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विवादों में यूरोप का कॉपीराइट कानून

महेश झा
२६ मार्च २०१९

यूरोपीय संसद आज संशोधित कॉपीराइट कानून पर फैसला ले रही है. डिजिटल युग में कलाकारों और लेखकों के लिए मुआवजा दिलवाने पर लक्षित कानून इस बीच पीढ़ियों के संघर्ष की वजह बन गया है.

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Stuttgart  Proteste gegen EU-Urheberrechtsreform
तस्वीर: picture-alliance/dpa/S. Gollnow

नए कानून का लक्ष्य फेसबुक और यूट्यूब जैसे बड़े इंटरनेट प्लेटफॉर्मों द्वारा फिल्मों और लेखों के रचनाकारों को उनके कामों के लिए रॉयल्टी दिलवाना था. लेकिन कानून के कुछ प्रावधानों ने इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की लड़ाई बना दिया है. इस कानून पर जितनी बहस जर्मनी में हो रही है उतनी किसी और देश में नहीं हुई है. विवाद इस बीच परिवारों को बांट रहा है और पीढ़ियों का विवाद बन गया है.

यूरोपीय संघ इस समय दो मुद्दों में घिरा हुआ है. एक तो ब्रेक्जिट है जिसका कोई अंत नहीं दिख रहा है. दूसरा कॉपीराइट कानून है जिसपर श्ट्रासबुर्ग में यूरोपीय संसद आज फैसला ले रही है. प्रस्तावित कानून का पास होना पिछले हफ्ते तक जितना सुरक्षित लग रहा था उतना पिछले वीकएंड यूरोप भर में हुए प्रदर्शनों के बाद नहीं रह गया है. जर्मनी में ही 100,000 से ज्यादा लोगों ने प्रस्तावित कानून का विरोध किया.

Göttingen Proteste gegen Urheberrechtsreform
तस्वीर: picture-alliance/dpa/S. Pförtner

इस कानून के इस हिस्से पर किसी को आपत्ति नहीं हो सकती कि लोगों को उनके काम की रॉयल्टी मिले. इस समय बड़े इंटरनेट प्लेटफॉर्म दूसरों की रचनाओं का इस्तेमाल कर विज्ञापनों से भारी कमाई कर रहे हैं लेकिन रचनाकारों को कुछ नहीं मिल रहा है. स्वाभाविक है कि फिल्मकार, संगीतकार और लेखक नए कानून के समर्थन में हैं.

इसके विपरीत पुराने संचार माध्यमों के बदले इंटरनेट का बढ़ता इस्तेमाल कर रहे युवा वर्ग के लोगों की चिंता है कि कॉपीराइट कानून को लागू करने की प्रक्रिया में इंटरनेट की बहुलता खत्म हो जाएगी. वहां बड़े प्लेटफॉर्म तय करेंगे कि लोगों को क्या दिखेगा. विरोध के केंद्र में एक अपलोड फिल्टर है, जिसके आलोचकों का कहना है कि वह लेख और उद्धरण में फर्क नहीं करेगा. एक शिकायत ये भी है कि फिल्टर के महंगे होने के कारण छोटे प्लेटफॉर्म भी बड़े इंटरनेट प्लेटफॉर्मों पर निर्भर होंगे.

यूरोपीय संसद आज या तो प्रस्तावित कानून को पूरी तरह पास करने का फैसला करेगी या फिर कानून के अपलोड वाले विवादित हिस्से को  बाहर निकाल कर उस पर अलग से मतदान कराएगी. अगर ये आर्टिकल पास नहीं होता है तो इस पर सदस्य देशों के साथ यूरोपीय संघ को फिर से चर्चा करनी होगी और फैसला यूरोपीय चुनावों के बाद तक टल जाएगा.

Göttingen Proteste gegen Urheberrechtsreform
तस्वीर: picture-alliance/dpa/S. Pförtner