जापान में मिसाइल हमले से बचने का अभ्यास
२२ जनवरी २०१८सोमवार को टोकियो के एक एम्यूजमेंट पार्क में अचानक लाउड स्पीकरों पर तेज आवाज में चेतावनी सुनाई दी, "हमें जानकारी मिली है कि एक मिसाइल दागा गया है. कृपा करके शांति से यहां निकल कर घरों के अंदर या फिर अंडरग्राउंड हो जाएं." पार्क का एक कर्मचारी चीखते हुए इधर उधर भागने लगा, "मिसाइल दागा गया, मिसाइल दागा गया." इस बीच वहां मौजूद 250 स्थानीय लोग और दफ्तरों में काम करने वाले लोग वहां से भाग कर कंक्रीट की इमारतों और पास के एक सबवे स्टेशन में पहुंच गए. इसके कुछ मिनट बाद लाउड स्पीकर पर एक और संदेश प्रसारित हुआ, "मिसाइल गुजर गया. मिसाइल संभवत: कांटो इलाके से होता हुआ प्रशांत महासागर में गया."
आए दिन भूकंप का सामना करने वाले जापान के लोग सुरक्षित जगहों पर भागने के अभ्यस्त हैं. प्राकृतिक आपदाओं, आग और सालाना अभ्यास के मौके पर देश के हर हिस्से में इस तरह की कार्रवाई देखी जा सकती है. स्कूल और दफ्तरों से लेकर बुजुर्गों और बच्चों के केयर होम तक में इस तरह के अभ्यास चलते रहते हैं.
हालांकि उत्तर कोरिया के मिसाइल हमले की स्थिति में बचने की कार्रवाई का अभ्यास जापान के लिए नया है. यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले 20 साल के शोता मातसुशिमा अभ्यास के वक्त ट्रेन स्टेशन पर थे. उन्होंने कहा, "मेरे ख्याल में इस तरह के अभ्यास से बेहतर कुछ भी नहीं है, लेकिन मैं यह भी प्रार्थना करता हूं कि उत्तर की तरफ से मिसाइल हमला ना हो." वहीं मौजूद एक छात्रा काना ओकाकुनी ने कहा, "मेरे ख्याल में सावधान रहना अच्छा है, जैसे कि हम भूकंप के लिए अभ्यास करते हैं."
जापान में यह अभ्यास ऐसे वक्त में हो रहा है जब उत्तर कोरिया के परमाणु हथियार और मिसाइल कार्यक्रम को लेकर इलाके में तनाव है. हालांकि उत्तर कोरिया के अपने एथलीटों को दक्षिण कोरिया में होने वाले विंटर ओलंपिक के लिए भेजने के फैसले ने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा है. उत्तर कोरिया जापान को इलाके में अमेरिका का सहयोगी मानता है और अपनी जुबानी हमले में, "देश को डुबोने या फिर राख में तब्दील करने की" धमकी देता है.
पिछले साल उत्तर कोरिया ने जापान के ऊपर से दो मिसाइल दागे, कई और मिसाइल उसके आस पास के समुद्र में गिरे. इन सब घटनाओं से जापान में थोड़ी बेचैनी और गुस्सा है.
उत्तर कोरिया जब भी जापान के ऊपर से मिसाइल दागता है, जापान के चेतावनी तंत्र से नागरिकों को मोबाइल फोन और सड़कों पर लगे लाउड स्पीकर के जरिए संदेश प्रसारित किया जाता है. हालांकि बहुत से लोग यह भी कहते हैं कि इस तरह की चेतावनी का कोई मतलब नहीं क्योंकि निकल भागने के लिए वक्त बहुत कम होता है और ऐसी बहुत कम जगहें हैं जहां परमाणु हमला होने की सूरत में छिपा जा सकता है. इसके अलावा गलत अलार्म बजने की घटनाएं भी होती हैं.
सोमवार के अभ्यास पर कुछ लोगों ने विरोध भी किया है. 77 साल के इकी कामिओका का कहना है, "मैं इस तरह के अभ्यास में हिस्सा नहीं लेना चाहता, यह एक तरह से जंग को बढा़वा देना है."
एनआर/एमजे (एएफपी)