छोड़ देते हैं." इसी तरह टैक्सी ड्राइवर भी पुलिस वालों को वसूली दे रहे हैं. लेकिन ऐसा नहीं है कि सभी पुलिस वाले ऐसा कर रहे हैं.
हर समस्या का तोड़ है
ठंड बढ़ने के साथ होटल व्यवसाय को भी मुनाफा हो रहा है. लेकिन वे चुनिंदा लोगों को ही अपने यहां रहने की इजाजत देते हैं. वे जो सामान्य रेट से ज्यादा कीमत नहीं चुका सकते उन्हें होटल लौटा देते हैं.