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वैज्ञानिकों ने प्रिंटर से प्रिंट कर दिया दिल

१५ अप्रैल २०१९

वैज्ञानिक अब तकनीक की मदद लेकर अंगों को प्रिंटर से प्रिंट कर रहे हैं. इस कड़ी में पहली बार इंसान का दिल प्रिंट किया गया है. कैसे प्रिंट हो रहे हैं मानव अंग और यह कैसे संभव हुआ?

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Israelische Wissenschaftler stellen erstes 3D-gedrucktes Herz vor
Israelische Wissenschaftler stellen erstes 3D-gedrucktes Herz vor
तस्वीर: picture- alliance/D. Hill

इस्राइल की तेल अवीव यूनिवर्सिटी में वैज्ञानिकों ने 3डी प्रिंटर से एक दिल बनाया है. यह हृदय मानव उत्तक और धमनियों की मदद से बनाया गया है. वैज्ञानिक इसे मानव चिकित्सा के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि मान रहे हैं. अभी जो हृद्य 3डी प्रिंटर की मदद से बनाया गया है वो खरगोश के दिल के आकार का है. लेकिन वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि जल्द ही इससे मनुष्य के हृदय को भी बनाया जा सकेगा.

इस प्रोजेक्ट के प्रमुख रहे ताल द्वीर का कहना है कि पहले भी कई सारे दिल प्रिंट किए जा चुके हैं लेकिन उनमें रक्त धमनियां और कोशिकाएं नहीं होती थीं. ये पहली बार है जब एक हृद्य प्रिंट किया गया हो जिसमें कोशिकाएं, रक्त धमनियां, निलय और चैंबर है. लेकिन अभी भी एक मानव दिल बनाने में काफी मुश्किलें हैं.

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इस्राइल में वैज्ञानिकों द्वारा प्रदर्शित दिल.तस्वीर: picture- alliance/D. Hill

तेल अवीव यूनिवर्सिटी में एक चेरी के आकार का दिल दिखाया गया. इससे पहले यूनिवर्सिटी के जर्नल में इसके बारे में रिपोर्ट छपी थी.  अब वैज्ञानिकों को प्रिंट किए गए दिल से असली हृदय की तरह काम करवाना है. इस हृदय में कोशिकाएं हैं लेकिन अभी यह खून पंप कर दूसरी कोशिकाओं तक पहुंचाने में सक्षम नहीं है. ऐसे प्रिंट किए गए हृदय को पहले जानवरों में ट्रांसप्लांट कर देखा जाएगा कि ये काम कर पाता है या नहीं. 

द्वीर का कहना है कि अगर यह प्रयोग सफल रहा तो अगले दस साल में दुनियाभर के अस्पतालों में अंग प्रिंट करने के लिए 3डी प्रिंटर लगे होंगे और अंग प्रत्यारोपण के लिए प्रिंटर की मदद से अंग बना लिए जाएंगे. लेकिन इसके लिए शुरुआत दिल की बजाय सामान्य अंगों से की जाएगी.

कैसे हुआ ये प्रयोग

इस दिल को बनाने के लिए कुछ मरीजों के उत्तकों की बायोप्सी ली गई. ये उत्तक अधिक वसायुक्त थे. इन्हें फैटी ह्यूमन टिश्यू कहा जाता है. इसका इस्तेमाल 3डी प्रिंटर की स्याही की तरह किया गया. सबसे पहले हर मरीज के हिसाब से कार्डिएक पैच बनाए गए. इससे आगे पूरे हृदय को बनाया गया. ऐसे दिल बनाने के लिए उसी मरीज का उत्तक लिया जाना जरूरी है जिसमें इसको प्रत्यारोपित किया जाएगा. ताकी शरीर इस नए अंग को स्वीकार कर सके.

3डी प्रिंटिग से हृदय बनाने में एक बड़ी परेशानी यह है कि इसके लिए बड़ी संख्या में कोशिकाओं के उत्तकों की आवश्यकता होगी. इनका मिलना एक बड़ी चुनौती है. हाल में मौजूद सारे 3डी प्रिंटरों के साथ उनके कम रिजॉल्यूशन और छोटी रक्त धमनियों को प्रिंट कर पाने की समस्या है. 3डी प्रिंटिंग से बने अंगों से संभावनाओं और विवादों दोनों के द्वार खुल गए हैं. तकनीकी के विकास के साथ बने 3डी प्रिंटरों से भविष्य में घर से लेकर बंदूकों तक के बनाए जाने की सुविधा होगी. यह अच्छा भी होगा और बुरा भी हो सकता है.

आरएस/एनआर(एएफपी)