1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

विपक्ष के बहिष्कार के बीच लॉन्च होगा जीएसटी

३० जून २०१७

भारत के विपक्षी दल देश में नये राष्ट्रव्यापी टैक्स सिस्टम जीएसटी के लॉन्च का बहिष्कार कर रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार भारत में देश में आज तक का सबसे बड़ा टैक्स सुधार लागू करने जा रही है.

https://p.dw.com/p/2fiHA
Indien - Neu Delhi - Finanzminister Arun Jaitley beim Parlament um das Indien Union Budget zu präsentieren
तस्वीर: Getty Images/AFP/M. Sharma

एक ओर व्यापारी समुदाय देश में लागू होने वाले अब तक के सबसे बड़े टैक्स बदलाव को लेकर तैयारियों में लगा है, तो दूसरी ओर मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस बीजेपी सरकार के आधी रात को गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) लॉन्च करने को "लोकप्रियता बटोरने की नौटंकी" बता रही है. कई अन्य विपक्षी पार्टियां संसद के दोनों सदनों की विशेष संयुक्त बैठक में जीएसटी के लॉन्च के बॉयकॉट में हिस्सा लेने वाली हैं. यह विशेष सत्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुलाया है और 30 जून की आधी रात से नया टैक्स सुधार लागू होना है.

आज तक भारत के संसदीय इतिहास में इससे पहले तीन बार ही ऐसी मध्यरात्रि बैठकें हुई हैं. सबसे पहली 1947 की आजादी की घोषणा वाली रात को, फिर उसकी 25वीं और 50 वर्षगांठ को. कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने इसे "भारत की आजादी के संघर्ष और उससे जुड़े बलिदानों की याद का अपमान" बताया है. राष्ट्रीय जनता दल के प्रवक्ता मनोज कुमार झा ने कहा, "वैसे तो हम जीएसटी के पक्ष में रहे हैं, लेकिन हमें लगता है कि इससे जुड़ी कई चिंताएं हैं, खासकर छोटे और मझोले स्तर के व्यापारी और निर्माण इकाइयों से जुड़ी, जिनका अभी कुछ नहीं हो सका है."

एक जुलाई से देश भर में लागू होने वाले टैक्स बदलावों के जरिये सरकार 20 से अधिक तरह के अलग अलग राज्य और केंद्र सरकार के टैक्सों की जगह केवल एक तरह का टैक्स लाना चाहती है. सरकार का मानना है कि इससे भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी और अर्थव्यवस्था सही मायने में डिजिटल युग में प्रवेश करेगी. लेकिन कई अर्थशास्त्रियों का कहना है कि इसके लागू होने में बड़े शुरुआती झटके लगने की संभावना है, जिससे शॉर्ट टर्म में अर्थव्यवस्था में मंदी आती दिखेगी. इसे लागू किये जाने के विरोध में देश की टेक्सटाइल जैसी कुछ इंडस्ट्रीज के प्रतिनिधि हड़ताल पर हैं.

जीएसटी बिल को संसद में पास करवाने में अब तक एक दशक का समय बीत चुका है. पहले जीएसटी में पूरे देश के लिए एक ही टैक्स की परिकल्पना की गयी थी, लेकिन अब चार तरह के यानि 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत टैक्स का प्रस्ताव पास हुआ है. भारत में पुराने नोट बंद करने के फैसले को लागू हुए अभी एक साल से भी कम समय हुआ है और मोदी सरकार दूसरा बड़ा आर्थिक सुधार ला रही है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने व्यापारियों को जीएसटी के कारण दो महीने देरी से टैक्स रिटर्न फाइल करने की मोहलत दी है. इसके पहले सरकार की ओर से जीएसटी पर दुविधा कम करने के मकसद से हेल्पलाइन टेलीफोन सुविधाएं दी गयी थीं.

आरपी/एमजे (एएफपी, रॉयटर्स)