विज्ञान के लिए शानदार रहा 2016
2016 में दुनिया भर में कुछ ऐसी खोजें हुई जो लंबे समय तक इंसान की मदद करेंगी. एक नजर इन खोजों पर.
गुरुत्व तरंगों की खोज
जून 2016 में इंसान ने पहली बार गुरुत्व तरंगों को रिकॉर्ड किया. वैज्ञानिक 1992 से इन तरंगों को खोज रहे थे. ये तरंगें ब्रह्मांड की उत्पत्ति और विस्तार के बारे में कई सवाल सुलझा सकती हैं.
तीन माता पिता वाला बच्चा
मई 2016 में दुनिया में पहली बार एक ऐसे बच्चे का जन्म हुआ जो दो महिलाओं के अंडाणु और एक पुरुष के शुक्राणु से पैदा हुआ. मेक्सिको में पैदा हुआ वह बच्चा पूरी तरह स्वस्थ है. वैज्ञानिकों ने मुताबिक इस तकनीक के जरिये बच्चे को मां से मिलने वाली आनुवांशिक बीमारियों से बचाया जा सकेगा.
जीन एडिटिंग
इस साल अमेरिकी वैज्ञानिकों ने सूअर के भीतर इंसानी अंग विकसित करने में भी सफलता पाई. जीन एडिटिंग की मदद से वैज्ञानिकों ने सूअर के भ्रूण में इंसान की स्टेम कोशिकाएं डाली और 28 दिन बाद इंसानी अंग विकसित होने लगा.
सोलर इम्पल्स 2 की उड़ान
जुलाई 2016 में पहली बार सौर ऊर्जा से उड़ने वाले विमान सोलर इम्पल्स 2 ने पूरी दुनिया का चक्कर पूरा किया. विमान कुल 42,000 किलोमीटर की उड़ान भरी.
सीओटू को पत्थर बनाया
जलवायु परिवर्तन के बढ़ते खतरे के बीच विज्ञान की दुनिया से एक राहत भरी खबर आई. उत्तरी ध्रुव के पास बसे देश आइसलैंड में वैज्ञानिकों ने कार्बन डाय ऑक्साइड को चूने के पत्थर में तब्दील करने में कामयाबी पाई.
हीलियम का भंडार
तंजानिया में हीलियम गैस का विशाल भंडार मिलते ही मेडिकल साइंस ने चैन की सांस ली. हवाई जहाज के टायरों में भरी जाने वाली इस गैस का सबसे ज्यादा इस्तेमाल एमआरआई और स्कैनिंग मशीनों में होता है. खोज से पहले दुनिया भर में हीलियम की कमी महसूस की जा रही थी.
एचआईवी की वैक्सीन
लाइलाज बीमारी एड्स के खिलाफ भी 2016 में एक बड़ी सफलता मिली. पहली बार वैज्ञानिकों ने एचआईवी को खत्म करने वाली एक वैक्सीन बनाई. भारत और दक्षिण अफ्रीका समेत कई देशों में फिलहाल वैक्सीन का क्लीनिकल ट्रायल चल रहा है.
अंतहीन डाटा स्टोरेज
नैनो स्ट्रक्चर का इस्तेमाल कर अमेरिकी वैज्ञानिकों ने एक छोटी ग्लास डिस्क बनाई. बहुत ही छोटी डिस्क में 360 टेराबाइट डाटा स्टोर किया जा सकता है. 1000 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर भी डिस्क सुरक्षित रहेगी. बड़ी डिस्क में अथाह डाटा जमा किया जा सकता है.
फिर इस्तेमाल होने वाला रॉकेट
अमेरिका की निजी रॉकेट कंपनी स्पेसएक्स ने पहली बार दुनिया के सामने फिर से इस्तेमाल होने वाला रॉकेट पेश किया. समुद्र में फाल्कन 9 लॉन्च पैड से छोड़ा गया यह रॉकेट अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन तक गया और फिर वापस प्लेटफॉर्म पर लौट आया. वापसी के दौरान रॉकेट बिल्कुल खड़ा खड़ा लौटा.
हाईपरलूप ट्रैवल
अमेरिकी स्टार्ट अप कंपनी हाईपरलूप ने इस साल अपनी तकनीक दुनिया के सामने रखी. सुरंग के भीतर बेहद उच्च दबाव में कंपनी ने सुपरसोनिक रफ्तार हासिल करके दिखाई. 1,125 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से यात्रा करने वाले कंपार्टमेंट में भविष्य में यात्रा की जा सकेगी.
सेल्फ ड्राइविंग कार
खुद चलने वाली गाड़ियों के बारे में लोग सालों से कल्पना कर रहे थे लेकिन 2016 में यह ख्वाब हकीकत बन गया. दुनिया भर के कई देशों में खुद से चलने वाली गाड़ियों का ट्रायल शुरू हुआ.